ETV Bharat / city

जमशेदपुर में अतिक्रमण हटाओ अभियान, खुले आसमान में रहने को विवश हुए कुछ लोग - जमशेदपुर में खुले आसमान के नीचे रहने को विवश लोग

जमशेदपुर के भुईयाडीह में जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. इस अभियान में एक दर्जन से ज्यादा मकान और दुकान को अतिक्रमण मुक्त किया गया. इस दौरान जिन लोगों का दुकान और मकान टूटा है वो खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हो गए हैं.

campaign to remove encroachment, अतिक्रमण हटाओ अभियान
अतिक्रमण हटाया गया
author img

By

Published : Jun 5, 2020, 4:34 AM IST

जमशेदपुरः लौहनगरी के भुईयाडीह में जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. वैसे इस अभियान में एक दर्जन से ज्यादा मकान और दुकान को अतिक्रमण मुक्त किया गया. वैसे जिन लोगों का मकान और दुकान टूटा है. वह लोग अब खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं.

और पढ़ें- पूर्व विधायकों ने की सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात, कोरोना की लड़ाई के लिए सौंपा 5.51 लाख का चेक

पीड़ित लोगों का सीधे तौर पर कहना है कि जिस जमीन पर बुलडोजर चली है, वह जमीन स्थानीय व्यक्ति से खरीदा था और वह भी मोटी रकम देकर. उनका कहना है कि जीवन भर की गाढ़ी कमाई जमीन खरीदने और मकान बनाने में खत्म हो गया और अब एक दर्जन से ज्यादा परिवार खुले आसमान के नीचे रह रहा है. लोगों का कहना है कि जिस व्यक्ति से उन्होंने जमीन खरीदा था उस व्यक्ति ने उन्हें अंधेरे में रखा, लेकिन जिला प्रशासन ने यह कहकर घर तोड़ दिया कि यह पूरी की पूरी सरकारी जमीन है और सरकारी जमीन पर कब्जा करना गैरकानूनी है. अब यह मकान और दुकान वाले लोग कहीं के नहीं रहे. एक तरफ जीवन भर की कमाई इस मकान और जमीन में लग गई और दूसरी तरफ अवैध जमीन होने के कारण मकान को तोड़ दिया गया और रहने के लिए अब छत भी नहीं है.

जमशेदपुरः लौहनगरी के भुईयाडीह में जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. वैसे इस अभियान में एक दर्जन से ज्यादा मकान और दुकान को अतिक्रमण मुक्त किया गया. वैसे जिन लोगों का मकान और दुकान टूटा है. वह लोग अब खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं.

और पढ़ें- पूर्व विधायकों ने की सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात, कोरोना की लड़ाई के लिए सौंपा 5.51 लाख का चेक

पीड़ित लोगों का सीधे तौर पर कहना है कि जिस जमीन पर बुलडोजर चली है, वह जमीन स्थानीय व्यक्ति से खरीदा था और वह भी मोटी रकम देकर. उनका कहना है कि जीवन भर की गाढ़ी कमाई जमीन खरीदने और मकान बनाने में खत्म हो गया और अब एक दर्जन से ज्यादा परिवार खुले आसमान के नीचे रह रहा है. लोगों का कहना है कि जिस व्यक्ति से उन्होंने जमीन खरीदा था उस व्यक्ति ने उन्हें अंधेरे में रखा, लेकिन जिला प्रशासन ने यह कहकर घर तोड़ दिया कि यह पूरी की पूरी सरकारी जमीन है और सरकारी जमीन पर कब्जा करना गैरकानूनी है. अब यह मकान और दुकान वाले लोग कहीं के नहीं रहे. एक तरफ जीवन भर की कमाई इस मकान और जमीन में लग गई और दूसरी तरफ अवैध जमीन होने के कारण मकान को तोड़ दिया गया और रहने के लिए अब छत भी नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.