जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला 16 जनवरी 1990 को गठित हुआ. औद्योगिक विकास और खनिजों के लिहाज से इस जिले का झारखंड में अहम स्थान है. पूर्वी सिंहभूम जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 53 फीसदी इलाका पहाड़ों और प्रकृति की तलहटियों में बसा है. प्रशासनिक दृष्टिकोण के अनुरूप इसे दो भागों में बांटा गया है. पहला धालभूम और दूसरा घाटशिला. यहां लौह अयस्क, कॉपर, यूरेनियम पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. पूर्वी सिंहभूम में 6 विधानसभा सीटे हैं. जिसमें पोटका अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित है. पश्चिमी जमशेदपुर में साक्षरता दर 85.81 फीसदी है. यहां मानगो, कदमा के इलाकों में बंगाली,और मुस्लिम जातियों के लोगों का हमेशा दबदबा रहा है.
जमशेदपुर पश्चिमी सीट से साल 2004 में सरयू राय ने जीत दर्ज की थी. 2009 में कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की थी. साल 2014 में भाजपा ने सरयू राय के खाते में विशाल जनादेश के साथ जीत दर्ज की थी. तत्कालीन विधायक और झारखंड सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय की मानें, तो मानगो, कदमा के इलाकों में बिजली, पानी, स्कूल, मानगो नगर निगम की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही सड़कों पर लगने वाले जाम से भी लोगों को छुटकारा मिला है.
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हालांकि विपक्षी पार्टियां सरयू राय के 5 सालों के कार्यकाल के बारे में कहती है कि अस्पताल, शिक्षा की सुविधा, युवाओं को रोजगार नहीं मिला है. केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार के होने के बावजूद यहां विकास नाम मात्र का हुआ है. जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा के मानगो के इलाके में व्यवसाईयों की मानें, तो सरयू राय ने मानगो के इलाकों में बेहतर काम किया है. वहीं, कई लोगों को मानना है कि विधायक कभी-कभार ही इन इलाकों में नजर आते हैं. विकास को लेकर जो दावे किए गए हैं, उसे जनता अस्वीकार करती है.