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राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर CM हेमंत सोरेन के बयान पर भाजपा ने किया पलटवार, कहा- युवाओं के भविष्य से खेल रही हेमंत सरकार - हेमंत सरकार पर युवाओं के भविष्य से खेलने का आरोप लगाया

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा नयी शिक्षा नीति पर गैर जिम्मेदाराना बयान की भाजपा ने कड़ी निंदा की है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान को गैर जिम्मेदाराना व नकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि हेमंत सराकर राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

bjp attacked on state government
जानकारी देते बीजेपी नेता
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Published : Sep 9, 2020, 12:46 AM IST

जमशेदपुर: राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हुए सम्मेलन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा नयी शिक्षा नीति पर गैर जिम्मेदाराना बयान की भाजपा ने कड़ी निंदा की है. मंगलवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान को गैर जिम्मेदाराना व नकारात्मक बताया.

डॉ दिनेशानंद गोस्वामी का बयान

उन्होंने कहा कि 34 साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने के लिए देशभर के 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6600 ब्लॉक और 676 जिलों से सलाह ली गई है. 2 लाख से अधिक शिक्षाविदों, अध्यापकों, जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों और छात्रों सुझाव पर मंथन कर जन आकांक्षाओं के अनुरूप नई शिक्षा नीति को साकार किया गया है. पूर्व की यूपीए सरकार ने 10 साल सत्ता में रहकर भी शिक्षा नीति बना न सकी. यूपीए सरकार द्वारा इतने लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद शिक्षा नीति लागू न बनाना शिक्षा के प्रति उनकी उदासीनता को दर्शाता है. डॉ गोस्वामी ने कहा कि झारखंड में सर्वाधिक क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती है, नई शिक्षा नीति के प्रावधान के अनुसार प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होगी. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से प्रतिभा पलायन में कमी आएगी, विदेशों में स्थापित विश्वविद्यालय भारत में आएंगे, भारत के विश्वविद्यालयों में और अधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी.

ये भी पढ़ें- मैट्रिक और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थी स्कूलों में शिक्षकों से ले सकेंगे परामर्श, छोटा किया जा रहा है सिलेबस


एससी, एसटी, ओबीसी, लड़कियों, दिव्यांगों और गरीब वंचित तबके के लिए विशेष सुविधाएं होंगी. सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थाओं में छात्रों को छात्रवृत्ति उपलब्ध होंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विचलित न होने की सलाह देते हुए डॉ गोस्वामी ने कहा कि नई शिक्षा नीति ज्ञान आधारित है. जिसमें व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया गया है. उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में उच्च शिक्षा के लिए एक स्वतंत्र मंत्री का न होना झामुमो सरकार की शिक्षा के प्रति उदासीनता को दर्शाता है.
डाॅ गोस्वामी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक शिक्षा में वालक- बालिकाओं को बस्ते के बोझ से मुक्त किया गया. उनका बचपन लौटाया जा रहा है, डाॅ गोस्वामी ने कहा कि इस शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों में आत्मविश्वास की भावना जागृत होगी. भारत शिक्षित होगा, युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.



डॉ गोस्वामी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गैर जिम्मेदाराना बयान दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीति से परिपूर्ण है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को स्वर्णिम अवसर प्रदान करेगी, हेमंत सरकार युवा व छात्रों को दिग्भ्रमित कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न करे. वहीं, महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि उच्च लक्ष्यों वाली नई शिक्षा नीति 21वीं सदी में भारत की जरूरतों चुनौतियों को पूरा करने में सक्षम साबित होगा. भाजपा सरकार क्षेत्रीय और जनजाति भाषाओं के विकास के लिये वचनवद्ध है, राज्य की संथाली भाषा को 8वीं अनुसूची में अटल जी की सरकार ने ही शामिल कराया था. रेलवे द्वारा संथाली भाषा मे उद्घोषणा मोदी सरकार की देन है. पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने कुडुख, मुंडारी एवं 'हो' भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिये केंद्र को अनुशंसा की. हेमंत सरकार को आज स्थानीय भाषाओं की चिंता सता रही जबकि इनकी सरकार ने ही जेपीएससी परीक्षा में इसका अवमूल्यन किया था. प्रेस वार्ता में महामंत्री अनिल मोदी, राकेश सिंह एवं मीडिया प्रभारी प्रेम झा उपस्थित थे.

जमशेदपुर: राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हुए सम्मेलन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा नयी शिक्षा नीति पर गैर जिम्मेदाराना बयान की भाजपा ने कड़ी निंदा की है. मंगलवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान को गैर जिम्मेदाराना व नकारात्मक बताया.

डॉ दिनेशानंद गोस्वामी का बयान

उन्होंने कहा कि 34 साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने के लिए देशभर के 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6600 ब्लॉक और 676 जिलों से सलाह ली गई है. 2 लाख से अधिक शिक्षाविदों, अध्यापकों, जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों और छात्रों सुझाव पर मंथन कर जन आकांक्षाओं के अनुरूप नई शिक्षा नीति को साकार किया गया है. पूर्व की यूपीए सरकार ने 10 साल सत्ता में रहकर भी शिक्षा नीति बना न सकी. यूपीए सरकार द्वारा इतने लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद शिक्षा नीति लागू न बनाना शिक्षा के प्रति उनकी उदासीनता को दर्शाता है. डॉ गोस्वामी ने कहा कि झारखंड में सर्वाधिक क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती है, नई शिक्षा नीति के प्रावधान के अनुसार प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होगी. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से प्रतिभा पलायन में कमी आएगी, विदेशों में स्थापित विश्वविद्यालय भारत में आएंगे, भारत के विश्वविद्यालयों में और अधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी.

ये भी पढ़ें- मैट्रिक और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थी स्कूलों में शिक्षकों से ले सकेंगे परामर्श, छोटा किया जा रहा है सिलेबस


एससी, एसटी, ओबीसी, लड़कियों, दिव्यांगों और गरीब वंचित तबके के लिए विशेष सुविधाएं होंगी. सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थाओं में छात्रों को छात्रवृत्ति उपलब्ध होंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विचलित न होने की सलाह देते हुए डॉ गोस्वामी ने कहा कि नई शिक्षा नीति ज्ञान आधारित है. जिसमें व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया गया है. उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में उच्च शिक्षा के लिए एक स्वतंत्र मंत्री का न होना झामुमो सरकार की शिक्षा के प्रति उदासीनता को दर्शाता है.
डाॅ गोस्वामी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक शिक्षा में वालक- बालिकाओं को बस्ते के बोझ से मुक्त किया गया. उनका बचपन लौटाया जा रहा है, डाॅ गोस्वामी ने कहा कि इस शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों में आत्मविश्वास की भावना जागृत होगी. भारत शिक्षित होगा, युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.



डॉ गोस्वामी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गैर जिम्मेदाराना बयान दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीति से परिपूर्ण है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को स्वर्णिम अवसर प्रदान करेगी, हेमंत सरकार युवा व छात्रों को दिग्भ्रमित कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न करे. वहीं, महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि उच्च लक्ष्यों वाली नई शिक्षा नीति 21वीं सदी में भारत की जरूरतों चुनौतियों को पूरा करने में सक्षम साबित होगा. भाजपा सरकार क्षेत्रीय और जनजाति भाषाओं के विकास के लिये वचनवद्ध है, राज्य की संथाली भाषा को 8वीं अनुसूची में अटल जी की सरकार ने ही शामिल कराया था. रेलवे द्वारा संथाली भाषा मे उद्घोषणा मोदी सरकार की देन है. पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने कुडुख, मुंडारी एवं 'हो' भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिये केंद्र को अनुशंसा की. हेमंत सरकार को आज स्थानीय भाषाओं की चिंता सता रही जबकि इनकी सरकार ने ही जेपीएससी परीक्षा में इसका अवमूल्यन किया था. प्रेस वार्ता में महामंत्री अनिल मोदी, राकेश सिंह एवं मीडिया प्रभारी प्रेम झा उपस्थित थे.

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