जमशेदपुर: सरकार द्वारा बिजली दर में बढ़ोतरी किए जाने पर कोल्हान के 19 उद्योगपतियों ने विभाग को बिजली सरेंडर करने के लिए पत्र लिखा है. सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि राज्य के लिए एक भयावह स्थिति बन रही है. इससे उद्योग बंद हो जाएंगे और लाखों बेरोजगार होंगे.
जमशेदपुर सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने सरकार द्वारा बिजली दर में बढ़ोतरी किए जाने पर विरोध जताया है. चैंबर ने सरकार की दोहरी नीति पर आपत्ति जताते हुए कहा कि एक तरफ सरकार मोमेंटम झारखंड और रोड शो के जरिए उद्यमियों को झारखंड में आमंत्रण दे रही है. वहीं, दूसरी तरफ उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है.
बता दें कि कोल्हान के विभिन्न इलाके में चल रहे 19 इंडस्ट्री द्वारा विभाग को बिजली सरेंडर करने का पत्र भेजा गया है. गौरतलब है कि 28 फरवरी के दिन सरकार ने कैबिनेट की बैठक में डोमेस्टिक बिजली दर में फेरबदल किया है. वहीं, उद्यमियों द्वारा पूर्व में कई बार बिजली दर की बढ़ोतरी के विरोध में पत्र लिखा गया है और सरकार से वार्ता भी की गई है. बावजूद कोई संशोधन नहीं हुआ. जिसके विरोध में वर्तमान में 19 उद्योगपतियों ने यह फैसला लिया है.
सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव विजय मुनका ने बताया कि 3 साल पहले बिजली दर की तुलना में आज बिजली दर में काफी इजाफा हुआ है. जबकि जेवीएनएल के अन्य दो एजेंसी डीवीसी और जुस्को द्वारा बिजली दर में बढ़ोतरी नहीं की गई है. ऐसे में जेवीएनएल के उपभोक्ता जिन में बड़ी संख्या में उद्योगपति शामिल है उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है.
विजय मुनका ने कहा कि कोल्हान में वर्तमान में 19 इंडस्ट्री ने बिजली सरेंडर का पत्र लिखा है. जबकि पूरे झारखंड में यह स्थिति बरकरार है और ऐसे में इंडस्ट्री के बंद होने से बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी. उन्होंने ये भी कहा कि कोल्हान में 30 से 40,000 के करीब लोग बेरोजगार हो जाएंगे. साथ ही ये भी बताया कि दूसरा विकल्प नहीं होने के कारण इंडस्ट्री बंद होने को बाध्य है.