जमशेदपुरः टाटा स्टील को ऊंचाई व पहचान दिलाने वाले कंपनी के पहले चेयरमैन सर दोराबजी टाटा की 161वीं जयंती पर जमशेदपुर के सिदगोड़ा में बने सीआरएम बारा तालाब जल संरक्षण के लिए अनोखी पहल की जा रही है.
बायोलॉजिकल डायवर्सिटी (जैव विविधता) के प्रति अपनी वचन बद्धता के तहत टाटा स्टील ने जमशेदपुर के सिदगोड़ा में सीआरएम बारा तालाब का सौंदर्यीकरण किया है.
सीआरएम बारा तालाब सौंदर्यीकरण परियोजना अपशिष्ट से मूल्य सृजन का एक आदर्श उदाहरण है. यह तालाब वर्षा जल संचयन सुविधा के साथ विभिन्न वनस्पतियों व जीवों के साथ एक सुंदर क्षेत्र है. सीआरएम बारा तालाब स्थिरता, हरियाली और जैव विविधता का पर्याय है. नवनिर्मित तालाब न केवल वर्षा जल संचयन में सहायता करेगा, बल्कि ग्राउंड वाटर टेबल को रिचार्ज भी करेगा.
यह विशेष पहल इस तथ्य का प्रमाण है कि मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां एक ईको फ्रेंडली वातावरण में साथ-साथ फल फूल सकती है. 14 एकड़ में फैले सीआरएम बारा तालाब के कायाकल्प परियोजना एक वर्ष के रिकॉर्ड समय में पूरी हुई है. इससे पहले सीआरएम बारा तालाब में एक बड़े और दो छोटे जल निकाय थे, जो तेजी से लुप्त हो रहे थे. गायब हो चुके बड़े जल निकायों को मिला कर अब वैज्ञानिक तरीके से इसे बनाया गया है.
दूषित तालाब बना खूबसूरत
सिदगोड़ा के टीमकेण प्लांट के बगल में बने सीआरएम बारा तालाब है. पूर्व के समय इस तालाब में दूषित पानी जमा होता था. इस तालाब को नए सिरे से विकसित किया गया है. 14 एकड़ में फैले इस तालाब से साफ व स्वच्छ पानी की क्षमता विकसित हो सकेगी तालाब से सटे क्षेत्र बारीडीह बाज़ार, भुइयाडीह के क्षेत्रों में पानी की समस्या अक्सर होती है.
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इस तालाब के बनने के बाद से यहां जल संरक्षण हो पाएगा. यहां पहले एक बड़ा और दो छोटा पानी का तालाब था जहां गंदगी का अंबार होता था इसे नए सिरे से विकसित करते हुए 82 हजार क्यूबिक मीटर पानी को रोकने की क्षमता विकसित की गई है. इसकी खूबसूरती में तकरीबन 5 हजार नए पौधे लगाए गए हैं. तालाब के किनारे प्रवासी पक्षियों का डेरा भी जमने लगा है.