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सड़कों पर खड़े वाहन मौत को देते हैं दावत, 2018 में हो चुकी है 1138 मौत

जमशेदपुर में सड़कों पर इन दिनों भारी वाहन मौत बनकर दौड़ रही है. लगातार हो रही सड़क दुर्घटना के बावजूद जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. सड़क किनारे खड़े भारी वाहन रोजाना मौत को दावत देती हैं.

Accidents due to vehicles parked
जमशेदपुर में दुर्घटना
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Published : Jan 7, 2020, 10:13 AM IST

जमशेदपुर: शहर के मुख्य चौराहों और सड़क किनारे खड़ी भारी वाहनों के कारण पिछले एक साल में दर्जनों की मौत हो चुकी है. सड़क पर खड़े वाहनों ने जिंदगी की खुशियों में अंधकार ला दिया है. इनसे कब किसकी मौत आ जाये पता ही नहीं चलता.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

आज कल लौहनगरी में रोड पर खड़े वाहनों से आए दिन सामने या पीछे से दूसरे वाहन टकरा जाते हैं. जिसके कारण सड़क दुर्घटना में मौतों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. राष्ट्रीय राजमार्ग, शहरी क्षेत्र और होटलों के आस-पास सड़क पर खड़े किए गए वाहन हादसों का कारण बन रहे हैं.

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सड़क पर खड़े इन वाहनों में ना तो पार्किंग लाइट जलती है और ना ही सड़कों पर कोई ऐसी व्यवस्था है जिससे आने-जाने वाले दूसरे वाहनों को पता चल सके. अगर हाल की घटनाओं की बात करें तो परसुडीह थाना अंतर्गत खड़ी ट्रक में बोलेरो सवार ने धक्का मार दिया जिसमें एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं सोनारी थाना अंतर्गत मैरीन ड्राइव के पास एक इंजीनियर की मौत खड़ी ट्रक में मोटरसाइकिल टकरा जाने के कारण हुई थी.

एक नजर आकंड़ों पर

साल 2018 सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत के नाम रहा. जहां 2017 में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 867 थी, वहीं 2018 में आंकड़ा बढ़कर 1138 हो गई. वहीं हैरान करने वाली बात यह है कि मौत की संख्या घटने के बावजूद सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत में इजाफ़ा हुआ है.

ये भी पढ़ें- ट्रेन में बेहोशी की हालत में मिली महिला की 48 घंटों बाद हुई पहचान, रेलवे डॉक्टर ने देखना भी नहीं समझा था मुनासिब

2018 में पूर्वी सिंहभूम में जनवरी में 123 मौत, फरवरी-96 मौत, मार्च- 81 मौत, अप्रैल- 176 मौत, मई- 52 मौत, अगस्त- 132 मौत, सितंबर-79 मौत, अकटूबर- 42 मौत, नवंबर-87 मौत, दिसंबर-268 मौत हुई हैं. इसमें सबसे ज्यादा मौत धुंध और कोहरे की वजह से दिसंबर और जनवरी माह में हुई है.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान ननकाना साहिब पथराव मामले को लेकर झारखंड के सिख समाज में उबाल, दी कड़ी प्रतिक्रिया

दरअसल, सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. यहां थाने के सिपाही सिर्फ कहने के लिए ड्यूटी करते हैं. यहां हर दिन सड़कों पर रफ्तार के कहर से लोगों की मौत हो रही है. जरूरत है जिला प्रासाशन खबरों के माध्यम से प्रगतिशील बनकर इस पर त्वरित कार्यवाही करे.

जमशेदपुर: शहर के मुख्य चौराहों और सड़क किनारे खड़ी भारी वाहनों के कारण पिछले एक साल में दर्जनों की मौत हो चुकी है. सड़क पर खड़े वाहनों ने जिंदगी की खुशियों में अंधकार ला दिया है. इनसे कब किसकी मौत आ जाये पता ही नहीं चलता.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

आज कल लौहनगरी में रोड पर खड़े वाहनों से आए दिन सामने या पीछे से दूसरे वाहन टकरा जाते हैं. जिसके कारण सड़क दुर्घटना में मौतों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. राष्ट्रीय राजमार्ग, शहरी क्षेत्र और होटलों के आस-पास सड़क पर खड़े किए गए वाहन हादसों का कारण बन रहे हैं.

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सड़क पर खड़े इन वाहनों में ना तो पार्किंग लाइट जलती है और ना ही सड़कों पर कोई ऐसी व्यवस्था है जिससे आने-जाने वाले दूसरे वाहनों को पता चल सके. अगर हाल की घटनाओं की बात करें तो परसुडीह थाना अंतर्गत खड़ी ट्रक में बोलेरो सवार ने धक्का मार दिया जिसमें एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं सोनारी थाना अंतर्गत मैरीन ड्राइव के पास एक इंजीनियर की मौत खड़ी ट्रक में मोटरसाइकिल टकरा जाने के कारण हुई थी.

एक नजर आकंड़ों पर

साल 2018 सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत के नाम रहा. जहां 2017 में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 867 थी, वहीं 2018 में आंकड़ा बढ़कर 1138 हो गई. वहीं हैरान करने वाली बात यह है कि मौत की संख्या घटने के बावजूद सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत में इजाफ़ा हुआ है.

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2018 में पूर्वी सिंहभूम में जनवरी में 123 मौत, फरवरी-96 मौत, मार्च- 81 मौत, अप्रैल- 176 मौत, मई- 52 मौत, अगस्त- 132 मौत, सितंबर-79 मौत, अकटूबर- 42 मौत, नवंबर-87 मौत, दिसंबर-268 मौत हुई हैं. इसमें सबसे ज्यादा मौत धुंध और कोहरे की वजह से दिसंबर और जनवरी माह में हुई है.

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दरअसल, सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. यहां थाने के सिपाही सिर्फ कहने के लिए ड्यूटी करते हैं. यहां हर दिन सड़कों पर रफ्तार के कहर से लोगों की मौत हो रही है. जरूरत है जिला प्रासाशन खबरों के माध्यम से प्रगतिशील बनकर इस पर त्वरित कार्यवाही करे.

Intro:एंकर--जमशेदपुर में सड़कों पर इन दिनों भारी वाहन मौत बनकर दौड़ रही है.लगातार हो रही सड़क दुर्घटना के बावजूद जिला प्रशासन इस और ध्यान नहीं दे रहा है.सड़क किनारे खड़े भारी वाहन रोजाना मौत को दावत देने का काम करती है.शहर के मुख्य
चौराहों और सड़क किनारे खड़ी भारी वाहनों के कारण पिछले एक साल में दर्जनों की मौत हो चुकी है.


Body:वीओ1--सड़क पर खड़े एक वाहन ने जिंदगी की खुशियों में अंधकार ला दिया है.सड़कों पर खड़े वाहन कब किसकी मौत को दावत दें पता नहीं है.जी हाँ आज कल लौहनगरी में खड़े वाहनों से आए दिन दिन और रात में अक्सर सामने से या पीछे से वाहन टकरा जाते हैं.जिसके कारण सड़क दुर्घटना में मौतों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.राष्ट्रीय राजमार्ग, शहरी क्षेत्र,होटलों के आसपास सड़क पर खड़े किए गए वाहन हादसों का कारण बन रहे हैं.वाहनों में ना तो पार्किंग लाइट जलती है.और ना ही सड़कों पर कोई ऐसी व्यवस्था जिससे आने-जाने वाले दूसरे वाहनों को पता चल सके।हाल के घटनाओं के मुताबिक परसुडीह थाना अंतर्गत खड़ी ट्रक में बोलेरो सवार ने धक्का मार दिया जिसमें एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई.सोनारी थाना अंतर्गत मैरीन ड्राइव के समीप एक इंजीनियर की मौत खड़ी ट्रक में मोटरसाइकिल टकरा जाने के कारण.
एक नज़र आकंडों पर--
साल 2018 सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत के नाम रहा।जहाँ 2017 में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 867 थी वहीं इस बार आंकड़ा बढ़कर 2018 में 1138 हो गई.पर हैरानी वाली बात यह है कि मौत की संख्या घटने के बावजूद सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत में इजाफ़ा हुआ है।
साल 2018 में पूर्वी सिंहभूम में जनवरी--123,फरवरी-96,मार्च--81,अप्रैल--176,मई--52,
अगस्त--132,सितंबर--79,अकटुबर--42,नवंबर--87,दिसंबर--268 इसमें सबसे ज्यादा मौत धुंध, और कोहरे की वजह से दिसंबर और जनवरी के माह में हुई है.
बाइट--प्रवीण दुबे(स्थानीय)
बाइट--एसके०सिंह( मोटर सेफ्टी विभाग अधिकारी टाट स्टील में कार्यरत)


Conclusion:साल दरसाल सड़क दुर्घटना में मरने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.कहने को सिर्फ थाना के सिपाही ड्यूटी करते हैं.पर हर दिन सड़कों पर रफ्तार का कहर बनकर लोगों की मौत हो रही है.जरूरत है जिला प्रासाशन खबरों के माध्यम से प्रगतिशील बनकर इस पर त्वरित कार्यवाही करे।
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