जमशेदपुरः पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला के केशरपुर निवासी किंकर पात्रा कैंसर से ग्रस्त हैं. डॉक्टरों के अनुसार वे कैंसर के अंतिम चरण से जूझ रहे हैं. ऐसे समय में भी इनके दोनों पुत्र पिता से दूर गुजरात के दमन और दीव में फंसे हुए हैं. वे वहां एलाइट नाम की निजी कंपनी में मजदूरी करते हैं. लॉकडाउन के कारण और फाइनेंसल प्रॉब्लम के कारण उनके बेटे अमित पात्रा और समीर पात्रा अपने बीमार पिता से मिलने घर नहीं लौट पा रहे हैं.
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मामले में किंकर पात्रा की बुजुर्ग पत्नी आलादी पात्रा कई दिनों से झारखंड सरकार के मुख्य सचिव समेत घाटशिला के स्थानीय विधायक तक को पत्राचार कर मदद की फरियाद लगा चुकी है. पहल नहीं होने के बाद परिवार की आवाज को जयदीप आईच नाम के युवक ने ट्वीटर के जरिए पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी तक पहुंचाकर मदद करने का आग्रह किया. वहीं, इसपर त्वरित संज्ञान लेकर पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने बीमार पिता किंकर पात्रा और उनके परिवार से मिलने पहुंचे. उन्होंने परिवार को हर संभव सहयोग का भरोसा देते हुए दोनों बेटे की फौरन ही फ्लाइट की टिकट बुक करवायी.
बता दें कि तमिलनाडु की डॉक्टर चांदनी श्रीनिवासन ने स्वेच्छा से फ्लाइट टिकट का खर्च वहन किया. पांच जुलाई को सूरत से दिल्ली होते हुए देर शाम दोनों बेटे रांची तक पहुंच जाएंगे. रांची से घर पहुंचाने तक के लिए भी प्रबंधन किया जा चुका है. पिता की अंतिम इच्छा है कि मृत्यु से पहले वे अपने दोनों बेटों को गले लगा सकें. इस मार्मिक गुहार पर भावुक होकर पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने परिवार के सदस्यों की हिम्मत बढ़ायी और सहयोग का भरोसा दिलाया. परिवार से मिलने पहुंचे कुणाल षाड़ंगी के साथ पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष चंडी चरण साव, गालूडीह मंडल अध्यक्ष राजा राम महतो और युवा नेता दीपू शर्मा मौजूद थे.