जमशेदपुर: बैंकों के विलय नीति के विरोध में ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन और बैंक एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के नेतृत्व में मंगलवार को बैंकों में देशव्यापी हड़ताल रहा. बैंकों के हड़ताल होने से कोल्हान में 500 करोड़ के कारोबार पर असर पड़ा है. वहीं, आम जनता को हुई परेशानी पर कहा कि सरकार को बीच का रास्ता निकालना चाहिए.
200 बैंक रहे बंद
देशव्यापी बैंकों के हड़ताल से कारोबार पर वयापक असर पड़ा है, ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन और बैंक एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के बैंकों के विलय करने के विरोध में पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बैंकों का हड़ताल रहा. कोल्हान में 350 बैंक बंद रहे जिनमे जमशेदपुर में 200 बैंकों के बंद रहने से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा. बैंक हड़ताल रहने से नगद ट्रांजेक्शन के अलावा NEFT, RTGS और चेक क्लियरिंग का काम भी प्रभावित रहा है. ICICI, HDFC, IDBI कोऑपरेटिव बैंक और SBI हड़ताल से मुक्त रहा है.
ये भी पढ़ें- JVM सुप्रीमो जनादेश यात्रा के 12वें दिन, दुमका, देवघर और जामताड़ा की करेंगे यात्रा
SBI में छह बैंकों का हुआ था विलय
बता दें कि पूर्व में SBI में छह बैंकों का विलय हुआ था और बैंक आफ बड़ौदा में दो बैंक का विलय हुआ था. बैंक यूनियन का कहना है कि एक तरफ सरकार बैंकों के ब्रांच बढ़ाने की बात कर रही है, वहीं बैंकों के विलय होने से समस्या बढ़ेगी. निजी क्षेत्रों में छोटे बैंक के लिए लाइसेंस दिया जा रहा है. झारखंड प्रदेश बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन के उप महासचिव हीरा अरकने ने बताया है कि सरकार इस मामले में गंभीरतापूर्वक काम करे नहीं तो आने वाले दिनों में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. बैंकों के विलय होने से कर्मचारियों को परेशानी तो है ही आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. बैंक के हड़ताल से जमशेदपुर में 350 से 400 करोड़ का बैंकिंग कारोबार पर असर पड़ा है जबकि पूरे कोल्हान में 500 करोड़ का असर पड़ा है.
जनता को हुई परेशानी
वहीं आम जनता दिन भर बैंकों का चक्कर काटती रही लेकिन बैंक के बंद रहने से उन्हें निराशा ही हाथ लगी है. कुणाल राय और ओमप्रकाश ने बताया है कि बैंक के एक दिन के हड़ताल से उनके रुटीन काम में असर पड़ता है. सरकार को इस मामले में बीच का रास्ता निकालना चाहिए, जिससे आम जनता को परेशानी ना हो.
वर्तमान में विलय होने वाले बैंक
- पंजाब नेशनल बैंक में
- ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स यूनाइटेड बैंक
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में
- कारपोरेशन बैंक आंध्र बैंक
- केनरा बैंक में
- सिंडिकेट बैंक
- इंडियन बैंक में
- इलाहाबाद बैंक का विलय होना है जिसका बैंक यूनियन विरोध कर रही है.