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जब तक हम बानी झारखंड में केहू के चिंता करे के जरूरत नइखे: बन्ना गुप्ता - Jharkhand news

1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति (1932 Khatian Based Sthaniya Niti) को लेकर विरोध के सुर भी उठने लगे हैं. इसे देखते हुए जमशेदपुर में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भोजपुरी में अपने अंदाज में कहा कि 'जब तक हम बानी झारखंड में केहू के चिंता करे के जरूरत नइखे'.

Banna Gupta said no one will be harmed in Jharkhand
Banna Gupta said no one will be harmed in Jharkhand
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Published : Sep 18, 2022, 4:25 PM IST

Updated : Sep 18, 2022, 8:49 PM IST

जमशेदपुर: हेमंत सोरेन सरकार ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति (1932 Khatian Based Sthaniya Niti) को मंजूरी दी है. झामुमो के नेता इस मास्टर स्ट्रोक पता रहे हैं. वहीं नई स्थानीय नीति को लेकर महागठबंधन के अंदर से भी विरोध के आवाज उठ रहे हैं. सबसे ज्यादा असमंजस की स्थिति कोल्हाल को लेकर है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि किसी को चिंता करने की जरुरत नहीं है. किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होगी.

ये भी पढ़ें: स्थानीय नीति के खिलाफ पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने खोला मोर्चा, कहा- यह पॉलिसी स्वीकार नहीं

जमशेदपुर दौरे पर पहुंचे जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा के कांग्रेस विधायक और झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरकार के 1932 खतियान के आधारित स्थानीय नीति के मामले में कहा है कि किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से जब इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने अनोखे अंदाज में इसका जवाब दिया. स्वास्थ्य मंत्री ने भोजपुरी भाषा में कहा कि झारखंड में जो भी है सभी झारखंडी हैं किसी का कोई अपमान नहीं होगा. ना ही किसी की सुरक्षा में कोई कमी आएगी. उन्होंने भोजपुरी में कहा कि 'जब तक बन्ना गुप्ता बा केहू के चिंता करे के जरूरत नइखे'.

बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री


झारखंड सरकार ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति को मंजूरी दी है. इसके बाद महागठबंधन में भी कई नेता इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं बीजेपी इसे लेकर झामुमो पर आक्रामक है. इस मामले में पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने कहा कि 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति के विरोध की वजह है. उन्होंने कहा कि कोल्हान में सर्वे 1958 में हुआ था और सेटलमेंट खतियान 1964-65 में बना था. इस स्थिति में सिर्फ 1932 को आधार बनाया गया तो उसका नुकसान कोल्हान के 45 लाख से ज्यादा लोगों को भुगतना पड़ेगा.

जमशेदपुर: हेमंत सोरेन सरकार ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति (1932 Khatian Based Sthaniya Niti) को मंजूरी दी है. झामुमो के नेता इस मास्टर स्ट्रोक पता रहे हैं. वहीं नई स्थानीय नीति को लेकर महागठबंधन के अंदर से भी विरोध के आवाज उठ रहे हैं. सबसे ज्यादा असमंजस की स्थिति कोल्हाल को लेकर है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि किसी को चिंता करने की जरुरत नहीं है. किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होगी.

ये भी पढ़ें: स्थानीय नीति के खिलाफ पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने खोला मोर्चा, कहा- यह पॉलिसी स्वीकार नहीं

जमशेदपुर दौरे पर पहुंचे जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा के कांग्रेस विधायक और झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरकार के 1932 खतियान के आधारित स्थानीय नीति के मामले में कहा है कि किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से जब इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने अनोखे अंदाज में इसका जवाब दिया. स्वास्थ्य मंत्री ने भोजपुरी भाषा में कहा कि झारखंड में जो भी है सभी झारखंडी हैं किसी का कोई अपमान नहीं होगा. ना ही किसी की सुरक्षा में कोई कमी आएगी. उन्होंने भोजपुरी में कहा कि 'जब तक बन्ना गुप्ता बा केहू के चिंता करे के जरूरत नइखे'.

बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री


झारखंड सरकार ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति को मंजूरी दी है. इसके बाद महागठबंधन में भी कई नेता इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं बीजेपी इसे लेकर झामुमो पर आक्रामक है. इस मामले में पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने कहा कि 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति के विरोध की वजह है. उन्होंने कहा कि कोल्हान में सर्वे 1958 में हुआ था और सेटलमेंट खतियान 1964-65 में बना था. इस स्थिति में सिर्फ 1932 को आधार बनाया गया तो उसका नुकसान कोल्हान के 45 लाख से ज्यादा लोगों को भुगतना पड़ेगा.

Last Updated : Sep 18, 2022, 8:49 PM IST
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