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जमशेदपुर न्यायालय ने 1 व्यक्ति को 10 साल की सजा सुनाई, पत्नी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला

जमशेदपुर में न्यायालय ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में पति को दोषी पाए जाने पर 10 वर्ष कैद की सजा के साथ 30 हजार जुर्माना राशि की सजा सुनाई है. मार्च 2018 का है जब उसकी पत्नी की लाश फंदे से झूलते हुई मिली थी.

1 person sentenced to 10 years by court
जमशेदपुर न्यायालय
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Published : Sep 9, 2020, 3:01 AM IST

जमशेदपुर: जमशेदपुर न्यायालय ने सोनारी की रहने वाली निशा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में पति को दोषी पाए जाने पर 10 वर्ष कैद की सजा के साथ 30 हजार जुर्माना राशि की सजा सुनाई है न्यायालय ने जुर्माना राशि मृतिका की मां को देने के लिए कहा है.


जमशेदपुर न्यायालय में जिला एवं सत्र न्यायाधीश (10) अनुज कुमार की अदालत ने मंगलवार को सोनारी रूपनगर की निशा कुमारी की मौत के मामले में उसके पति माधव कुमार उर्फ करण कुमार को दोषी पाकर सजा सुनाई है. अदालत ने माधव कुमार को 10 वर्ष कैद की सजा के साथ 30 हज़ार जुर्माना राशि की सजा सुनाई है, जुर्माना राशि मृतिका की मां सुधा देवी को दी जाएगी. अदालत ने निशा देवी आत्महत्या में पोस्टमार्टम के डॉक्टर समेत 8 लोगों की गवाही पर और अन्य साक्ष्यों के आधार पर मामले में केवल अभियुक्त निशा के पति माधव उर्फ करण को सजा सुनाई है जबकि अन्य अभियुक्तों में निशा की सास कमला देवी और भाई छोटका कुमार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

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इस मामले में लोक अभियोजक सुशील कुमार जयसवाल ने बताया है वर्ष 2016 में सोनारी दुर्गा पूजा मैदान के पास की रहने वाली सुधा देवी की पुत्री निशा ने रूप नगर के माधव उर्फ करण के साथ प्रेम विवाह कर लिया था. शादी के कुछ दिनों बाद तक सब कुछ ठीक रहा लेकिन कुछ दिन बाद निशा को दहेज के लिए उसका पति माधव सास और देवर द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा और उस पर दबाव दिया जाता था कि वह अपने मायके से दहेज के लिए रुपए मांग कर लाए अन्यथा उसे जान से मार दिया जाएगा. लगातार प्रताड़ित किये जाने से प्रताड़ना से तंग होकर 14 मार्च 2018 को रात के 9:30 बजे निशा की लाश फांसी के फंदे पर झूलती हुई मिली थी. उसने आत्महत्या कर लिया था, इस संबंध में निशा की मां सुधा देवी के बयान पर सोनारी थाना में दहेज के लिए मारपीट करने हत्या का मामला दर्ज किया गया था. जिसमें पति सास और देवर अभियुक्त बनाए गए थे. लोक अभियोजक ने बताया है कि अदालत ने 8 गवाहों की गवाही से संतुष्ट होकर सज़ा सुनाई है. उन्होंने बताया है कि कि सरकार की इस मामले में गवाहों के बयान और अन्य साक्ष्यों को कोर्ट में तार्किक ढंग से रखा गया और प्रमाणित किया कि दहेज के लिए प्रताड़ना और मारपीट से तंग तबाह होकर निशा कुमारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

जमशेदपुर: जमशेदपुर न्यायालय ने सोनारी की रहने वाली निशा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में पति को दोषी पाए जाने पर 10 वर्ष कैद की सजा के साथ 30 हजार जुर्माना राशि की सजा सुनाई है न्यायालय ने जुर्माना राशि मृतिका की मां को देने के लिए कहा है.


जमशेदपुर न्यायालय में जिला एवं सत्र न्यायाधीश (10) अनुज कुमार की अदालत ने मंगलवार को सोनारी रूपनगर की निशा कुमारी की मौत के मामले में उसके पति माधव कुमार उर्फ करण कुमार को दोषी पाकर सजा सुनाई है. अदालत ने माधव कुमार को 10 वर्ष कैद की सजा के साथ 30 हज़ार जुर्माना राशि की सजा सुनाई है, जुर्माना राशि मृतिका की मां सुधा देवी को दी जाएगी. अदालत ने निशा देवी आत्महत्या में पोस्टमार्टम के डॉक्टर समेत 8 लोगों की गवाही पर और अन्य साक्ष्यों के आधार पर मामले में केवल अभियुक्त निशा के पति माधव उर्फ करण को सजा सुनाई है जबकि अन्य अभियुक्तों में निशा की सास कमला देवी और भाई छोटका कुमार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

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इस मामले में लोक अभियोजक सुशील कुमार जयसवाल ने बताया है वर्ष 2016 में सोनारी दुर्गा पूजा मैदान के पास की रहने वाली सुधा देवी की पुत्री निशा ने रूप नगर के माधव उर्फ करण के साथ प्रेम विवाह कर लिया था. शादी के कुछ दिनों बाद तक सब कुछ ठीक रहा लेकिन कुछ दिन बाद निशा को दहेज के लिए उसका पति माधव सास और देवर द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा और उस पर दबाव दिया जाता था कि वह अपने मायके से दहेज के लिए रुपए मांग कर लाए अन्यथा उसे जान से मार दिया जाएगा. लगातार प्रताड़ित किये जाने से प्रताड़ना से तंग होकर 14 मार्च 2018 को रात के 9:30 बजे निशा की लाश फांसी के फंदे पर झूलती हुई मिली थी. उसने आत्महत्या कर लिया था, इस संबंध में निशा की मां सुधा देवी के बयान पर सोनारी थाना में दहेज के लिए मारपीट करने हत्या का मामला दर्ज किया गया था. जिसमें पति सास और देवर अभियुक्त बनाए गए थे. लोक अभियोजक ने बताया है कि अदालत ने 8 गवाहों की गवाही से संतुष्ट होकर सज़ा सुनाई है. उन्होंने बताया है कि कि सरकार की इस मामले में गवाहों के बयान और अन्य साक्ष्यों को कोर्ट में तार्किक ढंग से रखा गया और प्रमाणित किया कि दहेज के लिए प्रताड़ना और मारपीट से तंग तबाह होकर निशा कुमारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

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