हजारीबागः अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कई कार्यक्रम का आयोजन पूरे देश भर में हो रहा है. लेकिन इससे हटकर झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव बहोरनपुर में जाकर महिलाओं को सजग किया और उनके अधिकार के बारे में जानकारी दी.
पूरे देश में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है, समाज उन महिलाओं को सम्मानित भी कर रहा है. जो प्रेरणा के स्रोत हैं, तो ऐसी महिलाएं भी हैं जो अन्य महिलाओं को अपनी सफलता का रहस्य बता रही है ताकि वह भी सबल हो सके, लेकिन इससे हट कर झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार की टीम हजारीबाग से दूर ग्रामीण क्षेत्र बहोरनपुर गांव में महिलाओं को उनके अधिकार और उनके कर्तव्य को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया. जहां गांव की महिलाओं को एकत्रित कर यह बताया जा रहा है कि कानून ने उन्हें क्या शक्ति दी है और उनका कैसे उपयोग करें.
इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से कई योजना भी चल रही है. उसका भी लाभ महिलाएं कैसे उठा सकती हैं. इस कार्यक्रम में अधिवक्ता, न्यायधीश समेत कई समाजसेवी ने हिस्सा लिया. इस दौरान झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने बताया कि निःशुल्क महिलाएं कानून की सहायता ले सकती हैं. जिन्हें जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में पहुंचकर आवेदन देना होगा. जिसके जरिए उन्हें सेवा ले सकती है.
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वहीं, महिलाओं को बताया गया कि निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 है. इस अधिनियम के जरिए हर एक व्यक्ति को शिक्षा पाने का अधिकार है. महिलाएं भी इसका लाभ ले सकती हैं. कार्यक्रम में पहुंचे झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम ने बताया कि हमने सुदूर गांव इसलिए चुना है कि यहां अभी भी अशिक्षा है, लोग अंधविश्वास पर विश्वास कर रहे हैं. पुरुष महिलाओं का दमन कर रहे हैं. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को उनकी शक्ति उनकी जिम्मेवारी और उनके अधिकार के बारे में विस्तृत जानकारी हम लोग ने दिया है. निसंदेह गांव की महिलाएं जब सशक्त होंगी तो हमारा देश भी विकसित होगा.