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सुरक्षित प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा भरोसा, बड़े घर की महिलाएं भी यहीं करा रहीं डिलीवरी

हजारीबाग में प्रसूति के लिए कई निजी नर्सिंग होम खोले गए हैं लेकिन इन निजी नर्सिंग होम में बड़ी फीस और सारी व्यवस्था न होने के कारण लोग सरकारी अस्पताल (Government Hospital) की ओर रुख कर रहे हैं. सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं. इसके साथ ही सरकारी योजनाओं का भी लाभ भी दिया जा रहा है. जिसके कारण अब समृद्ध परिवार के लोग भी सरकारी अस्पताल पहुंच रहे हैं.

pregnant women reaching government hospitals for delivery in hazaribag
मेडिकल कॉलेज अस्पताल
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Published : Jun 22, 2021, 11:49 AM IST

Updated : Jun 23, 2021, 6:56 AM IST

हजारीबाग: पूरे राज्य में बेतहाशा निजी नर्सिंग होम(Private Nursing Home) खुलते जा रहे हैं. खासकर छोटे शहरों में प्रसूति के लिए कई नर्सिंग होम खोले गए हैं. जहां मरीज और उसके परिजनों से मोटी रकम वसूली जाती है. इसके साथ ही दवाएं भी बहुत महंगी लिखी जाती हैं. इसके मद्देनजर अब समृद्ध परिवार के लोग भी सरकारी अस्पताल(Government Hospital) की ओर रुख कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पलामू में प्रसव के लिए सरकारी सिस्टम पर भरोसा, 70 प्रतिशत लोग पहुंचते हैं सरकारी अस्पताल


प्रसूव के लिए सरकारी अस्पताल का रुख

शायद ही ऐसा कोई शहर हो जहां कई निजी नर्सिंग होम न हों. कई जगह तो छोटे-छोटे कमरों में प्रसूति गृह चलाए जा रहे हैं. जहां गरीब और भोले-भाले ग्रामीणों को एजेंट की ओर से लाया जाता है और उनसे मोटी रकम वसूली जाती है. लेकिन धीरे-धीरे अब लोगों में जागरुकता आ रही है और लोग निजी नर्सिंग होम की बजाय सरकारी प्रसूति अस्पताल (Government Maternity Hospital) की ओर रुख कर रहे हैं. सबसे अधिक गरीब वर्ग के लोग यहां देखे जा सकते हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

प्रसव के लिए सबसे सुरक्षित सरकारी अस्पताल

वहीं, कुछ बदलाव ऐसा भी आया है कि समृद्ध परिवार के लोग भी प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल (Government Hospital) पहुंचते हैं. हजारीबाग सदर अस्पताल के सिविल सर्जन बताते हैं कि ब्लॉक लेवल में भी स्वास्थ्य केंद्र हैं, वहां भी प्रसव कराया जाता है. अगर स्थिति सामान्य नहीं होती है तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical College Hospital) रेफर करते हैं. जहां प्रसव कराया जाता है. वे कहते हैं कि अस्पताल में प्रसव के लिए सारी व्यवस्था है. अगर रक्त की आवश्यकता पड़ती है तो ब्लड बैंक, अल्ट्रासाउंड, दवा, ट्रेंड डॉक्टर और नर्स उपलब्ध है. ऐसे में सरकारी अस्पताल प्रसव के लिए सबसे सुरक्षित माने जा सकते हैं.

ममता वाहन की है व्यवस्था

ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को अस्पताल लाने के लिए ममता वाहन की भी व्यवस्था है, जिससे महिलाओं को अस्पताल लाने की निशुल्क व्यवस्था की जा सके. इसके अलावा सरकारी एंबुलेंस, 108 भी कार्य करती है, जो घर से मरीज को अस्पताल पहुंचाती है.


सरकारी अस्पताल में बढ़ी प्रसव की संख्या

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Hazaribag Medical College Hospital) में सेवा देने वाली डिलीवरी यूनिट की हेड नर्स बताती हैं कि उन लोगों ने कोरोना काल में भी महिलाओं के प्रसव कराए हैं. इसके लिए भी अलग व्यवस्था की गई थी. पीपी किट पहनकर वे लोग सेवा देती थी ताकि बच्चा और उसकी मां सुरक्षित रहे. सबसे सुखद बात यह है कि शत-प्रतिशत सकारात्मक रिजल्ट भी आ रहे हैं. इसके अलावा सामान्य डिलीवरी के लिए भी उनके पास पूरी व्यवस्था है. दूसरी नर्स बताती हैं कि वे लोग गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) के साथ-साथ उनकी कोख में पल रहे बच्चे का भी ख्याल रखती हैं. जब बच्चे का जन्म होता है तो उसे टीका देना, बच्चे का वजन करना, बच्चे की तबीयत खराब है तो उसके लिए अलग से इलाज करवाना, सारी व्यवस्था अस्पताल में है. इस कारण अब सरकारी अस्पताल में प्रसव की संख्या बढ़ी है.


निजी नर्सिंग होम में वसूला जाता है अधिक पैसा

महिला बताती है कि निजी नर्सिंग होम (Private Nursing Home) में जाते हैं तो अत्यधिक पैसा लिया जाता है और महंगी दवाई भी दी जाती है. इस कारण निजी नर्सिंग होम से अच्छा सरकारी अस्पताल है. जहां डॉक्टर और नर्स हमेशा रहती हैं. इसके साथ ही सारी सुविधा निशुल्क है, इसलिए हम लोग यहां पर पहुंचते हैं.


सहिया करती हैं गर्भवती महिलाओं की मदद

ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाली सहिया बताती हैं कि उन लोगों के पास अपने क्षेत्र की प्रत्येक महिला की जानकारी होती है. वैसी महिला जिसने गर्भ धारण किया हो, उसका वे अलग से नाम, पता और मोबाइल नंबर रखते हैं. जब भी जरूरत होती है तो महिला की मदद की जाती है. प्रसव के समय उन्हें अस्पताल लाने की भी वे व्यवस्था करती हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल या फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सारी व्यवस्था है. वर्तमान समय में भले ही हर मोहल्ले गली में नर्सिंग होम खुल गए हैं, लेकिन अब लोगों का रुझान सरकारी अस्पताल(Government Hospital) की ओर हो रहा है. जिसके कारण अच्छे डॉक्टर, नर्स और दवा की उपलब्धता है.

हजारीबाग: पूरे राज्य में बेतहाशा निजी नर्सिंग होम(Private Nursing Home) खुलते जा रहे हैं. खासकर छोटे शहरों में प्रसूति के लिए कई नर्सिंग होम खोले गए हैं. जहां मरीज और उसके परिजनों से मोटी रकम वसूली जाती है. इसके साथ ही दवाएं भी बहुत महंगी लिखी जाती हैं. इसके मद्देनजर अब समृद्ध परिवार के लोग भी सरकारी अस्पताल(Government Hospital) की ओर रुख कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पलामू में प्रसव के लिए सरकारी सिस्टम पर भरोसा, 70 प्रतिशत लोग पहुंचते हैं सरकारी अस्पताल


प्रसूव के लिए सरकारी अस्पताल का रुख

शायद ही ऐसा कोई शहर हो जहां कई निजी नर्सिंग होम न हों. कई जगह तो छोटे-छोटे कमरों में प्रसूति गृह चलाए जा रहे हैं. जहां गरीब और भोले-भाले ग्रामीणों को एजेंट की ओर से लाया जाता है और उनसे मोटी रकम वसूली जाती है. लेकिन धीरे-धीरे अब लोगों में जागरुकता आ रही है और लोग निजी नर्सिंग होम की बजाय सरकारी प्रसूति अस्पताल (Government Maternity Hospital) की ओर रुख कर रहे हैं. सबसे अधिक गरीब वर्ग के लोग यहां देखे जा सकते हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

प्रसव के लिए सबसे सुरक्षित सरकारी अस्पताल

वहीं, कुछ बदलाव ऐसा भी आया है कि समृद्ध परिवार के लोग भी प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल (Government Hospital) पहुंचते हैं. हजारीबाग सदर अस्पताल के सिविल सर्जन बताते हैं कि ब्लॉक लेवल में भी स्वास्थ्य केंद्र हैं, वहां भी प्रसव कराया जाता है. अगर स्थिति सामान्य नहीं होती है तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical College Hospital) रेफर करते हैं. जहां प्रसव कराया जाता है. वे कहते हैं कि अस्पताल में प्रसव के लिए सारी व्यवस्था है. अगर रक्त की आवश्यकता पड़ती है तो ब्लड बैंक, अल्ट्रासाउंड, दवा, ट्रेंड डॉक्टर और नर्स उपलब्ध है. ऐसे में सरकारी अस्पताल प्रसव के लिए सबसे सुरक्षित माने जा सकते हैं.

ममता वाहन की है व्यवस्था

ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को अस्पताल लाने के लिए ममता वाहन की भी व्यवस्था है, जिससे महिलाओं को अस्पताल लाने की निशुल्क व्यवस्था की जा सके. इसके अलावा सरकारी एंबुलेंस, 108 भी कार्य करती है, जो घर से मरीज को अस्पताल पहुंचाती है.


सरकारी अस्पताल में बढ़ी प्रसव की संख्या

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Hazaribag Medical College Hospital) में सेवा देने वाली डिलीवरी यूनिट की हेड नर्स बताती हैं कि उन लोगों ने कोरोना काल में भी महिलाओं के प्रसव कराए हैं. इसके लिए भी अलग व्यवस्था की गई थी. पीपी किट पहनकर वे लोग सेवा देती थी ताकि बच्चा और उसकी मां सुरक्षित रहे. सबसे सुखद बात यह है कि शत-प्रतिशत सकारात्मक रिजल्ट भी आ रहे हैं. इसके अलावा सामान्य डिलीवरी के लिए भी उनके पास पूरी व्यवस्था है. दूसरी नर्स बताती हैं कि वे लोग गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) के साथ-साथ उनकी कोख में पल रहे बच्चे का भी ख्याल रखती हैं. जब बच्चे का जन्म होता है तो उसे टीका देना, बच्चे का वजन करना, बच्चे की तबीयत खराब है तो उसके लिए अलग से इलाज करवाना, सारी व्यवस्था अस्पताल में है. इस कारण अब सरकारी अस्पताल में प्रसव की संख्या बढ़ी है.


निजी नर्सिंग होम में वसूला जाता है अधिक पैसा

महिला बताती है कि निजी नर्सिंग होम (Private Nursing Home) में जाते हैं तो अत्यधिक पैसा लिया जाता है और महंगी दवाई भी दी जाती है. इस कारण निजी नर्सिंग होम से अच्छा सरकारी अस्पताल है. जहां डॉक्टर और नर्स हमेशा रहती हैं. इसके साथ ही सारी सुविधा निशुल्क है, इसलिए हम लोग यहां पर पहुंचते हैं.


सहिया करती हैं गर्भवती महिलाओं की मदद

ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाली सहिया बताती हैं कि उन लोगों के पास अपने क्षेत्र की प्रत्येक महिला की जानकारी होती है. वैसी महिला जिसने गर्भ धारण किया हो, उसका वे अलग से नाम, पता और मोबाइल नंबर रखते हैं. जब भी जरूरत होती है तो महिला की मदद की जाती है. प्रसव के समय उन्हें अस्पताल लाने की भी वे व्यवस्था करती हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल या फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सारी व्यवस्था है. वर्तमान समय में भले ही हर मोहल्ले गली में नर्सिंग होम खुल गए हैं, लेकिन अब लोगों का रुझान सरकारी अस्पताल(Government Hospital) की ओर हो रहा है. जिसके कारण अच्छे डॉक्टर, नर्स और दवा की उपलब्धता है.

Last Updated : Jun 23, 2021, 6:56 AM IST
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