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एक दीप शहीदों के नाम, 2001 दीयों से शहीद जवानों को श्रद्धांजलि - हजारीबाग में दिवाली

हजारीबाग में शहीद स्मारक स्थल पर दीपावली के पूर्व एक दीप शहीदों के नाम पर जलाया गया. हजारीबाग के लोगों ने इस साल 2001 दीपक जवानों की याद में जलाया और उनके बलिदान को याद किया.

जवानों के नाम दीप
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Published : Oct 24, 2019, 12:32 PM IST

हजारीबाग: 'शहीदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मरने वालों का बाकी यही निशां होगा'. कुछ इन्हीं शब्दों को हजारीबाग के लोगों ने चरितार्थ किया है. हजारीबाग में पिछले 3 सालों से विशेष कार्यक्रम का आयोजन शहीद स्मारक स्थल पर किया जाता रहा है. जहां समाज का हर एक तबका दीपावली के पूर्व एक दीप शहीदों के नाम पर जलाता है.

देखें पूरी खबर

2001 दीपक से श्रद्धांजलि
इस कार्यक्रम में समाज के हर एक तबके को जोड़ने की कोशिश की जाती है. यह बताया जाता है कि कैसे जवानों के कारण आज हम सुरक्षित हैं. हजारीबाग के लोगों ने इस साल 2001 दीपक जवानों की याद में जलाया और उनके बलिदान को याद किया. लोगों का कहना है कि जो जवान देश की सुरक्षा के लिए शहीद होते हैं इससे बड़ा बलिदान समाज के लिए कुछ नहीं होता. हमें उन शहीदों को नमन करना चाहिए और उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- डालटनगंज रेलवे स्टेशन से दो लुटेरे गिरफ्तार, विदेशी हथियार बरामद

दिव्यांग बच्चों के हाथों बना होता है दीपक
इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह है कि जो दीपक शहीद स्मारक में जलाया जाता है वह दिव्यांग बच्चों के हाथों की बना होता है. जिसे आयोजनकर्ता पैसे देकर खरीदते हैं ताकि उन बच्चों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जा सके.

हजारीबाग: 'शहीदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मरने वालों का बाकी यही निशां होगा'. कुछ इन्हीं शब्दों को हजारीबाग के लोगों ने चरितार्थ किया है. हजारीबाग में पिछले 3 सालों से विशेष कार्यक्रम का आयोजन शहीद स्मारक स्थल पर किया जाता रहा है. जहां समाज का हर एक तबका दीपावली के पूर्व एक दीप शहीदों के नाम पर जलाता है.

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2001 दीपक से श्रद्धांजलि
इस कार्यक्रम में समाज के हर एक तबके को जोड़ने की कोशिश की जाती है. यह बताया जाता है कि कैसे जवानों के कारण आज हम सुरक्षित हैं. हजारीबाग के लोगों ने इस साल 2001 दीपक जवानों की याद में जलाया और उनके बलिदान को याद किया. लोगों का कहना है कि जो जवान देश की सुरक्षा के लिए शहीद होते हैं इससे बड़ा बलिदान समाज के लिए कुछ नहीं होता. हमें उन शहीदों को नमन करना चाहिए और उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए.

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दिव्यांग बच्चों के हाथों बना होता है दीपक
इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह है कि जो दीपक शहीद स्मारक में जलाया जाता है वह दिव्यांग बच्चों के हाथों की बना होता है. जिसे आयोजनकर्ता पैसे देकर खरीदते हैं ताकि उन बच्चों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जा सके.

Intro:शहीदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मरने वालों का बाकी यही निशां होगा..... कुछ इसी शब्दों को हजारीबाग की युवाओं ने चरितार्थ किया है। हजारीबाग में पिछले 3 सालों से विशेष कार्यक्रम का आयोजन शहीद स्मारक स्थल पर किया जाता रहा है। जहां समाज का हर एक तबका दीपावली के पूर्व एक दिया शहीदों के नाम पर चलाता है। जिन्होंने अपना जीवन देश के लिए निछावर कर दिया।


Body:इस कार्यक्रम में समाज में हर एक तबका को जोड़ने की कोशिश की जाती है। यह बताया जाता है कि कैसे जवानों के कारण आज हम सुरक्षित हैं। हजारीबाग के युवाओं ने इस साल 2001 दीपक जवानों की याद में जलाया और उनके बलिदान को याद किया। युवाओं का कहना है कि जो जवान देश की सुरक्षा के लिए शहीद होते हैं इससे बड़ा बलिदान समाज के लिए कुछ नहीं होता । हमें उन शहीदों को नमन करना चाहिए और उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहिए। इसी उद्देश्य के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता रहा है।

इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह है कि जो दीपक शहीद स्मारक में जलाया जाता है वह दिव्यांग बच्चों के हाथों का बना दीपक होता है। जिसे आयोजन कर्ता पैसे देकर खरीदते हैं ताकि उन बच्चों को भी इस कार्यक्रम से जुड़ा जा सके। ताकि कुछ पैसा दिव्यांग बच्चों के पास पहुंचे और वे भी दिवाली कि खुशी मना सके।

byte.... रंजन चौधरी सफेद शर्ट में आयोजन करता

byte..... रवि सिंह ब्लू शर्ट में आयोजन करता, सह पत्रकार


Conclusion:कहा जाए तो यह प्रयास समाज को एक सूत्र में जोड़ने का तो काम कर ही रहा है साथ ही साथ यह संदेश भी हजारीबाग से पूरे देश में जा रहा है कि हमें अपने शहीदों को नमन और याद हर वक्त करना चाहिए

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
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