हजारीबाग: जिले में जनजातीय सुरक्षा मंच की ओर से एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें अनुसूचित जनजाति से दूसरे धर्म में जाने वाले लोगों को जनजातीय आरक्षण सूची से बाहर करने की मांग की गई. ताकि जो अनुसूचित जनजाति के लोग हैं उन्हें लाभ मिल सके.
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संविधान में संशोधन कर बनाया जाए कानून
जनजातीय सुरक्षा मंच सम्मेलन में भारत सरकार से जनजाति समाज के लोगों ने आग्रह किया है कि संविधान में संशोधन कर अनुसूचित जनजाति आदेश 1950 में डी लिस्टिंग का कानून बनाया जाय ताकि जो अनुसूचित जनजाति के लोग हैं. उन्हें ही लाभ मिल सके. कार्यक्रम के दौरान भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति पर पुष्पांजलि कर आपसी एकजुटता बनाए रखने का आह्वान किया गया. इसके साथ ही समाज में शिक्षा के प्रसार पर भी चर्चा की गई और कहा गया कि हर एक व्यक्ति अपने बच्चे को अच्छा शिक्षा प्रदान करें. साथ ही अपनी संस्कृति को बचाए रखने पर भी जोर दिया गया.
सरकार तक बात पहुंचाने की कोशिश
मंच का कहना है कि 75 वर्षों की अपनी मांग को पूरा करने के लिए हम लोग समय-समय पर इस तरह का आयोजन करते आए हैं .ताकि सरकार तक हमारी बात पहुंच सके. बताते चलें कि जनजाति सुरक्षा मंच का गठन रायपुर में 30 अप्रैल से 1 मई 2006 को लगभग देश के 14 राज्यों के 85 प्रतिनिधियों के द्वारा किया गया है.