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हजारीबाग संसदीय सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, कांटे के टक्कर की उम्मीद - ईटीवी भारत

हजारीबाग संसदीय सीट झारखंड की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. क्योंकि यहां से भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा चुनाव लड़ रहे हैं. तो उन्हें पूर्व सांसद भूवन्श्वर मेहता और गोपाल साहू ट्क्कर देने के लिए मैदान में खड़े हैं. त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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Published : Apr 17, 2019, 2:52 PM IST

हजारीबाग: 2019 के लोकसभा चुनाव में हजारीबाग में त्रिकोणीय संघर्ष दिखेगा. पहले जहां महागठबंधन से कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं था, तो यह पूरा चुनाव जयंत सिन्हा की ओर जाता दिख रहा था. लेकिन महागठबंधन से गोपाल साहू के चुनाव मैदान में उतरते ही मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग लोकसभा चुनाव में जयंत सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं. जो 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सौरभ नारायण सिंह को हराकर सांसद बने थे. जयंत सिन्हा पहले ही दिन नामांकन दाखिल किया था. उन्होंने अपनी दमदार उपस्थिति हजारीबाग में दिखाई थी. इस दौरान केंद्रीय स्तर के नेता भी नामांकन के दौरान हजारीबाग पहुंचे थे. तो मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जयंत सिन्हा के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी.हजारीबाग के सीपीआई उम्मीदवार भुवनेश्वर प्रसाद मेहता अपनी राजनीतिक जीवन की अंतिम पारी खेल रहे हैं. वो हजारीबाग से दो बार सांसद रह चुके हैं, उन्होंने यशवंत सिन्हा को जब वे विदेश मंत्री थे, तब हराया था. इस बार उन्होंने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है और दावा किया है कि मोदी सरकार के खिलाफ हजारीबाग में किसान बेरोजगार और शोषित वर्ग एकजुट होकर सीपीआई को जीत दिलाएंगे. भुवनेश्वर प्रसाद मेहता को विश्वास था कि महागठबंधन में उन्हें रखा जाएगा, लेकिन उनकी पार्टी को कोई जगह नहीं दी गयी. जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि भाजपा को सिर्फ सीपीआई हरा सकती है.

ये भी पढ़ें- देश को बाहरी ताकत से नहीं बल्कि भाजपा से खतरा है, झारखंड में नहीं खुलेगा खाता- हेमंत सोरेन

नामांकन की तारीख समाप्त होने के 3 दिन पहले गोपाल साहू के नाम की घोषणा की गई. घोषणा होने के साथ ही गोपाल साहू हजारीबाग पहुंचे, वो 18 अप्रैल को नॉमिनेशन करेंगे. गोपाल साहू के आने के बाद हजारीबाग में चुनाव दिलचस्प होने की उम्मीद है. गोपाल साहू महागठबंधन के उम्मीदवार हैं और साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में कांग्रेस को साहू समाज की भी मदद मिलने की उम्मीद है. जहां साहू समाज के 3 लाख से अधिक वोट हैं.

2014 में वोटों की स्थिति

  • जयंत सिन्हा- बीजेपी - 406912
  • सौरभ नारायण सिंह- कांग्रेस- 247778
  • लोकनाथ महतो- आजसू-156196
  • अरुण कुमार मिश्र-जेवीएम- 30408
  • भुनेश्वर प्रसाद मेहता-सीपीआई - 30368

हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के बड़कागांव विधानसभा में लोगों का वह समर्थन भाजपा को नहीं मिल पा रहा है. तो दूसरी ओर बरही विधानसभा और बड़कागांव का विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं. मांडू में झारखंड मुक्ति मोर्चा बरकट्ठा से जानकी यादव विधायक हैं जो पहले झारखंड विकास मोर्चा में थे अब भाजपा में हैं. हजारीबाग विधानसभा क्षेत्र पूरे लोकसभा में एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां से भाजपा चुनाव जीती थी.

हजारीबाग: 2019 के लोकसभा चुनाव में हजारीबाग में त्रिकोणीय संघर्ष दिखेगा. पहले जहां महागठबंधन से कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं था, तो यह पूरा चुनाव जयंत सिन्हा की ओर जाता दिख रहा था. लेकिन महागठबंधन से गोपाल साहू के चुनाव मैदान में उतरते ही मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग लोकसभा चुनाव में जयंत सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं. जो 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सौरभ नारायण सिंह को हराकर सांसद बने थे. जयंत सिन्हा पहले ही दिन नामांकन दाखिल किया था. उन्होंने अपनी दमदार उपस्थिति हजारीबाग में दिखाई थी. इस दौरान केंद्रीय स्तर के नेता भी नामांकन के दौरान हजारीबाग पहुंचे थे. तो मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जयंत सिन्हा के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी.हजारीबाग के सीपीआई उम्मीदवार भुवनेश्वर प्रसाद मेहता अपनी राजनीतिक जीवन की अंतिम पारी खेल रहे हैं. वो हजारीबाग से दो बार सांसद रह चुके हैं, उन्होंने यशवंत सिन्हा को जब वे विदेश मंत्री थे, तब हराया था. इस बार उन्होंने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है और दावा किया है कि मोदी सरकार के खिलाफ हजारीबाग में किसान बेरोजगार और शोषित वर्ग एकजुट होकर सीपीआई को जीत दिलाएंगे. भुवनेश्वर प्रसाद मेहता को विश्वास था कि महागठबंधन में उन्हें रखा जाएगा, लेकिन उनकी पार्टी को कोई जगह नहीं दी गयी. जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि भाजपा को सिर्फ सीपीआई हरा सकती है.

ये भी पढ़ें- देश को बाहरी ताकत से नहीं बल्कि भाजपा से खतरा है, झारखंड में नहीं खुलेगा खाता- हेमंत सोरेन

नामांकन की तारीख समाप्त होने के 3 दिन पहले गोपाल साहू के नाम की घोषणा की गई. घोषणा होने के साथ ही गोपाल साहू हजारीबाग पहुंचे, वो 18 अप्रैल को नॉमिनेशन करेंगे. गोपाल साहू के आने के बाद हजारीबाग में चुनाव दिलचस्प होने की उम्मीद है. गोपाल साहू महागठबंधन के उम्मीदवार हैं और साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में कांग्रेस को साहू समाज की भी मदद मिलने की उम्मीद है. जहां साहू समाज के 3 लाख से अधिक वोट हैं.

2014 में वोटों की स्थिति

  • जयंत सिन्हा- बीजेपी - 406912
  • सौरभ नारायण सिंह- कांग्रेस- 247778
  • लोकनाथ महतो- आजसू-156196
  • अरुण कुमार मिश्र-जेवीएम- 30408
  • भुनेश्वर प्रसाद मेहता-सीपीआई - 30368

हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के बड़कागांव विधानसभा में लोगों का वह समर्थन भाजपा को नहीं मिल पा रहा है. तो दूसरी ओर बरही विधानसभा और बड़कागांव का विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं. मांडू में झारखंड मुक्ति मोर्चा बरकट्ठा से जानकी यादव विधायक हैं जो पहले झारखंड विकास मोर्चा में थे अब भाजपा में हैं. हजारीबाग विधानसभा क्षेत्र पूरे लोकसभा में एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां से भाजपा चुनाव जीती थी.

Intro:झारखंड के 14 लोकसभा क्षेत्र में से हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र काफी हाई प्रोफाइल बना जा रहा है। हजारीबाग में त्रिकोणीय संघर्ष होने की संभावना जताई जा रही है। पहले जहां महागठबंधन से कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं था तो यह पूरा चुनाव जयंत सिन्हा की ओर जाता दिख रहा था। लेकिन जैसे ही महागठबंधन से गोपाल साहू चुनाव मैदान में उतरे हैं तब से हजारीबाग में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है।


Body:हजारीबाग लोकसभा चुनाव में जयंत सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं। जो 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सौरभ नारायण सिंह को हराकर सांसद बने थे ।जयंत सिन्हा पहले ही दिन नामांकन किए थे और अपनी दमदार उपस्थिति हजारीबाग में दिखाई थी। इस दौरान केंद्रीय स्तर के नेता भी नामांकन के दौरान हजारीबाग पहुंचे थे। तो मुख्यमंत्री रघुवर दास में जयंत सिन्हा के पक्ष में मतदान करने की अपील हजारीबाग वासियों को किया था।

हजारीबाग की सीपीआई उम्मीदवार भुनेश्वर प्रसाद नेता अपनी राजनीतिक जीवन का अंतिम खेल रहे हैं। भुनेश्वर प्रसाद मेहता हजारीबाग से दो बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने यशवंत सिन्हा को जब वे विदेश मंत्री थे उन्हें करारी हार दिया था। इस बार उन्होंने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है और दावा किया है कि मोदी सरकार के खिलाफ हजारीबाग में किसान बेरोजगार और शोषित वर्ग एकजुट होकर सीपीआई को जीत दिलाएंगे। भुनेश्वर प्रसाद मेहता को विश्वास था कि महागठबंधन में उन्हें रखा जाएगा लेकिन उनकी पार्टी कोई जगह नहीं दिया गया ।और उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने 16 अप्रैल को नामांकन के दौरान किया है उन्होंने कहा कि भाजपा को कोई हरा सकता है तो वह सीपीआई है।

महागठबंधन से हजारीबाग मे गोपाल साहू चुनाव में उतारे गए हैं।
नामांकन समाप्त होने के 3 दिन पहले गोपाल साहू का नाम की घोषणा की गई। घोषणा होने के साथ ही गोपाल साहू हजारीबाग पहुंचे। नामांकन के अंतिम दिन 18 अप्रैल को नॉमिनेशन करेंगे। गोपाल साहू के आने के बाद हजारीबाग में चुनाव दिलचस्प होने की उम्मीद है। गोपाल साहू महागठबंधन के उम्मीदवार हैं और साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस अपना वोट बैंक के साहू समाज का भी मदद उन्हें मिलेगा। साहू समाज का वोट बैंक की बात की जाए तो 3 लाख से अधिक वोट है।

2014 हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में वोटों की स्थिति

बीजेपी जयंत सिन्हा. 406912
कांग्रेस सौरभ नारायण सिंह. 247778
आजसू लोकनाथ महतो. 156196
जेवीएम अरुण कुमार मिश्र. 30408
सीपीआई भुनेश्वर प्रसाद मेहता. 30368


Conclusion:हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के बड़कागांव विधानसभा में लोगों का वह समर्थन भाजपा को नहीं मिल पा रहा है। तो दूसरी ओर बरही विधानसभा और बड़कागांव का विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं। तो मांडू में झारखंड मुक्ति मोर्चा। बरकट्ठा से जानकी यादव विधायक हैं जो पहले झारखंड विकास मोर्चा में थे बाद में पार्टी बदल कर भाजपा का दामन थामा था। तो हजारीबाग विधानसभा क्षेत्र पूरे लोकसभा में एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां से भाजपा चुनाव जीती थी।

इस कारण ही कहा जा सकता है कि हजारीबाग में लोकसभा चुनाव त्रिकोणीय होने की संभावना है।
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