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महावीर जयंती के अवसर पर नहीं खुला मंदिर का कपाट, दरवाजे पर पुलिस का पहरा - जैन मंदिर हजारीबाग

हजारीबाग में एक बहुत बड़ी आबादी जैन धर्म मानने वालों की भी है. ऐसे में हजारीबाग में बेहद ही बेहतरीन तरीके से महावीर जयंती मनाया जाता रहा है, लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन होने की वजह से सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं.

temple is not open on Mahavir Jayanti in hazaribag
महावीर जयंती
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Published : Apr 6, 2020, 9:58 AM IST

हजारीबाग: लॉकडाउन की वजह से जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जयंती पर होने वाले सभी कार्यक्रम हजारीबाग में रद्द कर दिए गए हैं. मंदिरों पर पुलिस का पहरा बैठा हुआ है. इस दौरान जैन धर्म के मानने वालों ने अपने घर के बालकोनी से ही भजन कीर्तन करके जयंती मनाया है.

देखिए पूरी खबर

हजारीबाग में एक बहुत बड़ी आबादी जैन धर्म मानने वालों की भी है. ऐसे में हजारीबाग में बेहद ही बेहतरीन तरीके से महावीर जयंती मनाया जाता रहा है, लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन होने की वजह से सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. मंदिर का कपाट भी सुबह से नहीं खुला, जो नियम होते हैं उसी के तहत सुबह का पूजा किया गया. इस दौरान जैन धर्म के मानने वालों ने अपने घर से ही भजन कीर्तन करते दिखे.

वहीं, हजारीबाग के बड़ा बाजार स्थित जैन मंदिर के दरवाजे पर पुलिस पहरा बैठा हुआ दिखा. आलम यह रहा कि एक भी जैन धर्म के मानने वाले सड़कों पर नजर नहीं आए. उन्होंने फोन के जरिए बताया कि जैन धर्म में देव दर्शन और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है, लेकिन देश हित और समाज के स्वास्थ्य को देखते हुए हम लोगों ने जयंती घर में रहकर मनाया है. पूजा-अर्चना और शांति पाठ करने का निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें: डीजीपी का सुझावः लॉकडाउन में देखें पुरानी फिल्में, तस्वीर करें शेयर

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान महावीर की जयंती मनाई जाती है. भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंक के रूप में पूजे जाते हैं. जिन्होंने कड़ी तपस्या कर अपनी सभी इंद्रियों पर विजय प्राप्त की थी. महावीर स्वामी का जन्म 599 ईस्वी पूर्व बिहार के कुंडग्राम मे हुआ था, जो लिच्छिवी वंश के महाराज सिद्धार्थ और महारानी त्रिशला के पुत्र थे.

हजारीबाग: लॉकडाउन की वजह से जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जयंती पर होने वाले सभी कार्यक्रम हजारीबाग में रद्द कर दिए गए हैं. मंदिरों पर पुलिस का पहरा बैठा हुआ है. इस दौरान जैन धर्म के मानने वालों ने अपने घर के बालकोनी से ही भजन कीर्तन करके जयंती मनाया है.

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हजारीबाग में एक बहुत बड़ी आबादी जैन धर्म मानने वालों की भी है. ऐसे में हजारीबाग में बेहद ही बेहतरीन तरीके से महावीर जयंती मनाया जाता रहा है, लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन होने की वजह से सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. मंदिर का कपाट भी सुबह से नहीं खुला, जो नियम होते हैं उसी के तहत सुबह का पूजा किया गया. इस दौरान जैन धर्म के मानने वालों ने अपने घर से ही भजन कीर्तन करते दिखे.

वहीं, हजारीबाग के बड़ा बाजार स्थित जैन मंदिर के दरवाजे पर पुलिस पहरा बैठा हुआ दिखा. आलम यह रहा कि एक भी जैन धर्म के मानने वाले सड़कों पर नजर नहीं आए. उन्होंने फोन के जरिए बताया कि जैन धर्म में देव दर्शन और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है, लेकिन देश हित और समाज के स्वास्थ्य को देखते हुए हम लोगों ने जयंती घर में रहकर मनाया है. पूजा-अर्चना और शांति पाठ करने का निर्णय लिया है.

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चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान महावीर की जयंती मनाई जाती है. भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंक के रूप में पूजे जाते हैं. जिन्होंने कड़ी तपस्या कर अपनी सभी इंद्रियों पर विजय प्राप्त की थी. महावीर स्वामी का जन्म 599 ईस्वी पूर्व बिहार के कुंडग्राम मे हुआ था, जो लिच्छिवी वंश के महाराज सिद्धार्थ और महारानी त्रिशला के पुत्र थे.

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