हजारीबाग: वर्तमान वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त हो जाएगा. सरकार ने महज 1 सप्ताह पहले जिले के 1485 माध्यमिक प्राथमिक विद्यालयों को 81 लाख रुपया खेल सामग्री खरीदने के लिए पैसे भेजे हैं. वित्तीय वर्ष समाप्त होने में महज 5 दिन ही बचे हैं. ऐसे में खरीददारी कैसे होगी यह बड़ा सवाल है. क्योंकि अभी शिक्षक मैट्रिक और इंटर की परीक्षा लेने में शिक्षक व्यस्त हैं. ऐसे में गुरुजी परीक्षा कराएं या खेल सामग्री कर दें यह यक्ष सवाल है.
छात्रों में खेल भावना बढ़े इसे देखते हुए शिक्षा विभाग स्कूल में खेल सामग्री उपलब्ध कराती है. 31 मार्च को वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाएगा और महज 5 दिनों के अंदर 1485 प्राथमिक मध्य एवं उच्च विद्यालयों को खेल सामग्री खरीदना है. वर्तमान समय में इंटर और मैट्रिक की परीक्षा चल रही है. ऐसे में गुरुजी परीक्षा लें या फिर खेल सामग्री खरीदें, अगर पैसे 31 मार्च के पहले खर्च नहीं हुए तो पैसे वापस चले जाएंगे. यह बड़ा सवाल है कि पूरे राज्य भर में 24 मार्च से 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा शुरू हो चुकी है. ऐसे में शिक्षक विद्यालयों में परीक्षा लेने में व्यस्त हैं और उन्हें खेल सामग्री भी खरीदना है.
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सरकार प्रत्येक 2 वर्ष पर खेल सामग्री खरीदने के लिए पैसा भेजती है. जिसमें प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय को 5000 तथा उच्च विद्यालयों को ₹7000 उपलब्ध कराया जाता है. पैसा सीधे प्रबंध समिति के खाते में भेजे जाते हैं. इस बाबत झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय के द्वारा पत्र भी जारी किया गया है. पत्र में जानकारी दी गई है कि 31 मार्च के पूर्व ही खेल सामग्री खरीद कर उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को उपलब्ध कराएं. यानि 28 मार्च तक आपको सामान खरीद लेना होगा, तभी आप उपयोगिता प्रमाण पत्र भेज सकते हैं. ऐसे में महज 3 से 4 दिन शिक्षकों के हाथ में हैं. अब विद्यालय के शिक्षकों के लिए यह पैसा चिंता का सबक बन गया है. उन्हें डर है कि पैसे का उपयोग नहीं हुआ तो पैसा स्वत: ही सरेंडर हो जाएगा. इसकी जिम्मेदारी विद्यालय समिति को भुगतना पड़ेगा.
महत्वपूर्ण बात यह है कि समग्र शिक्षा अंतर्गत स्पोर्ट्स एंड फिजिकल एजुकेशन मद में वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत सरकार द्वारा आयोजित PAB में स्वीकृत की गई राशि 18.20 करोड़ रुपए है. उसमें राज्य के 35442 सरकारी विद्यालयों जिसमें प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालय शामिल हैं के खेल सामग्री के लिए राशि हस्तांतरित किया गया है. इस बाबत एसडीपीओ झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद हजारीबाग अंशुला लकड़ा ने जानकारी दी है कि पैसे देर से जारी किए गए हैं. यही कारण है कि कम समय में सभी प्रधानाध्यापकों को पैसे का उपयोग करने के लिए आग्रह किया जा रहा है.