हजारीबाग: झारखंड की कला संस्कृति के बारे में पीएम मोदी तारीफ की है. 'मन की बात' में भी उन्होंने हजारीबाग रेलवे स्टेशन के सोहराई पेंटिंग को लेकर चर्चा की थी. 17 फरवरी को प्रधानमंत्री हजारीबाग पहुंच रहे हैं. उनके स्वागत के लिए सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपनी कला के जरिए दीवारों को अलग ही रंग दे रही हैं.
हजारीबाग के पटवारी स्थित गांधी मैदान में प्रधानमंत्री 17 फरवरी को जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके पहले उनका हेलीकॉप्टर हजारीबाग पीटीसी मैदान पर उतरेगा. जहां की दीवारों पर सोहराई कला को उतारने की कोशिश महिलाएं कर रही है. हाथों में ब्रश और रंग लेकर वह झारखंड की सभ्यता संस्कृति को दर्शाने की कोशिश कर रही है.
महिलाओं का कहना है कि पीएम मोदी को सोहराई कला काफी पसंद है. उन्होंने मन की बात में भी इसकी तारीफ थी. यही वजह है कि उनके स्वागत में इस कला को दीवारों में उतारा जा रहा है.
सोहराई कला से होती है वंश और फसल में वृद्धि
सोहराई कला को लेकर मान्यता है कि जिस घर की दीवारों पर यह पेंटिंग होती है उनके घर में वंश और फसल की वृद्धि होती है. फसल वृद्धि के लिए जहां लोग प्राकृत के चित्र बनाते हैं. जबकि, वंश वृद्धि के लिए राजा-रानी की तस्वीर बनाई जाती है. इस कला की खास बात यह है कि कलाकार पूरी दीवार पर एक ही बार में चित्र उकेर देते हैं. इस कला की धूम ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी में भी दिख चुकी है.
बिहार की विश्व प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग की तरह झारखंड में भी सोहराई चित्रकला के प्रति लोगों का झुकाव हो रहा है. झारखंड के संताली, मुंडा, असुर और वैगा जनजाति में आज भी इस चित्रकला का खास महत्व है. इस कला को घर की दीवारों पर करने की परंपरा चली आ रही है.