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हजारीबागः डॉक्टरों की कमी की मार झेल रहा बरही अनुमंडल, बावजूद संभाल रहे स्थिति - लॉकडाउन के कारण सड़क दुर्घटना में कमी

पूरे झारखंड में चिकित्सकों की भारी कमी है. ऐसे में बरही अनुमंडल भी चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है. हजारीबाग में सबसे घनी और बड़ी आबादी वाले प्रखंड चौपारण का एकमात्र सामुदायिक अस्पताल भी डॉक्टरों की कमी से अछूता नहीं है. इसके बावजूद डॉक्टर स्थितियों को बेहतर तरीके से हैंडल करने में लगे है.

Shortage of doctors
झारखंड में डॉक्टर की कमी
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Published : May 17, 2020, 5:04 PM IST

हजारीबागः पूरे झारखंड में चिकित्सकों की भारी कमी है. ऐसे में बरही अनुमंडल भी चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है. पूरे जिले में सबसे घनी और बड़ी आबादी वाला प्रखंड चौपारण का एकमात्र सामुदायिक अस्पताल भी डॉक्टरों की कमी से अछूता नहीं है. इसके बावजूद स्थितियों को बेहतर तरीके से हैंडल किया जा रहा है.

बता दें कि चौपारण दुर्घटना जोन वाला क्षेत्र है. जहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं. फिलहाल लॉकडाउन के कारण सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है, लेकिन चिकित्सकों के ऊपर कोविड-19 से बचाव की पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसे वे बेहतर तरीके से सूझबूझ के साथ अपने कार्यों को बेहतर रूप से अंजाम दे रहे हैं. बता दें कि चौपारण में फिलहाल चार आयुष चिकित्सक पदस्थापित हैं. जिनमें डॉ पंकज कुमार मेहता, डॉक्टर सरवर हसन, डॉ रविकांत पांडे और डॉ दिनेश कुमार एकलव्य शामिल हैं. जो हर समय चाहे ओपीडी की बात हो या आपातकालीन सेवा देने की बात हो या फिर रात्रि सेवा देने की बात हो चिकित्सकों के सहारे यहां सेवाएं लगातार जारी है. दूसरी तरफ अस्पताल के आउट साइड ड्यूटी भी इनके द्वारा बेहतर तरीके से की जा रही है.

ये भी पढ़ें- पलामू में भी होगा कोरोना की टेस्ट, ICMR ने लैब के लिए दी स्वीकृति

आयुष चिकित्सकों का योगदान है सराहनीय

अभी हाल ही में कोटा से आने वाले बच्चों को भी इन्हीं चिकित्सकों की टीम ने झारखंड-बिहार अंतरराज्यीय सीमा पर भी दिन-रात सेवा देकर स्वास्थ्य संबंधित जांच की. इसके साथ ही पूरे देश में मौजूदा कोरोना संकट में आयुष चिकित्सकों की सेवा-भाव और योगदान सराहनीय है. इस संबंध में डॉ पंकज मेहता ने बताया कि राष्ट्रप्रेम का जज्बा और सेवा भाव के कारण विपरीत परिस्थिति में भी चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्यकर्मी जान जोखिम में डालकर लगातार सेवा दे रहे और आगे भी इसी तरह सामूहिक प्रयास से कोरोना को मात देने में सफल होंगे.

हजारीबागः पूरे झारखंड में चिकित्सकों की भारी कमी है. ऐसे में बरही अनुमंडल भी चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है. पूरे जिले में सबसे घनी और बड़ी आबादी वाला प्रखंड चौपारण का एकमात्र सामुदायिक अस्पताल भी डॉक्टरों की कमी से अछूता नहीं है. इसके बावजूद स्थितियों को बेहतर तरीके से हैंडल किया जा रहा है.

बता दें कि चौपारण दुर्घटना जोन वाला क्षेत्र है. जहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं. फिलहाल लॉकडाउन के कारण सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है, लेकिन चिकित्सकों के ऊपर कोविड-19 से बचाव की पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसे वे बेहतर तरीके से सूझबूझ के साथ अपने कार्यों को बेहतर रूप से अंजाम दे रहे हैं. बता दें कि चौपारण में फिलहाल चार आयुष चिकित्सक पदस्थापित हैं. जिनमें डॉ पंकज कुमार मेहता, डॉक्टर सरवर हसन, डॉ रविकांत पांडे और डॉ दिनेश कुमार एकलव्य शामिल हैं. जो हर समय चाहे ओपीडी की बात हो या आपातकालीन सेवा देने की बात हो या फिर रात्रि सेवा देने की बात हो चिकित्सकों के सहारे यहां सेवाएं लगातार जारी है. दूसरी तरफ अस्पताल के आउट साइड ड्यूटी भी इनके द्वारा बेहतर तरीके से की जा रही है.

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आयुष चिकित्सकों का योगदान है सराहनीय

अभी हाल ही में कोटा से आने वाले बच्चों को भी इन्हीं चिकित्सकों की टीम ने झारखंड-बिहार अंतरराज्यीय सीमा पर भी दिन-रात सेवा देकर स्वास्थ्य संबंधित जांच की. इसके साथ ही पूरे देश में मौजूदा कोरोना संकट में आयुष चिकित्सकों की सेवा-भाव और योगदान सराहनीय है. इस संबंध में डॉ पंकज मेहता ने बताया कि राष्ट्रप्रेम का जज्बा और सेवा भाव के कारण विपरीत परिस्थिति में भी चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्यकर्मी जान जोखिम में डालकर लगातार सेवा दे रहे और आगे भी इसी तरह सामूहिक प्रयास से कोरोना को मात देने में सफल होंगे.

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