हजारीबाग: एक ओर सरकार जल संरक्षण के लिए पूरी ताकत लगा रही है, तो दूसरी ओर भू माफिया अवैध रूप से जल भूमि को अतिक्रमण कर बेच रहे हैं. ऐसे में हजारीबाग जिला प्रशासन ने अब रूपरेखा बना ली है कि वैसे जल स्रोतों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए. इस बाबत हजारीबाग एसडीओ मेघा भारद्वाज ने कई जल स्रोतों का औचक निरीक्षण किया और दिशा निर्देश निर्गत किया है.
हजारीबाग के वैसे तालाब पोखर जिन पर भू-माफिया अतिक्रमण किए हुए हैं उन क्षेत्रों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है. इस कड़ी में हजारीबाग एसडीओ मेघा भरद्वाज ने हजारीबाग के तालाबों का निरीक्षण किया और वस्तुस्थिति की जानकारी ली. इस दौरान हजारीबाग के हुरहुरू तालाब की स्थिति देखकर मेघा भारद्वाज आग बबूला हो गईं. उन्होंने अधिकारियों को तालाब नापी करने का आदेश दिया.
इसके साथ ही जो भूमाफिया अतिक्रमण किए हुए हैं, उन्हें नोटिस भेजने की बात कही है. हुरहुरू तालाब अपने अस्तित्व की लड़ाई खुद से लड़ रहा है. भू-माफिया ने तालाब के चारों ओर अवैध रूप से घर बना लिया है. मेघा भारद्वाज ने निरीक्षण स्थल पर ही मैप मंगाकर जांच की. इस दौरान पाया गया कि अधिकांश स्थानीय लोगों ने तालाब परिसर के चारों तरफ अवैध रूप से मकान बना लिया है. साथ ही साथ प्रदूषित पानी निकासी भी तालाब में की जा रही है, जिससे तालाब का पानी प्रदूषित हो रहा है. इससे कई बीमारियां भी फैल रही हैं.
इस दौरान एसडीओ मेघा भरद्वाज ने कहा कि तालाब का अनावश्यक अतिक्रमण करने से तालाब का आकार भी छोटा होता जा रहा है, जिससे जल संचयन प्रभावित हो रहा है. इससे भूमिगत जलस्तर में भी कमी होने की संभावना बनी हुई है. उन्होंने कहा कि जो स्थिति है उसे देखकर लगता है कि आने वाले समय में हजारीबाग के लोगों को जल संकट से गुजरना पड़ सकता है.