हजारीबाग: देश की बहुत बड़ी आबादी स्लम एरिया में निवास करती है. भले ही यहां जिंदगी काफी मुश्किल हो. लेकिन फिर भी इन इलाकों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. शायद यही वजह है कि इन स्लम एरिया पर ना जाने कितनी ही फिल्में और डॉक्यूमेंट्री बनीं और ना जाने कितने लेखकों ने इनके ऊपर लेख लिखें. कुछ ऐसा ही टैलेंट है हजारीबाग के स्लम एरिया में. यहां के सात युवक अपने दमखम से राष्ट्रीय स्तर पर इंडियन हिप हॉप डांस में परचम लहरा चुके हैं. अब ये वर्ल्ड हिप हॉप चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए यूएस जाने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन इसमें एक रुकावट आ रही है.
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हजारीबाग में स्लम एरिया के युवक इन दिनों अपना परचम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लहराना चाहते हैं. इनके माता-पिता नगर निगम के कर्मी हैं जो शहर की साफ सफाई करते हैं. इनमें से अधिकतर के माता पिता संविदा पर ही काम करते हैं. जिन्हें बेहद कम मानदेय मिलता है. आज इनके बच्चों ने यह साबित कर दिया कि स्लम एरिया के बच्चे किसी से कम नहीं हैं. इन युवाओं ने राष्ट्रीय स्तर की इंडियन हिप हॉप डांस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया है.
हजारीबाग के रिदम मिक्स क्रू डांस ग्रुप इंडिया के कलाकारों ने मुंबई में हुए राष्ट्रीय स्तर की डांस प्रतियोगिता इंडियन हिप हॉप डांस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल प्राप्त किया. इस ग्रुप कॉम्पटीशन में देश से 30 डांस ग्रुप ने भाग लिया था. रिदम मिक्स क्रू की टीम इंडिया को रिप्रेजेंट करते हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने अमेरिका जाएगी. इस टीम के युवाओं का कहना है कि जब ये लोग मुंबई गए थे तब भी इन्हें बहुत परेशानी हुई थी. इन्होंने मुंबई में बड़ा पाव खाकर दिन गुजारे थे क्योंकि इनके पास पैसे नहीं होते थे.लेकिन इन लोगों ने बहुत मेहनत किया जिसका परिणाम सामने आने लगा है. इनका कहना है कि इनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि ये भारत का झंडा कैसे अमेरिका में लहराए. क्योंकि इनके पास वहां जाने के लिए पैसे नहीं हैं. हालांकि इनका कहना है कि इन्होंने हिम्मत नहीं हारी है और इन्हें कई लोगों से मदद मिल रही है.
इन युवाओं का कहना है कि इन्होंने किसी से डांस का प्रशिक्षण नहीं लिया. बल्कि यूट्यूब और विभिन्न प्लेटफार्म के जरिए डांस सीखा है. इन्होंने बताया कि डांस सीखने के दौरान ये रात-रात भर शादी समारोह में जाकर डांस किया करते थे, ताकि कुछ पैसे आ जाएं और प्रैक्टिस भी हो जाए. इन युवाओं को मुकाम पहुंचाने में एक महिला का बड़ा योगदान है, जो एक निजी स्कूल की संचालिका हैं. ये युवा कभी उनकी ही स्कूल में पढ़ा करते थे. ऐसे में स्कूल की संचालिका विद्या बख्शी को ऐसा लगा कि इन लोगों को अगर गाइड किया जाए तो ये कुछ बड़ा कर सकते हैं.
शिक्षिका ने इन बच्चों के लिए रिदम डांस एकेडमी की स्थापना की. जहां यह युवा डांस सीखते हैं और डांस क्लास भी चलाते भी हैं. 2018 में लड़कों ने अपना एक ग्रुप बनाया, उस ग्रुप में इन्होंने खूब मेहनत किया. पहली बार जब इन्होंने हिपहॉप डांस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया तो नीचे पायदान पर रहे.लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. शिक्षिका ने लड़कों को प्रोत्साहित किया, जिसका परिणाम है कि ये ग्रुप अमेरिका जाने के लिए तैयार है. विद्या बख्शी बताती हैं कि जहां तक हो सके उन्होंने इनकी मदद की है. सभी का पासपोर्ट बनकर तैयार हो गया है. यूएसए से इनविटेशन भी आ चुका है. अब वे पैसे जमा कर रहीं हैं ताकि उन युवाओं को उनकी मंजिल तक पहुंचाया जा सके.
रिदम मिक्स क्रू डांस के स्टार डांसर अमित बताते हैं कि मुंबई में ये महज 3 सेकंड के लिए मात खा गए नहीं तो इनके पास गोल्डन मेडल होता. इन्होंने पिछले 4 सालों में बहुत कुछ सीखा है. आर्थिक रूप से भले ही ये कमजोर हैं लेकिन इनके टैलेंट में कोई कमी नहीं है. हालांकि इन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है.