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झारखंड की इस बिटिया पर इंडियन आर्मी करती है गर्व, हजारीबाग आकर पीएम मोदी ने भी लिया नाम

प्रधानमंत्री ने हजारीबाग मेंअपने कार्यक्रम के दौरान जिले की बहादुर बेटी कैप्टन शिखा सुरभि की तारीफ की. जब उन्होंने खुले मंच से नाम लिया तो पूरा गांधी मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी. प्रधानमंत्री के मूंह से अपनी बेटी की तारीफ सुन शिखा के परिवार वाले काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

झारखंड की बिटिया पर है नाज
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Published : Feb 18, 2019, 8:08 PM IST

Updated : Feb 18, 2019, 10:24 PM IST

हजारीबाग: प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम के दौरान जिले की बहादुर बेटी कैप्टन शिखा सुरभि की तारीफ की. जब उन्होंने खुले मंच से नाम लिया तो पूरा गांधी मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी. प्रधानमंत्री के मूंह से अपनी बेटी की तारीफ सुन शिखा के परिवार वाले काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

देखिए पूरी रिपोर्ट
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प्रधानमंत्री ने हजारीबाग से रामगढ़ में बनने वाले राज्य के पहले महिला इंजीनियरिंग कॉलेज का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने झारखंड के महिला सशक्तिकरण की तारीफ की. उन्होंने हजारीबाग की बेटी कैप्टन शिखा सुरभि की बहादुरी की चर्चा की.

प्रधानमंत्री के द्वारा अपनी बेटी को दूसरी बेटियों के लिए मिसाल के रूप में पेश करने की बात कहने पर परिवार वाले खुशी से झूम उठे. कैप्टन शिखा की मां ने कहा कि इसे वो शब्दों में बयां नहीं कर सकती हैं.

कैप्टन शिखा भी अपने साथियों संग ऑफिसर्स मेस में प्रधानमंत्री का भाषण सुन रही थीं. प्रधानमंत्री के मुंह से अपना नाम सुनकर वो भी काफी खुश हुईं. उनके तमाम साथियों ने उन्हें बधाई दी. अब उनकी बहन भी आर्मी जाकर देश की सेवा करना चाहती हैं.

हजारीबाग की इस बहादुर बेटी ने गणतंत्र दिवस परेड में बाइक पर अपने शानदार स्टंट से सबको हैरत में डाल दिया था. और वो स्टंट करने वाली पहली महिला ऑफिसर बनी थीं. आज शहर का जर्रा-जर्रा अपनी बेटी इस कामयाबी पर इतरा रहा है.

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कैप्टन शिखा सुरभि झारखंड के हजारीबाग की रहने वाली हैं. फिलहाल पंजाब के भटिंडा में तैनात हैं. कैप्टन शिखा को बाइकिंग के साथ-साथ बॉक्सिंग और मार्शल आर्ट में भी रुचि है. बाइक स्टंट के चलते उन्होंने बाइक पर लंबी यात्रा भी की है. पिछले 4 वर्षों से वह आर्मी का हिस्सा हैं.

कैप्टन शिखा सुरभि हजारीबाग झील के पास स्थित आवास में रहकर पली-बढ़ी और बाद में इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्रा बनीं. इस स्कूल में उन्होंने शिक्षा दीक्षा ली. अपने प्रारंभिक जीवन से ही साहसिक कार्य के लिए वह स्कूल परिसर में जानी जाती रहीं हैं. उनके शिक्षक भी बताते हैं कि उनमें शुरू से ही देश के प्रति काफी प्रेम था. वह हमेशा कुछ अलग करने को सोचती थीं. कम उम्र में बुलेट गाड़ी चलाने की शौक उन्हें था. खेलकूद में भी उनका काफी रुझान रहा है.


हजारीबाग: प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम के दौरान जिले की बहादुर बेटी कैप्टन शिखा सुरभि की तारीफ की. जब उन्होंने खुले मंच से नाम लिया तो पूरा गांधी मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी. प्रधानमंत्री के मूंह से अपनी बेटी की तारीफ सुन शिखा के परिवार वाले काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

देखिए पूरी रिपोर्ट
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प्रधानमंत्री ने हजारीबाग से रामगढ़ में बनने वाले राज्य के पहले महिला इंजीनियरिंग कॉलेज का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने झारखंड के महिला सशक्तिकरण की तारीफ की. उन्होंने हजारीबाग की बेटी कैप्टन शिखा सुरभि की बहादुरी की चर्चा की.

प्रधानमंत्री के द्वारा अपनी बेटी को दूसरी बेटियों के लिए मिसाल के रूप में पेश करने की बात कहने पर परिवार वाले खुशी से झूम उठे. कैप्टन शिखा की मां ने कहा कि इसे वो शब्दों में बयां नहीं कर सकती हैं.

कैप्टन शिखा भी अपने साथियों संग ऑफिसर्स मेस में प्रधानमंत्री का भाषण सुन रही थीं. प्रधानमंत्री के मुंह से अपना नाम सुनकर वो भी काफी खुश हुईं. उनके तमाम साथियों ने उन्हें बधाई दी. अब उनकी बहन भी आर्मी जाकर देश की सेवा करना चाहती हैं.

हजारीबाग की इस बहादुर बेटी ने गणतंत्र दिवस परेड में बाइक पर अपने शानदार स्टंट से सबको हैरत में डाल दिया था. और वो स्टंट करने वाली पहली महिला ऑफिसर बनी थीं. आज शहर का जर्रा-जर्रा अपनी बेटी इस कामयाबी पर इतरा रहा है.

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कैप्टन शिखा सुरभि झारखंड के हजारीबाग की रहने वाली हैं. फिलहाल पंजाब के भटिंडा में तैनात हैं. कैप्टन शिखा को बाइकिंग के साथ-साथ बॉक्सिंग और मार्शल आर्ट में भी रुचि है. बाइक स्टंट के चलते उन्होंने बाइक पर लंबी यात्रा भी की है. पिछले 4 वर्षों से वह आर्मी का हिस्सा हैं.

कैप्टन शिखा सुरभि हजारीबाग झील के पास स्थित आवास में रहकर पली-बढ़ी और बाद में इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्रा बनीं. इस स्कूल में उन्होंने शिक्षा दीक्षा ली. अपने प्रारंभिक जीवन से ही साहसिक कार्य के लिए वह स्कूल परिसर में जानी जाती रहीं हैं. उनके शिक्षक भी बताते हैं कि उनमें शुरू से ही देश के प्रति काफी प्रेम था. वह हमेशा कुछ अलग करने को सोचती थीं. कम उम्र में बुलेट गाड़ी चलाने की शौक उन्हें था. खेलकूद में भी उनका काफी रुझान रहा है.


Intro:विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र का मुखिया अगर किसी का नाम खुले मंच से ले तो उस व्यक्ति विशेष की ख्याति और भी बढ़ जाती है। उस परिवार का सीना चौड़ा हो जाता है। ऐसा ही कुछ हजारीबाग में हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कार्यक्रम संपन्न कर चले गए ।लेकिन उन्होंने हजारीबाग की बेटी कैप्टन शिखा सुरभि का नाम जब खुले मंच हजारीबाग के गांधी मैदान से लिया तो एक एक और ताली की गड़गड़ाहट में समा बांध दिया तो दूसरी ओर माता पिता के आंखों से खुशी के आंसू टपक पड़े।


Body:vo.....1....हजारीबाग में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रमों का शिलान्यास और उद्घाटन करने के लिए विगत 17 जनवरी को हजारीबाग पहुंचे थे। उन्होंने कई योजनाएं सौगात के रुप में झारखंड वासियों को दिया। उसी दौरान उन्होंने हजारीबाग की बेटी कैप्टन शिखा सुरभि का नाम लिया और मिसाल पेश की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रामगढ़ जिले में राज्य का पहला और देश का तीसरा इंजीनियरिंग महिला कॉलेज का उद्घाटन किया गया है इस कॉलेज से हजारीबाग की बेटी कैप्टन शिखा सुरभि की तरह कई बेटी निकलेंगे जो देश और राज्य का नाम रोशन करेंगे।

byte... नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री

vo....2... जहां एक ओर प्रधानमंत्री का भाषण चल रहा था तो दूसरी ओर इस भाषण को देश और दुनिया में कई जगह सुना जा रहे थे। कैप्टन शिखा सुरभि के ऑफिसर्स मेस में भी प्रधानमंत्री का भाषण प्रोजेक्टर के जरिए सुना जा रहा था ।जब प्रधानमंत्री ने कैप्टन शिखा सुरभि का नाम लिया तो वह खुशी की लहर दौड़ पड़ी। जश्न का दौर शुरू हुआ। कैप्टन का पूरा ग्रुप और अधिकारियों ने शिखा सुरभि को शुभकामना दी और जश्न मनाया। कैप्टन शिखा सुरभि के माता-पिता भी काफी खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं ।उनके घर में ऐसी बेटी हुई जिसमें पूरा देश का नाम रोशन किया ।प्रधानमंत्री ने उनका नाम लेकर परिवार समाज और देश का मान बढ़ाया है ।उसकी मां के पास खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है। उनका कहना है कि इससे बड़ी खुशी क्या होगी जब बेटी का नाम प्रधानमंत्री ले और उदाहरण पेश करें।

byte.... शिखा सुरभि की मां

vo....3.... अब शिखा सुरभि की बहन वैष्णवी भी सिखा की तरह आर्मी में जाना चाहती है। उसका कहना है देश की सुरक्षा के लिए वह जीना चाहती है। वह कहती है उसकी बहन हमेशा से उसके लिए रोल मॉडल रही है । प्रधानमंत्री ने खुले मंच से नाम लिया और मिसाल पेश की है यह परिवार के लिए गौरव की बात है । वैष्णवी का कहना है अब हर एक कोई शिखा की बहन, शिखा के पिता जी, शिखा की माता काकर पुकारता है। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री जब से शिखा सुरभि का नाम लिया है तब से शुभकामना देने वालों की कतार सी लग गई है ।वह भी अपनी बहन की तरह आर्मी में जाना चाहती है ताकि उसका भी नाम प्रधानमंत्री ले

Byte....वैष्णवी कैप्टन शिखा सुरभि की बहन




Conclusion:निसंदेह हजारीबाग पूरे देश के लिए महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश कर रहा है।ईटीवी भारत की ओर से भी शिखा और उसके पूरे परिवार को ढेर सारी शुभकामना

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
Last Updated : Feb 18, 2019, 10:24 PM IST
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