हजारीबाग: प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम के दौरान जिले की बहादुर बेटी कैप्टन शिखा सुरभि की तारीफ की. जब उन्होंने खुले मंच से नाम लिया तो पूरा गांधी मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी. प्रधानमंत्री के मूंह से अपनी बेटी की तारीफ सुन शिखा के परिवार वाले काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने हजारीबाग से रामगढ़ में बनने वाले राज्य के पहले महिला इंजीनियरिंग कॉलेज का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने झारखंड के महिला सशक्तिकरण की तारीफ की. उन्होंने हजारीबाग की बेटी कैप्टन शिखा सुरभि की बहादुरी की चर्चा की.
प्रधानमंत्री के द्वारा अपनी बेटी को दूसरी बेटियों के लिए मिसाल के रूप में पेश करने की बात कहने पर परिवार वाले खुशी से झूम उठे. कैप्टन शिखा की मां ने कहा कि इसे वो शब्दों में बयां नहीं कर सकती हैं.
कैप्टन शिखा भी अपने साथियों संग ऑफिसर्स मेस में प्रधानमंत्री का भाषण सुन रही थीं. प्रधानमंत्री के मुंह से अपना नाम सुनकर वो भी काफी खुश हुईं. उनके तमाम साथियों ने उन्हें बधाई दी. अब उनकी बहन भी आर्मी जाकर देश की सेवा करना चाहती हैं.
हजारीबाग की इस बहादुर बेटी ने गणतंत्र दिवस परेड में बाइक पर अपने शानदार स्टंट से सबको हैरत में डाल दिया था. और वो स्टंट करने वाली पहली महिला ऑफिसर बनी थीं. आज शहर का जर्रा-जर्रा अपनी बेटी इस कामयाबी पर इतरा रहा है.
कैप्टन शिखा सुरभि झारखंड के हजारीबाग की रहने वाली हैं. फिलहाल पंजाब के भटिंडा में तैनात हैं. कैप्टन शिखा को बाइकिंग के साथ-साथ बॉक्सिंग और मार्शल आर्ट में भी रुचि है. बाइक स्टंट के चलते उन्होंने बाइक पर लंबी यात्रा भी की है. पिछले 4 वर्षों से वह आर्मी का हिस्सा हैं.
कैप्टन शिखा सुरभि हजारीबाग झील के पास स्थित आवास में रहकर पली-बढ़ी और बाद में इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्रा बनीं. इस स्कूल में उन्होंने शिक्षा दीक्षा ली. अपने प्रारंभिक जीवन से ही साहसिक कार्य के लिए वह स्कूल परिसर में जानी जाती रहीं हैं. उनके शिक्षक भी बताते हैं कि उनमें शुरू से ही देश के प्रति काफी प्रेम था. वह हमेशा कुछ अलग करने को सोचती थीं. कम उम्र में बुलेट गाड़ी चलाने की शौक उन्हें था. खेलकूद में भी उनका काफी रुझान रहा है.