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अंधेरे कमरे में सांसद जयंत सिन्हा ने की पीसी, राज्य सरकार पर फोड़ा बिजली समस्या का ठीकरा

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Published : Mar 14, 2020, 11:48 PM IST

झारखंड में बिजली समस्या को लेकर मामला गहराता जा रहा है. सड़क से लेकर सदन तक मामले को उठाया गया है. वहीं शनिवार को सांसद जयंत सिन्हा अंधेरे कमरे में पीसी कर वर्तमान सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ा है.

People are troubled by power cuts
People are troubled by power cuts

हजारीबागः इन दिनों झारखंड के सात जिलों हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, रामगढ़, धनबाद और गिरिडीह में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. महज बिजली 6 घंटे ही रही है. ऐसे में हर कोई बिजली की लचर व्यवस्था से परेशान हैं. जिससे पढ़ाई लिखाई, व्यापार, दिनचर्या सभी प्रभावित हो गई है. ऐसे में हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा और विधायक मनीष जयसवाल ने अंधेरे कमरे में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और राज्य सरकार पर बिजली समस्या पर ठीकरा फोड़ा.

देखें पूरी खबर

राज्य सरकार पर 5 हजार करोड़ बकाया

दिनचर्या में बिजली सबसे महत्वपूर्ण होती है. अगर बिजली की व्यवस्था चरमरा जाए तो पूरा दिनचर्या ही चरमरा जाती है. ऐसे में हजारीबाग समेत सात जिलों में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. डीवीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार पर लगभग 5 हजार करोड़ बकाया है. भुगतान नहीं देने को लेकर डीवीसी ने जेवीवीएनएल को महज 6 घंटे ही बिजली दे रही है.

People are troubled by power cuts
झारखंड में बिजली समस्या

12 घंटे बिजली देने को राजी हुई सरकार

वहीं, राज्य सरकार की ओर से 4 सौ करोड़ भुगतान करने के बाद वर्तमान समय में 12 घंटा बिजली देने को राजी हो गई है, लेकिन आने वाले समय में यह भी कहा गया है कि अगर पूरा पैसा नियमित रूप से नहीं मिलता है, तो नियमित बिजली आपूर्ति नहीं की जा सकेगी. इस बात को लेकर हजारीबाग के विधायक ने सदन में भी मामला उठाया है और सांसद जयंत सिन्हा ने दिल्ली में आला अधिकारियों से बात की है.

ये भी पढे़ं- झारखंड के कई जिलों में मूसलाधार बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त

रघुवर सरकार में हुआ 4 हजार करोड़ भुगतान

हजारीबाग में जयंत सिन्हा और मनीष जयसवाल ने सम्मिलित रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और बताया कि राज्य सरकार बकाया राशि देने को तैयार नहीं है. रघुवर सरकार के समय 8 हजार करोड़ बकाया होने के बाद लगभग 4 हजार करोड़ का भुगतान किया गया था. हमारे बीच में अंडरस्टैंडिंग हुई थी कि बकाया राशि किस्त में देंगे, लेकिन हेमंत सरकार आने के बाद यह राशि देना बंद कर दिया गया और अंततः डीवीसी ने बिजली काट दी. डीवीसी के पास कोयला खरीदने का भी पैसा नहीं है.

सरकार ने ट्रेजरी पर लगाया रोक

उन्होंने यह भी कहा कि आज की जो वर्तमान समस्या है इसके लिए पूर्ण रूप से हेमंत सरकार भी दोषी है. फंड की कमी नहीं है सरकार ने ट्रेजरी पर रोक लगा दिया है. इस कारण पैसा का भुगतान नहीं हो पाया और 8 जिले के लोगों को बिजली व्यवस्था से जूझना पड़ रहा है.

हजारीबागः इन दिनों झारखंड के सात जिलों हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, रामगढ़, धनबाद और गिरिडीह में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. महज बिजली 6 घंटे ही रही है. ऐसे में हर कोई बिजली की लचर व्यवस्था से परेशान हैं. जिससे पढ़ाई लिखाई, व्यापार, दिनचर्या सभी प्रभावित हो गई है. ऐसे में हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा और विधायक मनीष जयसवाल ने अंधेरे कमरे में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और राज्य सरकार पर बिजली समस्या पर ठीकरा फोड़ा.

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राज्य सरकार पर 5 हजार करोड़ बकाया

दिनचर्या में बिजली सबसे महत्वपूर्ण होती है. अगर बिजली की व्यवस्था चरमरा जाए तो पूरा दिनचर्या ही चरमरा जाती है. ऐसे में हजारीबाग समेत सात जिलों में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. डीवीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार पर लगभग 5 हजार करोड़ बकाया है. भुगतान नहीं देने को लेकर डीवीसी ने जेवीवीएनएल को महज 6 घंटे ही बिजली दे रही है.

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झारखंड में बिजली समस्या

12 घंटे बिजली देने को राजी हुई सरकार

वहीं, राज्य सरकार की ओर से 4 सौ करोड़ भुगतान करने के बाद वर्तमान समय में 12 घंटा बिजली देने को राजी हो गई है, लेकिन आने वाले समय में यह भी कहा गया है कि अगर पूरा पैसा नियमित रूप से नहीं मिलता है, तो नियमित बिजली आपूर्ति नहीं की जा सकेगी. इस बात को लेकर हजारीबाग के विधायक ने सदन में भी मामला उठाया है और सांसद जयंत सिन्हा ने दिल्ली में आला अधिकारियों से बात की है.

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रघुवर सरकार में हुआ 4 हजार करोड़ भुगतान

हजारीबाग में जयंत सिन्हा और मनीष जयसवाल ने सम्मिलित रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और बताया कि राज्य सरकार बकाया राशि देने को तैयार नहीं है. रघुवर सरकार के समय 8 हजार करोड़ बकाया होने के बाद लगभग 4 हजार करोड़ का भुगतान किया गया था. हमारे बीच में अंडरस्टैंडिंग हुई थी कि बकाया राशि किस्त में देंगे, लेकिन हेमंत सरकार आने के बाद यह राशि देना बंद कर दिया गया और अंततः डीवीसी ने बिजली काट दी. डीवीसी के पास कोयला खरीदने का भी पैसा नहीं है.

सरकार ने ट्रेजरी पर लगाया रोक

उन्होंने यह भी कहा कि आज की जो वर्तमान समस्या है इसके लिए पूर्ण रूप से हेमंत सरकार भी दोषी है. फंड की कमी नहीं है सरकार ने ट्रेजरी पर रोक लगा दिया है. इस कारण पैसा का भुगतान नहीं हो पाया और 8 जिले के लोगों को बिजली व्यवस्था से जूझना पड़ रहा है.

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