हजारीबागः इन दिनों झारखंड के सात जिलों हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, रामगढ़, धनबाद और गिरिडीह में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. महज बिजली 6 घंटे ही रही है. ऐसे में हर कोई बिजली की लचर व्यवस्था से परेशान हैं. जिससे पढ़ाई लिखाई, व्यापार, दिनचर्या सभी प्रभावित हो गई है. ऐसे में हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा और विधायक मनीष जयसवाल ने अंधेरे कमरे में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और राज्य सरकार पर बिजली समस्या पर ठीकरा फोड़ा.
राज्य सरकार पर 5 हजार करोड़ बकाया
दिनचर्या में बिजली सबसे महत्वपूर्ण होती है. अगर बिजली की व्यवस्था चरमरा जाए तो पूरा दिनचर्या ही चरमरा जाती है. ऐसे में हजारीबाग समेत सात जिलों में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. डीवीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार पर लगभग 5 हजार करोड़ बकाया है. भुगतान नहीं देने को लेकर डीवीसी ने जेवीवीएनएल को महज 6 घंटे ही बिजली दे रही है.
12 घंटे बिजली देने को राजी हुई सरकार
वहीं, राज्य सरकार की ओर से 4 सौ करोड़ भुगतान करने के बाद वर्तमान समय में 12 घंटा बिजली देने को राजी हो गई है, लेकिन आने वाले समय में यह भी कहा गया है कि अगर पूरा पैसा नियमित रूप से नहीं मिलता है, तो नियमित बिजली आपूर्ति नहीं की जा सकेगी. इस बात को लेकर हजारीबाग के विधायक ने सदन में भी मामला उठाया है और सांसद जयंत सिन्हा ने दिल्ली में आला अधिकारियों से बात की है.
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रघुवर सरकार में हुआ 4 हजार करोड़ भुगतान
हजारीबाग में जयंत सिन्हा और मनीष जयसवाल ने सम्मिलित रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और बताया कि राज्य सरकार बकाया राशि देने को तैयार नहीं है. रघुवर सरकार के समय 8 हजार करोड़ बकाया होने के बाद लगभग 4 हजार करोड़ का भुगतान किया गया था. हमारे बीच में अंडरस्टैंडिंग हुई थी कि बकाया राशि किस्त में देंगे, लेकिन हेमंत सरकार आने के बाद यह राशि देना बंद कर दिया गया और अंततः डीवीसी ने बिजली काट दी. डीवीसी के पास कोयला खरीदने का भी पैसा नहीं है.
सरकार ने ट्रेजरी पर लगाया रोक
उन्होंने यह भी कहा कि आज की जो वर्तमान समस्या है इसके लिए पूर्ण रूप से हेमंत सरकार भी दोषी है. फंड की कमी नहीं है सरकार ने ट्रेजरी पर रोक लगा दिया है. इस कारण पैसा का भुगतान नहीं हो पाया और 8 जिले के लोगों को बिजली व्यवस्था से जूझना पड़ रहा है.