हजारीबाग: हजारीबाग सिविल कोर्ट में 8 फरवरी को झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर एक नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा. इस लोक अदालत को लेकर अलग-अलग स्रोतों के माध्यम से तैयारी की जा रही है. तैयारी को लेकर प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश मिथिलेश प्रसाद ने संबंधित विभाग एवं अधिवक्ताओं के साथ न्याय सदन में बैठक की, ताकि नेशनल लोक अदालत का लाभ मिल सके.
बैठक में वन विभाग से आए पदाधिकारी ने उन्हें अलग-अलग मामलों के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही मामले के निष्पादन को लेकर क्या तैयारी है उसे भी बताया गया. इसके अलावा उत्पाद विभाग, बैंक, बीमा कंपनी, भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामले भी इस लोक अदालत में लाए जाएंगे.
वहीं, झारखंड के हर सिविल कोर्ट में 8 फरवरी को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. हजारीबाग के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हजारीबाग मिथिलेश प्रसाद ने जानकारी दिया कि यह काफी महत्वपूर्ण होता है. इसमें प्री लेटिगेशन और पोस्ट लेटिगेशन की समस्या का समाधान होता है. जिसमें योग्य न्यायधीश अधिवक्ता रहते हैं. कंपनसेशन और अन्य मामले में सुलह से लेकर आधार पर मुकदमे खत्म किए जाते हैं. जिससे समय और श्रम दोनों की बचत होती है. दोबारा इसमें अपील भी नहीं होती है. जबकि उत्पाद, बिजली विभाग, एनपीए मामलों का भी इसमें निपटारा होता है. जिसमें बैंकर्स को पैसा मिल जाता है और जो व्यक्ति परेशान है उनका भी समस्या का समाधान होता है.
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आसान प्रक्रिया सस्ती शैली, सौहार्दपूर्ण समाधान और त्वरित फैसला ही लोक अदालत को लोकप्रिय और बेहतरीन वैकल्पिक न्यायिक तंत्र बनाती है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान लोक अदालत को भारत में वैकल्पिक विवाद समाधान का एक सफल केंद्र माना गया है. इस प्रणाली को न केवल वादी से बल्कि समान रूप से सार्वजनिक कानूनी अधिकारियों से व्यापक स्वीकृति भी मिली है.