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कोरोना संकट: शब-ए-बारात में मुस्लिम धर्मावलंबी नहीं जाएंगे कब्रिस्तान, घर से करेंगे इबादत - मुस्लिम धर्मावलंबी नहीं जाएंगे कब्रिस्तान

हजारीबाग में शब-ए-बारात के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तय किया है कि वह इस बार कब्रिस्तान में जाकर इबादत नहीं करेंगे. लॉकडाउन और कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर उन्होंने यह फैसला लिया है. ऐसे में हजारीबाग का मुख्य कब्रिस्तान खिरगांव में किसी भी तरह की चहल-पहल नहीं है. आलम यह है कि आज रात में मुस्लिम समुदाय के लोग कब्रिस्तान भी नहीं जाएंगे.

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Published : Apr 9, 2020, 7:44 PM IST

हजारीबाग: जिले में शब-ए-बारात के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तय किया है कि वह इस बार कब्रिस्तान में जाकर इबादत नहीं करेंगे. लॉकडाउन और कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर उन्होंने यह फैसला लिया है. ऐसे में हजारीबाग का मुख्य कब्रिस्तान खिरगांव में किसी भी तरह की चहल-पहल नहीं है. आलम यह है कि आज रात में मुस्लिम समुदाय के लोग कब्रिस्तान भी नहीं जाएंगे. यहां तक कि मुख्य दरवाजा को बंद कर दिया गया है, लोगों नेे फैसला इस बार हम लोग घर पर ही इबादत करेंगे.

देखें पूरी खबर
शब-ए-बारात मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है, इसमें पूरी रात जाग कर मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों में इबादत करते हैं और दुआ करते हैं. इसके साथ ही कब्रिस्तान में पहुंच कर अपने मरहुमिन के लिए दुआ करते हैं. यही वजह है कि इस रात मुस्लिम धर्मावलंबी बड़े शिद्दत से रातों में जागकर मस्जिदों को गुलजार करते हैं और इबादतों में अपना वक्त गुजारते हैं. देर रात लोग कब्रिस्तानों में जाकर मरहूमों के लिए दुआएं करते हैं. लेकिन इस लॉकडाउन के मद्देनजर भारत सहित हज़ारीबाग में भी मुस्लिम धर्मावलम्बी घर पर ही रहकर इबादत करेंगे.

ये भी पढ़ें- कोरोना के खिलाफ जंग: भूख सताए तो आइए सीएम किचन, दिनभर मिल रहा खाना

इस बार कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के प्रभावों को समाप्त करने की दुआएं घर पर ही रहकर की जाएगी. मुस्लिम धर्मावलंबियों का साफ तौर पर कहना है कि इस मुश्किल घड़ी में हम सभी भारत के लोग एक हैं. इस बार हम कब्रिस्तान भी नहीं जाएंगे, घर पर ही रहकर इबादत की जाएगी ताकि लॉकडाउन का भी पालन हो सके और कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर भी काबू पाया जा सके.

हजारीबाग: जिले में शब-ए-बारात के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तय किया है कि वह इस बार कब्रिस्तान में जाकर इबादत नहीं करेंगे. लॉकडाउन और कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर उन्होंने यह फैसला लिया है. ऐसे में हजारीबाग का मुख्य कब्रिस्तान खिरगांव में किसी भी तरह की चहल-पहल नहीं है. आलम यह है कि आज रात में मुस्लिम समुदाय के लोग कब्रिस्तान भी नहीं जाएंगे. यहां तक कि मुख्य दरवाजा को बंद कर दिया गया है, लोगों नेे फैसला इस बार हम लोग घर पर ही इबादत करेंगे.

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शब-ए-बारात मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है, इसमें पूरी रात जाग कर मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों में इबादत करते हैं और दुआ करते हैं. इसके साथ ही कब्रिस्तान में पहुंच कर अपने मरहुमिन के लिए दुआ करते हैं. यही वजह है कि इस रात मुस्लिम धर्मावलंबी बड़े शिद्दत से रातों में जागकर मस्जिदों को गुलजार करते हैं और इबादतों में अपना वक्त गुजारते हैं. देर रात लोग कब्रिस्तानों में जाकर मरहूमों के लिए दुआएं करते हैं. लेकिन इस लॉकडाउन के मद्देनजर भारत सहित हज़ारीबाग में भी मुस्लिम धर्मावलम्बी घर पर ही रहकर इबादत करेंगे.

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इस बार कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के प्रभावों को समाप्त करने की दुआएं घर पर ही रहकर की जाएगी. मुस्लिम धर्मावलंबियों का साफ तौर पर कहना है कि इस मुश्किल घड़ी में हम सभी भारत के लोग एक हैं. इस बार हम कब्रिस्तान भी नहीं जाएंगे, घर पर ही रहकर इबादत की जाएगी ताकि लॉकडाउन का भी पालन हो सके और कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर भी काबू पाया जा सके.

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