हजारीबाग: जिले का मुर्दा कल्याण समिति किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इस कोरोना काल में मुर्दा कल्याण समिति ने 100 से अधिक संक्रमित मरीजों की मौत के बाद अंतिम संस्कार भी किया है. यही नहीं लावारिस शव को यह मुक्ति देने का भी काम करता है. ऐसे में अब हजारीबाग के लोगों का इन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है. ऐसे में हजारीबाग के समाजसेवी ने एंबुलेंस दी है ताकि यह और भी अधिक शक्ति के साथ समाजसेवा कर सकें.
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मदद करने वाले दंपत्ति का भी कहना है कि अगर कोई व्यक्ति दुनिया में आया है तो वह कुछ ऐसा काम करे जिससे दिल को तसल्ली हो. इस कारण मैंने यह दूसरा एंबुलेंस इन्हें दिया है. जिसमें 1 से शव ढोया जाता है तो अब दूसरे से मरीजों को ढोया जाएगा. एंबुलेंस मिलने के बाद मुर्दा कल्याण समिति के संचालक मोहम्मद खालिद ने कहा कि जिस उम्मीद से एंबुलेंस दिया है हम उनके उम्मीद पर खरा उतरेंगे. यह एंबुलेंस हजारीबाग के शहरी इलाकों में स्वस्थ हुए मरीजों को घर पहुंचाने का काम करेगा. मुर्दा कल्याण समिति ने पूरे राज्यभर में अपनी अलग पहचान बनाई है. लेकिन इस पहचान के पीछे हजारीबाग के निवासियों का भी योगदान है, जो इन्हें हमेशा मदद करती है. एक बार फिर समाजसेवी ने मदद करके यह बताया है कि हजारीबागवासियों का दिल भी बड़ा है.