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मुर्दा कल्याण समिति को समाजसेवी ने दिया एंबुलेंस, कहा- बेहतर सेवा देने की होगी कोशिश - Social worker gave an ambulance to Murda Kalyan Samiti

हजारीबाग के मुर्दा कल्याण समिति को समाजसेवी ने एंबुलेंस दिया है ताकि ये मरीजों को बेहतर सेवा दे सकें. बता दें कि मुर्दा कल्याण समिति पिछले कई सालों से हजारीबाग में लावारिस शव का अंतिम संस्कार कर रहा है. अंतिम संस्कार हजारीबाग के लोगों से चंदा लेकर किया जाता है. इसे दो दोस्त मोहम्मद खालिद और तापस ने शुरू किया था.

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मुर्दा कल्याण समिति को एंबुलेंस सौंपते समाजसेवी
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Published : Oct 1, 2020, 6:29 PM IST

हजारीबाग: जिले का मुर्दा कल्याण समिति किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इस कोरोना काल में मुर्दा कल्याण समिति ने 100 से अधिक संक्रमित मरीजों की मौत के बाद अंतिम संस्कार भी किया है. यही नहीं लावारिस शव को यह मुक्ति देने का भी काम करता है. ऐसे में अब हजारीबाग के लोगों का इन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है. ऐसे में हजारीबाग के समाजसेवी ने एंबुलेंस दी है ताकि यह और भी अधिक शक्ति के साथ समाजसेवा कर सकें.

देखें पूरी खबर
हजारीबाग मुर्दा कल्याण समिति पिछले कई सालों से हजारीबाग में लावारिस शव का अंतिम संस्कार कर रहा है. अंतिम संस्कार हजारीबाग के लोगों से चंदा लेकर किया जाता है. इसे दो दोस्त मोहम्मद खालिद और तापस ने शुरू किया था. धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता चला गया और लोग जुड़ते चले गए. ऐसे में हजारीबाग के लोगों ने इन्हें हमेशा कभी पैसा से तो कभी एंबुलेंस से तो कभी किसी सामान से इन्हें मदद करते आए हैं. मुर्दा कल्याण समिति को हजारीबाग के समाजसेवी ने
एंबुलेंस दिया है ताकि ये मरीजों को सेवा दे सकें.



ये भी पढ़ें- देवघर: जमीन विवाद में दो पक्षों में खूनी संघर्ष, 1 की मौत, चार घायल


मदद करने वाले दंपत्ति का भी कहना है कि अगर कोई व्यक्ति दुनिया में आया है तो वह कुछ ऐसा काम करे जिससे दिल को तसल्ली हो. इस कारण मैंने यह दूसरा एंबुलेंस इन्हें दिया है. जिसमें 1 से शव ढोया जाता है तो अब दूसरे से मरीजों को ढोया जाएगा. एंबुलेंस मिलने के बाद मुर्दा कल्याण समिति के संचालक मोहम्मद खालिद ने कहा कि जिस उम्मीद से एंबुलेंस दिया है हम उनके उम्मीद पर खरा उतरेंगे. यह एंबुलेंस हजारीबाग के शहरी इलाकों में स्वस्थ हुए मरीजों को घर पहुंचाने का काम करेगा. मुर्दा कल्याण समिति ने पूरे राज्यभर में अपनी अलग पहचान बनाई है. लेकिन इस पहचान के पीछे हजारीबाग के निवासियों का भी योगदान है, जो इन्हें हमेशा मदद करती है. एक बार फिर समाजसेवी ने मदद करके यह बताया है कि हजारीबागवासियों का दिल भी बड़ा है.

हजारीबाग: जिले का मुर्दा कल्याण समिति किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इस कोरोना काल में मुर्दा कल्याण समिति ने 100 से अधिक संक्रमित मरीजों की मौत के बाद अंतिम संस्कार भी किया है. यही नहीं लावारिस शव को यह मुक्ति देने का भी काम करता है. ऐसे में अब हजारीबाग के लोगों का इन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है. ऐसे में हजारीबाग के समाजसेवी ने एंबुलेंस दी है ताकि यह और भी अधिक शक्ति के साथ समाजसेवा कर सकें.

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हजारीबाग मुर्दा कल्याण समिति पिछले कई सालों से हजारीबाग में लावारिस शव का अंतिम संस्कार कर रहा है. अंतिम संस्कार हजारीबाग के लोगों से चंदा लेकर किया जाता है. इसे दो दोस्त मोहम्मद खालिद और तापस ने शुरू किया था. धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता चला गया और लोग जुड़ते चले गए. ऐसे में हजारीबाग के लोगों ने इन्हें हमेशा कभी पैसा से तो कभी एंबुलेंस से तो कभी किसी सामान से इन्हें मदद करते आए हैं. मुर्दा कल्याण समिति को हजारीबाग के समाजसेवी ने
एंबुलेंस दिया है ताकि ये मरीजों को सेवा दे सकें.



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मदद करने वाले दंपत्ति का भी कहना है कि अगर कोई व्यक्ति दुनिया में आया है तो वह कुछ ऐसा काम करे जिससे दिल को तसल्ली हो. इस कारण मैंने यह दूसरा एंबुलेंस इन्हें दिया है. जिसमें 1 से शव ढोया जाता है तो अब दूसरे से मरीजों को ढोया जाएगा. एंबुलेंस मिलने के बाद मुर्दा कल्याण समिति के संचालक मोहम्मद खालिद ने कहा कि जिस उम्मीद से एंबुलेंस दिया है हम उनके उम्मीद पर खरा उतरेंगे. यह एंबुलेंस हजारीबाग के शहरी इलाकों में स्वस्थ हुए मरीजों को घर पहुंचाने का काम करेगा. मुर्दा कल्याण समिति ने पूरे राज्यभर में अपनी अलग पहचान बनाई है. लेकिन इस पहचान के पीछे हजारीबाग के निवासियों का भी योगदान है, जो इन्हें हमेशा मदद करती है. एक बार फिर समाजसेवी ने मदद करके यह बताया है कि हजारीबागवासियों का दिल भी बड़ा है.

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