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MLA Boycotted DMFT Fund Meeting: जिला प्रशासन पर चाटुकारिता और बेईमानी का लगाया आरोप - हजारीबाग सदर विधानसभा

हजारीबाग में MLA Manish Jaiswal ने डीएमएफटी फंड की बैठक का बहिष्कार किया है. उन्होंने जिला प्रशासन पर चाटुकारिता और बेईमानी का आरोप लगाया है.

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डीएमएफटी फंड की बैठक का बहिष्कार
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Published : Nov 27, 2021, 10:48 PM IST

Updated : Nov 27, 2021, 11:05 PM IST

हजारीबागः Sadar MLA Manish Jaiswal ने शनिवार को डीएमएफटी फंड के न्यास परिषद की बैठक का बहिष्कार करते हुए सभा कक्ष से बाहर निकल गए. उन्होंने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सदर विधानसभा के साथ प्रशासनिक बेईमानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन सरकार की चाटुकारिता कर रही है, इस कारण वो इस बैठक का बहिष्कार करते हैं.

इसे भी पढ़ें- 188 करोड़ों रुपया पड़ा है डीएमएफटी फंड में, विकास योजनाओं की कोई तैयारी नहीं: जयंत सिन्हा

District Mineral Foundation Trust यानी DMFT को लेकर विवाद कोई नया नहीं है. लेकिन इस बार विवाद का कारण कुछ और बन गया है. सदर विधायक मनीष जायसवाल ने इस बैठक का बहिष्कार किया और उन्होंने जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि हजारीबाग जिला प्रशासन का आचरण बेईमानी वाला है. उन्होंने कहा कि सदर प्रखंड को एक, कटकमसांडी को एक और दारु को मात्र चार योजना दिया है. वहीं कटकमदाग जो पूर्ण रूप से उत्खनन प्रभावित प्रखंड है उसे एक भी योजना नहीं दिया है. ऐसे में स्पष्ट होता है कि सदर विधानसभा के साथ छलावा हो रहा है क्योंकि यहां के जनप्रतिनिधि भारतीय जनता पार्टी के हैं.

देखें पूरी खबर

शनिवार को न्यास परिषद की बैठक जिला उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी. जिसमें सभी सदस्य को आमंत्रित किया गया था. बैठक शुरू होने के बाद योजनाओं की स्थल जांच को लेकर प्रतिवेदन दिया गया. इस प्रतिवेदन में Hazaribagh Sadar Assembly की अनदेखी करने का आरोप विधायक ने लगाया है. प्रतिवेदन का आकलन करने के बाद उन्होंने कहा कि सदर विधानसभा की उपेक्षा हुई है, इस कारण वो इस बैठक का बहिष्कार किया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन सत्ताधारी सत्ता पक्ष के चाटुकारिता कर रही है और सत्ता पक्ष के लोग को खुश करने के लिए अन्यायपूर्ण कार्य कर रहा है. यही नहीं यहां के प्रशासन बेईमानी पर उतर आयी है. स्थल चयन में भी हजारीबाग सदर विधानसभा की उपेक्षा की गयी है. वहीं अन्य प्रखंड जहां खनन का प्रभाव नहीं दिखता है वहां अधिक योजनाओं का चयन हुआ है, ऐसे में हजारीबाग में विकास कार्य पर असर दिखेगा. उन्होंने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि इस बात को लेकर उचित फोरम में भी रखेंगे ताकि इस तरह का भेदभाव नहीं हो.

इसे भी पढ़ें- चाईबासा में डीएमएफटी न्यास समिति की बैठक, विशेष इनोवेटिव प्रोग्राम के लिए बनी सहमति

उन्होंने भाजपा की सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि उस वक्त भी अगर सड़क आवंटित होती थी तो विपक्षी दल के विधायक और उनके विधानसभा पर भी विशेष रूप से ख्याल रखा जाता था. लेकिन हेमंत सरकार में प्रशासन सरकार को खुश करने के लिए सत्तापक्ष को अधिक योजनाओं का लाभ दे रही है. वर्तमान समय में योजनाओं के चयन को लेकर स्थल जांच के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था और उस दौरान यह घटना घटी है. अब देखने वाली बात होगी इस मामले का पटाक्षेप कब और कैसे होता है.

हजारीबागः Sadar MLA Manish Jaiswal ने शनिवार को डीएमएफटी फंड के न्यास परिषद की बैठक का बहिष्कार करते हुए सभा कक्ष से बाहर निकल गए. उन्होंने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सदर विधानसभा के साथ प्रशासनिक बेईमानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन सरकार की चाटुकारिता कर रही है, इस कारण वो इस बैठक का बहिष्कार करते हैं.

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District Mineral Foundation Trust यानी DMFT को लेकर विवाद कोई नया नहीं है. लेकिन इस बार विवाद का कारण कुछ और बन गया है. सदर विधायक मनीष जायसवाल ने इस बैठक का बहिष्कार किया और उन्होंने जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि हजारीबाग जिला प्रशासन का आचरण बेईमानी वाला है. उन्होंने कहा कि सदर प्रखंड को एक, कटकमसांडी को एक और दारु को मात्र चार योजना दिया है. वहीं कटकमदाग जो पूर्ण रूप से उत्खनन प्रभावित प्रखंड है उसे एक भी योजना नहीं दिया है. ऐसे में स्पष्ट होता है कि सदर विधानसभा के साथ छलावा हो रहा है क्योंकि यहां के जनप्रतिनिधि भारतीय जनता पार्टी के हैं.

देखें पूरी खबर

शनिवार को न्यास परिषद की बैठक जिला उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी. जिसमें सभी सदस्य को आमंत्रित किया गया था. बैठक शुरू होने के बाद योजनाओं की स्थल जांच को लेकर प्रतिवेदन दिया गया. इस प्रतिवेदन में Hazaribagh Sadar Assembly की अनदेखी करने का आरोप विधायक ने लगाया है. प्रतिवेदन का आकलन करने के बाद उन्होंने कहा कि सदर विधानसभा की उपेक्षा हुई है, इस कारण वो इस बैठक का बहिष्कार किया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन सत्ताधारी सत्ता पक्ष के चाटुकारिता कर रही है और सत्ता पक्ष के लोग को खुश करने के लिए अन्यायपूर्ण कार्य कर रहा है. यही नहीं यहां के प्रशासन बेईमानी पर उतर आयी है. स्थल चयन में भी हजारीबाग सदर विधानसभा की उपेक्षा की गयी है. वहीं अन्य प्रखंड जहां खनन का प्रभाव नहीं दिखता है वहां अधिक योजनाओं का चयन हुआ है, ऐसे में हजारीबाग में विकास कार्य पर असर दिखेगा. उन्होंने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि इस बात को लेकर उचित फोरम में भी रखेंगे ताकि इस तरह का भेदभाव नहीं हो.

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उन्होंने भाजपा की सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि उस वक्त भी अगर सड़क आवंटित होती थी तो विपक्षी दल के विधायक और उनके विधानसभा पर भी विशेष रूप से ख्याल रखा जाता था. लेकिन हेमंत सरकार में प्रशासन सरकार को खुश करने के लिए सत्तापक्ष को अधिक योजनाओं का लाभ दे रही है. वर्तमान समय में योजनाओं के चयन को लेकर स्थल जांच के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था और उस दौरान यह घटना घटी है. अब देखने वाली बात होगी इस मामले का पटाक्षेप कब और कैसे होता है.

Last Updated : Nov 27, 2021, 11:05 PM IST
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