हजारीबागः कभी-कभी शौक दूसरे के लिए प्रेरणा का स्रोत बन जाती है. हजारीबाग के पंडित जी रोड के रहने वाले पंकज का शौक आज प्रेरणा का काम कर रहा है. पंकज ने अपने बुलेट से 50 हजार किलोमीटर से अधिक की यात्रा की है. यात्रा करने का उद्देश्य अपने राज्य की सभ्यता और संस्कृति के बारे में दूसरे राज्यों को बताना, साथ ही साथ आपसी भाईचारा का पैगाम देना है.
पंकज कहते हैं कि पहले मोटरसाइकिल चलाना उनकी हॉबी थी लेकिन यह धीरे-धीरे उद्देश्य में बदल गया. उन्होंने कई राज्यों में बुलेट से सफर किया है. गांव, कस्बा, खेत, मोहल्ला, शहर में जाकर रूके हैं, वहां के लोगों को आपसी एकता के बारे में बताया है. यही नहीं झारखंड की खूबसूरती पर्यटन, मंदिर, सभ्यता और संस्कृति के बारे में भी लोगों को अवगत कराया है, ताकि वे लोग भी झारखंड आएं और यहां की खूबसूरती का आनंद लें. वह आज के युवा वर्ग को यह संदेश भी देना चाहते हैं कि जब भी मोटरसाइकिल चलाएं तो ट्रैफिक नियम का पालन करें.
ये भी पढ़ें-गणतंत्र दिवस की एक और तस्वीर, रांची के सड़कों पर झंडा बेचते दिखे मासूम
पंकज कहते हैं कि उनकी यात्रा बिना तिरंगे की शुरू नहीं होती. उन्होंने तिरंगा बुलेट पर लगाकर लंबी-लंबी यात्रा की है. पंकज कहते हैं यह तिरंगा ही हमारी पहचान है, हमारी एकता का प्रतीक है. उनका कहना है कि हर 10 किलोमीटर के बाद हमारी संस्कृति में परिवर्तन दिखता है, लेकिन हमारा तिरंगा एक है. इसलिए यह तिरंगा ही हमारी एकता और भाईचारा का प्रतीक है. इस कारण तिरंगा को बांधकर ही वे पूरे देश भर में घूमते हैं.
पंकज एक निजी कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव के पद पर हैं. ऐसे में बुलेट पर देश प्रेम का अलख जगाने की सोच रखना भी चुनौती से कम नहीं है. हजारीबाग के युवा भी कहते हैं कि इन्होंने जो बीड़ा उठाया है वह काबिले तारीफ है. उनके जज्बे को लोग सलाम करते हैं. बुलेट की सवारी कर आपसी भाईचारा, देश प्रेम और सभ्यता संस्कृति के बारे में देश के कोने-कोने तक अपनी बात पहुंचाने का पंकज ने मन बना लिया है. जरूरत है इनसे प्रेरणा लेने की.