हजारीबाग: पूरे देश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है. उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि दी जा रही है. लेकिन हजारीबाग में लोग महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को लोग भूल गए हैं. जिले में आज के दिन महात्मा गांधी स्मारक सुनसान पड़ा रहा. ना ही स्मारक साफ किया गया और न ही कोई जनप्रतिनिधि या फिर प्रशासनिक अधिकारी ने महात्मा गांधी के चरणों पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
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आज ही के दिन हुई थी महात्मा गांधी की हत्या: आज से 74 साल पहले 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की थी. अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार मानने वाले गांधी खुद हिंसा के शिकार हुए. उस दिन से प्रत्येक साल 30 जनवरी को शहादत दिवस के रुप में मनाया जाता है. शहादत दिवस के अवसर पर पूरे देश भर में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है. लेकिन हजारीबाग में आज के दिन भी महात्मा गांधी स्मारक सुनसान पड़ा रहा. आलम यह रहा कि उस स्थान को साफ भी नहीं किया गया. गंदगी के अंबार के बीच ही कुछ युवाओं ने आकर पुष्पांजलि अर्पित किया. लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या जनप्रतिनिधि यहां श्रद्धांजलि अर्पित करने नहीं आए. गांधीजी की पुण्यतिथि पर प्रशासनिक उदासीनता पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है.
हजारीबाग से रहा है विशेष नाता: हजारीबाग से महात्मा गांधी का नाता भी रहा है. आजादी के पहले हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज के व्हीट्ले हॉल में उनका आगमन हुआ था. छू अछूत, अशिक्षा, अंधविश्वास, पर्दाप्रथा के खिलाफ बापू ने अपना भाषण दिया था. रामगढ़ अधिवेशन के दौरान बापू का पदार्पण हजारीबाग में हुआ. 1948 में बापू की हत्या के बाद उनका अस्थि कलश हजारीबाग लाया गया.उनकी स्मृति में कुम्हारटोली में स्मारक बनाया गया है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर जहां पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है. लेकिन हजारीबाग में जिस तरह से लापरवाही एवं उदासीनता देखा गया वैसे में कई सवाल उठ रहे हैं.