हजारीबाग: मोटर व्हीकल संशोधित कानून लागू होने के बाद लोग अब नियम का पालन करने के लिए विवश हो गए हैं. इसी क्रम में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने वालों की होड़ मची हुई है. वाहन का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट ना होने पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है. यही वजह है कि शहर के प्रदूषण जांच केंद्र के बाहर सुबह से ही लोगों की लंबी कतार लग जाती है.
जानकारी के अनुसार, सिर्फ 50 रुपए में मिलने वाले पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के नहीं रहने से लोगों को दस हजार तक का चालान भरना पड़ रहा है. इसलिए पॉल्यूशन पेपर बनाने वालों की होड़ मची हुई है. उपभोक्ताओं का कहना है पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेने के लिए 4 से 5 घंटे तक का समय लग रहा है, क्योंकि सरकार ने जो नियम बनाए हैं वह काफी सख्त हैं. पॉल्यूशन पेपर नहीं रहने पर दस हजार तक का फाइन भरना पड़ेगा. इसलिए लोग छुट्टी के दिन पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेने प्रदूषण जांच केंद्र पहुंचे.
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वहीं, कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि शहर में एकमात्र प्रदूषण जांच केंद्र होने के कारण भी काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. सरकार को इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है, साथ ही साथ प्रदूषण जांच घर में किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. न बैठने की व्यवस्था है और न ही पानी पीने की. जिससे बुजुर्ग लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
प्रदूषण जांच केंद्र के संचालक का कहना है कि पहले इक्का-दुक्का लोग जांच के लिए पहुंचे थे. लेकिन नियम सख्त होने के बाद एक दिन में 400 से 500 लोग सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं. जिस प्रकार से अब दोपहिया और चार पहिया वाहन चालक प्रदूषण जांच केंद्र पॉल्यूशन पेपर लेने के लिए पहुंच रहे हैं यह भले ही फाइन का खौफ हो लेकिन इसका फायदा भी आम जनता को मिलेगी.