हजारीबाग: कोरोना संक्रमण के दौरान सबसे बुरा प्रभाव स्कूली छात्रों पर पड़ा है. स्कूल के बाहर ताला लटका है. ऐसे में पढ़ाई कैसे हो यह चुनौती से कम नहीं है. वैसे माता-पिता जो सक्षम हैं. उन्होंने तो अपने बच्चे को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्ट फोन दे दिया लेकिन गरीब का बच्चा कैसे पढ़ेगा यह बड़ा सवाल है. ऐसे में अब झारखंड सरकार ने रेडियो के जरिए पढ़ाई कराने की तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन इसमें भी समस्या है कि छात्रों के पास रेडियो नहीं है.
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रेडियो से बच्चे कर पाएंगे पढ़ाई
हजारीबाग के सुदूरवर्ती गोदखर गांव के हरिजन टोला में लगभग 100 बच्चे रहते हैं. यहां लोग बेहद गरीब हैं. इसे देखते हुए लायंस क्लब ने 25 रेडियो सेट बच्चों के बीच में बांटा है ताकि बच्चे पढ़ पाए. लायंस क्लब के सदस्य बताते हैं कि स्मार्टफोन और लैपटॉप के अभाव में शिक्षा से गरीब छात्र-छात्राएं वंचित हो गए थे. ऐसे में सरकार ने यह अच्छा कदम उठाया है. इसका लाभ छात्रों को भी मिलेगा. इससे पढ़ाई भी बच्चे कर पाएंगे और देश दुनिया की जानकारी भी उन्हें मिल पाएगी. रेडियो का साइड इफेक्ट भी नहीं है. इसे देखते हुए तय किया है कि हम लोग ग्रामीण इलाके में जो बेहद गरीब बच्चे हैं, उन्हें रेडियो मुफ्त में मुहैया कराएंगे. जिन्हें भी इस सुविधा का लाभ चाहिए वह हमसे संपर्क स्थापित कर सकता हैं.
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स्टोरी बेस्ड दी जाएगी शिक्षा
इचाक प्रखंड के समग्र शिक्षा ब्लॉक प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. वंदना श्रीवास्तव ने बताया कि स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग यूनिसेफ और चाइल्ड केयर की ओर से कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जो 28 जून से शुरू होगा. उन्होंने चिंता जाहिर की कि इस महामारी के दौरान मात्र 30% बच्चे तक ही ऑनलाइन शिक्षा लेकर पहुंच पाए हैं. ऐसे में रेडियो के जरिए अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचा जा सकता है. बच्चों को सुबह 9:20 से 9.30 और शाम को 5:50 से 6:00 तक स्टोरी बेस्ड शिक्षा दी जाएगी.