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हजारीबाग में भूमिहीनों को मिला जमीन का पट्टा, सालों से झोपड़ी में रहने को थे मजबूर

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Published : Jun 6, 2021, 11:16 AM IST

हजारीबाग के चौपारण प्रखंड में सालों से झोपड़ी में लोग रह रहे थे. इसे लेकर विधायक ने भूमिहीनों को 02-02 डिसमिल जमीन का पट्टा दिया है.

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भूमिहीनों को मिला जमीन का पट्टा

हजारीबाग: चौपारण प्रखंड के ग्राम सेलहारा में सालों से झोपड़ी में रह रहे 15 परिवार के 80 सदस्यों में आज 9 भोक्ता परिवारों को बरही विधायक ने 02-02 डिसमिल जमीन का पट्टा वितरण किया. इस अवसर पर सीओ गौरीशंकर प्रसाद भी मौजूद थे.

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भूमिहीन

ये भी पढ़ें- हजारीबाग: कुएं निर्माण के दौरान चाल धंसने से एक मजदूर की मौत, 2 घायल

विधायक अकेला ने कहा कि उन्होंने भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष बात रखी थी. उस पर मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाते हुए उनकी बातों को सुना और उसी का परिणाम है कि आज सभी को जमीन का पट्टा मिला है.

विधायक ने अपने वादे को किया पूरा

विधायक ने यह भी कहा कि जो वादा वे करते हैं, उसे पूरा भी करते हैं. वे यहां ठंड के मौसम में कंबल बांटने आए थे उसी दौरान लोगों से वादा किया था कि आवास के लिए जमीन देंगे, वह वादा आज पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि झुग्गी-झोपड़ी में रह रहे लोगो के लिए जमीन उपलब्ध कराने पर विधायक ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त किया है. विधायक ने कहा कि अब यहां आवास और पानी के लिए चापानल दिलवाएंगे. उन्होंने कहा कि भूमि नहीं रहने के कारण भूमिहीन कई सरकारी लाभो से वंचित रह जाते हैं और चाह कर भी कोई खास मदद नहीं कर पा रहे थे. अब विकास का द्वार खुला है धीरे-धीरे सब खुशहाल होंगे.

आवास और चापानल की प्रक्रिया में आएगी तेजी

सीओ ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार सूची मांगी गई थी. उसके आलोक में भूमिहीन परिवारों की सूची बनाकर भेजी गई थी, उसी की स्वीकृति मिली है. वहीं, आपूर्ति विभाग के विधायक प्रतिनिधि नीरज सिंह ने कहा कि यहां मुखिया माधुरी देवी के सौजन्य से पहले सोलर लाइट लगाया जा चुका है. इसके बाद वन विभाग की ओर से सोलर लाइट लगाया गया. सिंह ने कहा कि जमीन मिल गई है तो अब आवास और चापानल की प्रक्रिया में तेजी आएगी.


कई वर्षो से रह रहे थे भोक्ता परिवार
कई सालों से पूर्व भोक्ता परिवार बिहार के गया जिले से अपना आशियाना तलाशते यहां आ पहुंचे थे, तभी से सभी भूमि के आभाव मे करीब 2 फिट प्लास्टिक का टेंट लगाकर 80 सदस्य जीवन यापन कर रहे थे. इनमें लगभग के पास वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड और आधार कार्ड बन गया था. लेकिन भूमि के आभाव मे सभी सरकार के कल्याणकारी योजना से वंचित रह जाते थे. इन परिवारो में अब एक उम्मीद की किरण जागी है और उन्हे अहसास होने लग गया है कि अब वो भी मुख्यधारा से जुड़ेंगे.

हजारीबाग: चौपारण प्रखंड के ग्राम सेलहारा में सालों से झोपड़ी में रह रहे 15 परिवार के 80 सदस्यों में आज 9 भोक्ता परिवारों को बरही विधायक ने 02-02 डिसमिल जमीन का पट्टा वितरण किया. इस अवसर पर सीओ गौरीशंकर प्रसाद भी मौजूद थे.

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भूमिहीन

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विधायक अकेला ने कहा कि उन्होंने भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष बात रखी थी. उस पर मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाते हुए उनकी बातों को सुना और उसी का परिणाम है कि आज सभी को जमीन का पट्टा मिला है.

विधायक ने अपने वादे को किया पूरा

विधायक ने यह भी कहा कि जो वादा वे करते हैं, उसे पूरा भी करते हैं. वे यहां ठंड के मौसम में कंबल बांटने आए थे उसी दौरान लोगों से वादा किया था कि आवास के लिए जमीन देंगे, वह वादा आज पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि झुग्गी-झोपड़ी में रह रहे लोगो के लिए जमीन उपलब्ध कराने पर विधायक ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त किया है. विधायक ने कहा कि अब यहां आवास और पानी के लिए चापानल दिलवाएंगे. उन्होंने कहा कि भूमि नहीं रहने के कारण भूमिहीन कई सरकारी लाभो से वंचित रह जाते हैं और चाह कर भी कोई खास मदद नहीं कर पा रहे थे. अब विकास का द्वार खुला है धीरे-धीरे सब खुशहाल होंगे.

आवास और चापानल की प्रक्रिया में आएगी तेजी

सीओ ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार सूची मांगी गई थी. उसके आलोक में भूमिहीन परिवारों की सूची बनाकर भेजी गई थी, उसी की स्वीकृति मिली है. वहीं, आपूर्ति विभाग के विधायक प्रतिनिधि नीरज सिंह ने कहा कि यहां मुखिया माधुरी देवी के सौजन्य से पहले सोलर लाइट लगाया जा चुका है. इसके बाद वन विभाग की ओर से सोलर लाइट लगाया गया. सिंह ने कहा कि जमीन मिल गई है तो अब आवास और चापानल की प्रक्रिया में तेजी आएगी.


कई वर्षो से रह रहे थे भोक्ता परिवार
कई सालों से पूर्व भोक्ता परिवार बिहार के गया जिले से अपना आशियाना तलाशते यहां आ पहुंचे थे, तभी से सभी भूमि के आभाव मे करीब 2 फिट प्लास्टिक का टेंट लगाकर 80 सदस्य जीवन यापन कर रहे थे. इनमें लगभग के पास वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड और आधार कार्ड बन गया था. लेकिन भूमि के आभाव मे सभी सरकार के कल्याणकारी योजना से वंचित रह जाते थे. इन परिवारो में अब एक उम्मीद की किरण जागी है और उन्हे अहसास होने लग गया है कि अब वो भी मुख्यधारा से जुड़ेंगे.

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