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हजारीबाग से अपहृत डॉक्टर का शव पिंडाही जंगल से बरामद, ग्रामीणों ने किया थाने का घेराव - झारखंड न्यूज

हजारीबाग से अपहृत डॉक्टर का शव पिंडाही जंगल से मिला है. शव मिलने के बाद दर्जनों की संख्या में ग्रामीण कटकमदाग थाने (Katkamdag Police Station) का घेराव किया और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की.

Kidnapped doctor body found in Hazaribag
हजारीबाग से अपहृत डॉक्टर का शव पिंडाही जंगल से बरामद
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Published : Jun 29, 2022, 8:25 PM IST

हजारीबागः कटकमदाग थाना क्षेत्र के कुसुंभा से अपहृत डॉक्टर अभिजीत कुमार राय का शव बुधवार को कटकमदाग पुलिस ने पिंडाही जंगल से बरामद किया है. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. हालांकि, मुखिया कल्लू राम और पूर्व मुखिया गणेश के नेतृत्व में कुसुंभा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने कटकमदाग थाने का घेराव किया, जो हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे.

यह भी पढ़ेंःहजारीबाग: अवैध संबंध को लेकर हत्या, चार आरोपी गिरफ्तार

ग्रामीणों ने डॉक्टर को अपहरण करने वालों को शीघ्र गिरफ्तार कर फांसी की सजा देने के साथ साथ चिकित्सक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे. बता दें कि 25 जून को 12:30 बजे दिन में कुछ लोग चिकित्सक अभिजीत के घर पर आये थे और गाड़ी में बैठाकर उन्हें ले गए. डॉक्टर के भाई ने कटकमदाग थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई, जिसपर भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से लगातार अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही थी. लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा था. बुधवार को डॉक्टर का शव पिंडाही जंगल से बरामद किया है. हालांकि, अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर कार्रवाई जारी है.

डॉक्टर के परिजनों ने बताया कि कुसुंभा गांव में 10 वर्षों से उपेंद्र यादव के घर में किराए पर रह रहे थे. 25 जून कुछ लोग गाड़ी में बैठाकर जबरदस्ती ले गये. उन्होंने डॉक्टर का शव बरामद होने के बाद पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि शव देखने से लगता है कि 1 से 2 दिन पहले हत्या कर दी गई थी. लेकिन पुलिस को इसकी सूचना नहीं थी. यह पुलिस के कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल है.

हजारीबागः कटकमदाग थाना क्षेत्र के कुसुंभा से अपहृत डॉक्टर अभिजीत कुमार राय का शव बुधवार को कटकमदाग पुलिस ने पिंडाही जंगल से बरामद किया है. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. हालांकि, मुखिया कल्लू राम और पूर्व मुखिया गणेश के नेतृत्व में कुसुंभा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने कटकमदाग थाने का घेराव किया, जो हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे.

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ग्रामीणों ने डॉक्टर को अपहरण करने वालों को शीघ्र गिरफ्तार कर फांसी की सजा देने के साथ साथ चिकित्सक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे. बता दें कि 25 जून को 12:30 बजे दिन में कुछ लोग चिकित्सक अभिजीत के घर पर आये थे और गाड़ी में बैठाकर उन्हें ले गए. डॉक्टर के भाई ने कटकमदाग थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई, जिसपर भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से लगातार अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही थी. लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा था. बुधवार को डॉक्टर का शव पिंडाही जंगल से बरामद किया है. हालांकि, अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर कार्रवाई जारी है.

डॉक्टर के परिजनों ने बताया कि कुसुंभा गांव में 10 वर्षों से उपेंद्र यादव के घर में किराए पर रह रहे थे. 25 जून कुछ लोग गाड़ी में बैठाकर जबरदस्ती ले गये. उन्होंने डॉक्टर का शव बरामद होने के बाद पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि शव देखने से लगता है कि 1 से 2 दिन पहले हत्या कर दी गई थी. लेकिन पुलिस को इसकी सूचना नहीं थी. यह पुलिस के कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल है.

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