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CAA को लेकर जयंत सिन्हा ने दी पूरी जानकारी, कहा- विपक्षी नेता, लोगों कर रहे दिग्भ्रमित - हजारीबाग में सीएए को लेकर रैली

सीएए को लेकर पूरे देश भर में बवाल मचा हुआ है. कई शहरों में इसे लेकर विरोध दर्ज किया गया है तो कई शहरों में इसके पक्ष में रैलियां निकाली जा रही हैं. ऐसे में जयंत सिन्हा ने हजारीबाग में बुद्धिजीवियों के साथ बाच कर इस एक्ट के बारे में पूरी जानकारी दी.

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जानकारी देते जयंत सिन्हा
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Published : Jan 12, 2020, 6:19 PM IST

हजारीबाग: सीएए को लेकर पूरे देश भर में बवाल मचा हुआ है. कई शहरों में इसे लेकर विरोध दर्ज किया गया है तो कई शहरों में इसके पक्ष में रैलियां निकाली जा रही हैं. ऐसे में भारत सरकार एक अभियान के तहत पूरे देश भर में जनप्रतिनिधियों के साथ यह समझाने की कोशिश कर रही है कि नागरिकता संशोधन एक्ट नागरिकता देने वाली है न कि नागरिकता छीनने वाली. ऐसे में जयंत सिन्हा ने हजारीबाग में बुद्धिजीवियों के साथ बैठ कर इस एक्ट के बारे में पूरी जानकारी दी.

देखें पूरी खबर

नागरिकता भारत सरकार देगी
जयंत सिन्हा ने कहा कि भारत सरकार ने बहुत ही मेहनत से कई बारीकियों को देखते हुए यह एक्ट बनाया है. इस एक्ट की यह विशेषता है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता खुल गया है. 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत आने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के 6 धर्मों के अल्पसंख्यकों को घुसपैठिया नहीं माना जाएगा, उन्हें नागरिकता भारत सरकार देगी.

'अवैध शरणार्थी के रूप में नहीं देखा जाएगा'
जयंत सिन्हा ने कहा कि इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना भी 10 जनवरी 2020 से जारी कर दी है. जिसके तहत भारत में आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी के रूप में नहीं देखा जाएगा.

ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन अचानक पहुंचे अनाथ आश्रम, बच्चों ने उतारी आरती, CM ने हर मदद का दिया भरोसा

'विपक्ष देश में कर रही गलत राजनीति
जयंत सिन्हा ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस एक्ट के बारे में लोगों को जानकारी दें और उन्हें बताएं कि यह एक कितना लाभकारी है. उन्होंने यह भी कहा कि सीएए, एनआरसी, एनआरपी तीनों अलग-अलग मुद्दे हैं. लेकिन विपक्ष तीनों को एक साथ मिलाकर लोगों को दिग्भ्रमित कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष गलत राजनीति देश में कर रही है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.

हजारीबाग: सीएए को लेकर पूरे देश भर में बवाल मचा हुआ है. कई शहरों में इसे लेकर विरोध दर्ज किया गया है तो कई शहरों में इसके पक्ष में रैलियां निकाली जा रही हैं. ऐसे में भारत सरकार एक अभियान के तहत पूरे देश भर में जनप्रतिनिधियों के साथ यह समझाने की कोशिश कर रही है कि नागरिकता संशोधन एक्ट नागरिकता देने वाली है न कि नागरिकता छीनने वाली. ऐसे में जयंत सिन्हा ने हजारीबाग में बुद्धिजीवियों के साथ बैठ कर इस एक्ट के बारे में पूरी जानकारी दी.

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नागरिकता भारत सरकार देगी
जयंत सिन्हा ने कहा कि भारत सरकार ने बहुत ही मेहनत से कई बारीकियों को देखते हुए यह एक्ट बनाया है. इस एक्ट की यह विशेषता है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता खुल गया है. 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत आने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के 6 धर्मों के अल्पसंख्यकों को घुसपैठिया नहीं माना जाएगा, उन्हें नागरिकता भारत सरकार देगी.

'अवैध शरणार्थी के रूप में नहीं देखा जाएगा'
जयंत सिन्हा ने कहा कि इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना भी 10 जनवरी 2020 से जारी कर दी है. जिसके तहत भारत में आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी के रूप में नहीं देखा जाएगा.

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'विपक्ष देश में कर रही गलत राजनीति
जयंत सिन्हा ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस एक्ट के बारे में लोगों को जानकारी दें और उन्हें बताएं कि यह एक कितना लाभकारी है. उन्होंने यह भी कहा कि सीएए, एनआरसी, एनआरपी तीनों अलग-अलग मुद्दे हैं. लेकिन विपक्ष तीनों को एक साथ मिलाकर लोगों को दिग्भ्रमित कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष गलत राजनीति देश में कर रही है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.

Intro:नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर पूरे देश भर में बवाल मचा हुआ है ।कई शहरों में इसे लेकर विरोध दर्ज किया गया है तो कई शहरों में इसके पक्ष में रैलियां निकाली जा रही हैं।ऐसे में भारत सरकार एक अभियान के तहत पूरे देश भर में जनप्रतिनिधियों के द्वारा यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि नागरिकता संशोधन एक्ट नागरिकता देने वाली है ना कि नागरिकता छीनने वाली है। ऐसे में जयंत सिन्हा ने हजारीबाग में बुद्धिजीवियों के साथ संवाद स्थापित किया है और इस एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी।


Body:जयंत सिन्हा ने कहा कि भारत सरकार ने बहुत ही मेहनत से कई बारीकियों को देखते हुए यह एक्ट बनाया। इस एक्ट की यह विशेषता है कि की बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता खुल गया है। 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत आने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के 6 धर्मों के अल्पसंख्यकों को घुसपैठिया नहीं माना जाएगा, उन्हें नागरिकता भारत सरकार देगी। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना भी 10 जनवरी 2020 से जारी कर दिया है। जिसके तहत भारत में आए हिंदू, सिख, बौद्ध ,जैन पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी के रूप में नहीं देखा जाएगा।
जयंत सिन्हा ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस एक्ट के बारे में लोगों को जानकारी दें और उन्हें बताएं कि यह एक कितना लाभकारी है ।उन्होंने यह भी कहा कि सीएए ,एनआरसी, एनआरपी तीनों अलग-अलग मुद्दे हैं। लेकिन विपक्ष तीनों को एक साथ मिलाकर लोगों को दिग्भ्रमित कर रही है। एनआरसी और एनआरपी को लेकर अब तक न सदन में कोई चर्चा नहीं हुआ है और ना ही इसे कैबिनेट ने पास किया है ।इसलिए आम जनता को जागरूक रहने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष गलत राजनीति देश में कर रही है। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। जयंत सिन्हा ने अपने भाषण में इस बात का भी जिक्र किया कि जो लोग भारत में आकर रह रहे हैं और उन्हें नागरिकता नहीं मिली है तो उनका विकास भी नहीं हो पाएगा। अगर भारत ने वैसे लोग को नागरिकता दिया है तो अपने खुला दिल होने का भी सबूत दिया है।

byte..... जयंत सिन्हा सांसद हजारीबाग


Conclusion:अब यह देखने वाली बात होगी कि जयंत सिंहा का बात कितना लोगों को समझ में आता है। सीएए, एनआरसी और एनआरपी को लेकर जो विवाद छिड़ा है उसका अंत हो पाता है।
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