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तीन नए मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन पेन डाउन स्ट्राइक, 350 से अधिक मरीजों का नहीं किया इलाज - स्वास्थ्य विभाग

राज्य के तीन नए मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन पेन डाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं. वेतन बढ़ोतरी समेत कई मांगों की अनदेखी किए जाने पर सरकार से नाराज हैं डॉक्टर.

मेडिकल कॉलेज
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Published : Nov 4, 2019, 7:55 PM IST

हजारीबागः राज्य के 3 नए मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, पलामू और दुमका के सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर सोमवार से अनिश्चितकालीन पेन ड्राप हड़ताल पर चले गए हैं. डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा का आज से बहिष्कार कर दिया है. दरअसल, राज्य के मेडिकल कॉलेजों में नवनियुक्त डॉक्टरों को 3 माह से वेतन नहीं मिला है.

देखें पूरी खबर

इमरजेंसी सेवा का भी करेंगे बहिष्कार

डॉक्टरों ने इससे पहले वेतन बढ़ोतरी समेत कई मांगें सरकार के सामने भी रखी थी, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं होने के कारण हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर आक्रोशित हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि 11 नवंबर तक अगर उनकी बातें नहीं मानी जाएगी तो वह इमरजेंसी सेवा का भी बहिष्कार करेंगे.

350 से अधिक मरीजों का नहीं किया इलाज

बताते चलें कि अगस्त में नियुक्त डॉक्टरों के त्योहार बिना वेतन के ही निकल गए. आलम यह है कि डॉक्टरों को उनका अकाउंट नंबर भी नहीं दिया गया है. ऐसे में डॉक्टर काफी नाराज हैं. उन्होंने अपनी नाराजगी स्वास्थ्य सचिव के सामने व्यक्त की है, लेकिन अल्टीमेटम देने के बाद भी सरकार के द्वारा कदम नहीं उठाने के विरोध में डॉक्टरों ने यह फैसला लिया है. डॉक्टरों ने कहा कि उनके सेवा नहीं देने के कारण लगभग 350 से अधिक मरीजों का इलाज नहीं हो पाया. इसका दोष उन्होंने सरकार पर उतारा है.

नवनियुक्त डॉक्टरों की स्थिति को देखकर लगता है कि जिस उद्देश्य के साथ मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया था और डॉक्टरों की बहाली की गई थी वह पूरी नहीं हो रही है . ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी सरकार उनकी बात कब सुनती है और उन्हें कब वेतन मिलता है.

हजारीबागः राज्य के 3 नए मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, पलामू और दुमका के सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर सोमवार से अनिश्चितकालीन पेन ड्राप हड़ताल पर चले गए हैं. डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा का आज से बहिष्कार कर दिया है. दरअसल, राज्य के मेडिकल कॉलेजों में नवनियुक्त डॉक्टरों को 3 माह से वेतन नहीं मिला है.

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इमरजेंसी सेवा का भी करेंगे बहिष्कार

डॉक्टरों ने इससे पहले वेतन बढ़ोतरी समेत कई मांगें सरकार के सामने भी रखी थी, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं होने के कारण हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर आक्रोशित हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि 11 नवंबर तक अगर उनकी बातें नहीं मानी जाएगी तो वह इमरजेंसी सेवा का भी बहिष्कार करेंगे.

350 से अधिक मरीजों का नहीं किया इलाज

बताते चलें कि अगस्त में नियुक्त डॉक्टरों के त्योहार बिना वेतन के ही निकल गए. आलम यह है कि डॉक्टरों को उनका अकाउंट नंबर भी नहीं दिया गया है. ऐसे में डॉक्टर काफी नाराज हैं. उन्होंने अपनी नाराजगी स्वास्थ्य सचिव के सामने व्यक्त की है, लेकिन अल्टीमेटम देने के बाद भी सरकार के द्वारा कदम नहीं उठाने के विरोध में डॉक्टरों ने यह फैसला लिया है. डॉक्टरों ने कहा कि उनके सेवा नहीं देने के कारण लगभग 350 से अधिक मरीजों का इलाज नहीं हो पाया. इसका दोष उन्होंने सरकार पर उतारा है.

नवनियुक्त डॉक्टरों की स्थिति को देखकर लगता है कि जिस उद्देश्य के साथ मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया था और डॉक्टरों की बहाली की गई थी वह पूरी नहीं हो रही है . ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी सरकार उनकी बात कब सुनती है और उन्हें कब वेतन मिलता है.

Intro:राज्य के तीन नए मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को 3 माह से वेतन नहीं मिलने के विरोध में वे अनिश्चितकालीन पेन डाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं ।साथ ही साथ उन्होंने ऐलान किया है कि अगर उनकी बातें नहीं मानी जाएगी तो आगामी सोमवार से आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा को भी ठप कर देंगे।


Body:राज्य के 3 नए मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, पलामू और दुमका के सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर आज सोमवार से अनिश्चितकालीन पेन ड्राप हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा का आज से बहिष्कार कर दिया है। दरअसल राज्य के मेडिकल कॉलेजों में नवनीत डॉक्टरों को वेतन नहीं मिला है। इसके अलावा वेतन बढ़ोतरी समेत कई मांगे सरकार के सामने रखी गई थी। लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं होने के कारण हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर सोमवार से ओपीडी सेवा बहिष्कार किया है। साथ ही साथ या ऐलान किया है कि 11 नवंबर तक अगर उनकी बातें नहीं मानी जाएगी तो वह इमरजेंसी सेवा का भी बहिष्कार करेंगे।

बताते चलें कि अगस्त में नियुक्त इन डॉक्टरों की दशहरा दिवाली बिना वेतन के ही निकल गई ।कारण है कि उनू अभी तक वेतन नहीं मिला है। आलम यह है कि डॉक्टरों से उनका अकाउंट नंबर भी नहीं दिया गया है। ऐसे में डॉक्टर काफी नाराज हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी भी स्वास्थ्य सचिव के सामने व्यक्त की है। लेकिन अल्टीमेटम देने के बाद भी सरकार के द्वारा कदम नहीं उठाने के विरोध में डॉक्टरों ने यह फैसला लिया है ।जो डॉक्टर ने ओपीडी का बहिष्कार किया है उनका कहना है कि हमारे सेवा नहीं देने के कारण लगभग आज सोमवार को 350 अधिक मरीजों का इलाज नहीं हो पाया।इसका दोष उन्होंने सरकार पर उतारा है।

byte.... डॉक्टर आयुष सिन्हा


Conclusion:नवनियुक्त डॉक्टरों की स्थिति को देखकर लगता है कि जिस उद्देश्य के साथ मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया था और डॉक्टरों की बहाली की गई थी वह पूरी नहीं हो रही है ।ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी सरकार उनकी बात कब सुनती है और उन्हें कब वेतन मिलता है।
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