रांची: हजारीबाग की एक महिला को शौचालय साफ करने वाले एसिड पिलाने के मामले में हाई कोर्ट ने लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की बेंच में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को पुनः समय देते हुए जवाब पेश करने को कहा है.
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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हजारीबाग की एक महिला को एसिड पिलाने के मामले में लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को फिर से समय देते हुए जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने उन्हें 2 सप्ताह में जवाब देने को कहा है. सरकार के जवाब आने के बाद मामले की फिर से सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता की ओर से बताया गया कि इस मामले में पुलिस पूर्व से ही जांच कर रही है.
बता दें कि हाई कोर्ट के अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था कि हजारीबाग में एक महिला को एसिड पिलाया गया. यह दुखद स्थिति है और कुछ नहीं हो पा रहा है. अधिवक्ता के उस पत्र पर हाई कोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को फिर से एक बार समय देते हुए जवाब पेश करने को कहा है.