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हजारीबाग के शिक्षक बच्चों को परीक्षा के लिए ऐसे कर रहे हैं तैयार, जानिए सफलता के 'मूल मंत्र' - Exam Tips

हजारीबाग के बरियठ मिडिल स्कूल के शिक्षक राकेश रंजन ने परीक्षा को लेकर बच्चों को एग्जाम के टिप्स दिए हैं. उनका मानना है कि बच्चे एकाग्रचित होकर पढ़ाई करें, अंक के पीछे न भागे और जितना पढ़े ध्यान से पढ़े.

Hazaribagh teacher gave tips on exam with etv bharat
बच्चों के लिए परीक्षा टिप्स
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Published : Feb 6, 2020, 11:21 AM IST

Updated : Feb 6, 2020, 6:40 PM IST

हजारीबागः जिले के सुदूरवर्ती गांव इचाक के बरियठ मिडिल स्कूल के शिक्षक राकेश रंजन अन्य शिक्षकों से काफी अलग हैं. जिन्हें झारखंड अधिविद परिषद ने पिछले वर्ष शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष सम्मान से नवाजा था. उन्हें राज्य के पाठ्य पुस्तकों के विकास में योगदान देने के लिए पुरस्कृत भी किया गया था. राकेश रंजन ने इंग्लिश किताबें भी लिखी है. स्कूल के पाठ्यक्रम वाले किताबों में इनका नाम शुमार है.

देखें पूरी खबर

दरअसल, राकेश रंजन अंग्रेजी विषय के शिक्षक हैं. छात्रों से इनका बेहद लगाव भी रहा है. बच्चे भी अपने अंग्रेजी के शिक्षक राकेश रंजन का बेसब्री से इंतजार करते हैं कि वो कब आएंगे और अंग्रेजी पढ़ाएं. वहीं शिक्षक छात्र को हर रोज यह समझाने की कोशिश करते हैं कि शिक्षा हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है. कोई भी क्लास लेने के पहले वह छात्रों से यह जरूर बोलते हैं कि हम नंबर लाने के लिए शिक्षा नहीं प्राप्त करते हैं, बल्कि शिक्षित होने के लिए पढ़ाई करते हैं.

टिप्स देते शिक्षक

ऐसे में अब पूरे देशभर में परीक्षा का दौर शुरू होने वाला है और सभी छात्र यही कोशिश करते हैं कि उन्हें सबसे अधिक अंक प्राप्त हो. ऐसे में छात्रों के ऊपर काफी दबाव रहता है. ऐसे में शिक्षक राकेश रंजन कहते हैं कि छात्र अगर निरंतर पढ़ाई करे तो परीक्षा के समय किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी है.

ये भी पढ़ें- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मंत्री मिथलेश ठाकुर ने लिया पदभार, कहा- राज्य में नहीं होगी पानी की समस्या

उनका यह भी कहना है कि छात्रों के जीवन में शिक्षक के साथ-साथ उनके अभिभावकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है. अभिभावक को चाहिए कि वह छात्रों पर अत्यधिक बोझ न डालें और न ही अंक लाने के लिए विचार करें. उन्होंने बच्चों को टिप्स देते हुए बताया कि परीक्षा हॉल में जब भी छात्र बैठे तो खुद को एकाग्रचित्त करें. सबसे पहले उन सवालों का जवाब दें जिसे वे बेहतर ढंग से जानते हैं. अगर वैसे सवाल जिनका उत्तर नहीं जानते हैं तो इसे लेकर परेशान न हो बल्की शिक्षक से इस बारे में राय ले लें. यह भी मानना है कि एक समय के लिए अंक और प्रतिशत महत्वपूर्ण रखता है, लेकिन जब हम जनरल कंपटीशन में आते हैं तो हमारा पुराना पढ़ाई ही काम आता है. इसलिए छात्रों को कभी भी अंक के पीछे नहीं दौड़ना चाहिए.

हजारीबागः जिले के सुदूरवर्ती गांव इचाक के बरियठ मिडिल स्कूल के शिक्षक राकेश रंजन अन्य शिक्षकों से काफी अलग हैं. जिन्हें झारखंड अधिविद परिषद ने पिछले वर्ष शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष सम्मान से नवाजा था. उन्हें राज्य के पाठ्य पुस्तकों के विकास में योगदान देने के लिए पुरस्कृत भी किया गया था. राकेश रंजन ने इंग्लिश किताबें भी लिखी है. स्कूल के पाठ्यक्रम वाले किताबों में इनका नाम शुमार है.

देखें पूरी खबर

दरअसल, राकेश रंजन अंग्रेजी विषय के शिक्षक हैं. छात्रों से इनका बेहद लगाव भी रहा है. बच्चे भी अपने अंग्रेजी के शिक्षक राकेश रंजन का बेसब्री से इंतजार करते हैं कि वो कब आएंगे और अंग्रेजी पढ़ाएं. वहीं शिक्षक छात्र को हर रोज यह समझाने की कोशिश करते हैं कि शिक्षा हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है. कोई भी क्लास लेने के पहले वह छात्रों से यह जरूर बोलते हैं कि हम नंबर लाने के लिए शिक्षा नहीं प्राप्त करते हैं, बल्कि शिक्षित होने के लिए पढ़ाई करते हैं.

टिप्स देते शिक्षक

ऐसे में अब पूरे देशभर में परीक्षा का दौर शुरू होने वाला है और सभी छात्र यही कोशिश करते हैं कि उन्हें सबसे अधिक अंक प्राप्त हो. ऐसे में छात्रों के ऊपर काफी दबाव रहता है. ऐसे में शिक्षक राकेश रंजन कहते हैं कि छात्र अगर निरंतर पढ़ाई करे तो परीक्षा के समय किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी है.

ये भी पढ़ें- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मंत्री मिथलेश ठाकुर ने लिया पदभार, कहा- राज्य में नहीं होगी पानी की समस्या

उनका यह भी कहना है कि छात्रों के जीवन में शिक्षक के साथ-साथ उनके अभिभावकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है. अभिभावक को चाहिए कि वह छात्रों पर अत्यधिक बोझ न डालें और न ही अंक लाने के लिए विचार करें. उन्होंने बच्चों को टिप्स देते हुए बताया कि परीक्षा हॉल में जब भी छात्र बैठे तो खुद को एकाग्रचित्त करें. सबसे पहले उन सवालों का जवाब दें जिसे वे बेहतर ढंग से जानते हैं. अगर वैसे सवाल जिनका उत्तर नहीं जानते हैं तो इसे लेकर परेशान न हो बल्की शिक्षक से इस बारे में राय ले लें. यह भी मानना है कि एक समय के लिए अंक और प्रतिशत महत्वपूर्ण रखता है, लेकिन जब हम जनरल कंपटीशन में आते हैं तो हमारा पुराना पढ़ाई ही काम आता है. इसलिए छात्रों को कभी भी अंक के पीछे नहीं दौड़ना चाहिए.

Intro:आने वाले दिनों में पूरे देश भर में परीक्षा का दौर शुरू होने वाला है ऐसे में छात्र और उनके अभिभावक अपने बच्चे के कैरियर को लेकर चिंतित भी हैं तो छात्र भी परेशान है कि आखिर कैसे अधिक से अधिक नंबर आए और हम अपने जीवन में आगे पढ़ें ऐसे में छात्र तनाव में भी रहते हैं जरूरत है ऐसे छात्रों को मोटिवेट करने की ताकि वे पढ़ाई में अच्छा कर सके और तनाव से दूर हो सके.

हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव इचाक के बरियठ स्कूल के शिक्षक राकेश रंजन ने छात्रों को कई टिप्स दिया है। कौन है यह शिक्षक और क्या टिप्स दिया है देखते हैं रिपोर्ट के जरिए....


Body:हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव इचाक के बरियठ मिडिल स्कूल के शिक्षक राकेश रंजन अन्य टीचरों से काफी अलग हैं ।जिन्हें झारखंड अधिविद परिषद ने पिछले वर्ष शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष सम्मान से नवाजा था। उन्होंने राज्य के पाठ्य पुस्तकों के विकास में योगदान देने के लिए पुरस्कृत किया गया था। इंग्लिश विषय के कई किताबों को भी उन्होंने लिखा है। स्कूल के पाठ्यक्रम वाले किताबों में इनका नाम का जिक्र भी है ।राकेश रंजन को अंग्रेजी विषय के शिक्षक हैं।

राकेश रंजन हर रोज अपने विद्यालय में पहुंचते हैं और अंग्रेजी विषय पढ़ाते हैं। छात्रों से इनका बेहद लगाव भी रहा है। आलम यह रहता है छात्र इन का बेसब्री से इंतजार करते हैं कि वह आए और अंग्रेजी पढ़ाएं। जो छात्रों को हर रोज यह समझाने की कोशिश करते हैं कि शिक्षा हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है ।कोई भी क्लास लेने के पहले वह छात्रों से यह जरूर बोलते हैं कि हम नंबर लाने के लिए शिक्षा नहीं प्राप्त करते हैं बल्कि शिक्षित होने के लिए पढ़ाई करते हैं।

ऐसे में अब पूरे देश भर में परीक्षा का दौर शुरू होने वाला है और सभी छात्र यही कोशिश करते हैं कि उन्हें सबसे अधिक अंक प्राप्त हो ऐसे में उनके ऊपर काफी दबाव रहता है ।ऐसे में शिक्षक राकेश रंजन कहते हैं कि छात्र अगर निरंतर पढ़ाई करे तो परीक्षा के समय किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है। उनका यह भी कहना है कि छात्रों के जीवन में शिक्षक के साथ-साथ उनके अभिभावकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। अभिभावक को चाहिए कि वह छात्रों पर अत्यधिक बोझ ना डालें और ना ही अंक लाने के लिए विचार करें । परीक्षा हॉल में जब भी छात्र बैठे हैं तो खुद को एकाग्र चित्त करें। सबसे पहले उन सवालों का जवाब दें जिसे वे बेहतर ढंग से जानते हैं। अगर वैसे सवाल जिनका उत्तर नहीं जानते हैं तो इसे लेकर परेशान ना रहे । शिक्षक का यह भी मानना है कि एक समय के लिए अंक और प्रतिशत महत्वपूर्ण रखता है ।लेकिन जब हम जनरल कंपटीशन में आते हैं तो हमारा पुराना पढ़ाई ही काम आता है। इसलिए छात्रों को कभी भी अंक के पीछे नहीं तोड़ना चाहिए।

1 to 1 शिक्षक राकेश रंजन के साथ


Conclusion:परीक्षा के समय छात्रों को जहां मोटिवेट करने की आवश्यकता है तो दूसरी और शिक्षक और अभिभावकों की भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। जरूरत है छात्रों को भी एकाग्र चित्त होकर परीक्षा देने की ना कि परिणाम सोचने की।
Last Updated : Feb 6, 2020, 6:40 PM IST
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