हजारीबागः जिले के सुदूरवर्ती गांव इचाक के बरियठ मिडिल स्कूल के शिक्षक राकेश रंजन अन्य शिक्षकों से काफी अलग हैं. जिन्हें झारखंड अधिविद परिषद ने पिछले वर्ष शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष सम्मान से नवाजा था. उन्हें राज्य के पाठ्य पुस्तकों के विकास में योगदान देने के लिए पुरस्कृत भी किया गया था. राकेश रंजन ने इंग्लिश किताबें भी लिखी है. स्कूल के पाठ्यक्रम वाले किताबों में इनका नाम शुमार है.
दरअसल, राकेश रंजन अंग्रेजी विषय के शिक्षक हैं. छात्रों से इनका बेहद लगाव भी रहा है. बच्चे भी अपने अंग्रेजी के शिक्षक राकेश रंजन का बेसब्री से इंतजार करते हैं कि वो कब आएंगे और अंग्रेजी पढ़ाएं. वहीं शिक्षक छात्र को हर रोज यह समझाने की कोशिश करते हैं कि शिक्षा हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है. कोई भी क्लास लेने के पहले वह छात्रों से यह जरूर बोलते हैं कि हम नंबर लाने के लिए शिक्षा नहीं प्राप्त करते हैं, बल्कि शिक्षित होने के लिए पढ़ाई करते हैं.
ऐसे में अब पूरे देशभर में परीक्षा का दौर शुरू होने वाला है और सभी छात्र यही कोशिश करते हैं कि उन्हें सबसे अधिक अंक प्राप्त हो. ऐसे में छात्रों के ऊपर काफी दबाव रहता है. ऐसे में शिक्षक राकेश रंजन कहते हैं कि छात्र अगर निरंतर पढ़ाई करे तो परीक्षा के समय किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी है.
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उनका यह भी कहना है कि छात्रों के जीवन में शिक्षक के साथ-साथ उनके अभिभावकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है. अभिभावक को चाहिए कि वह छात्रों पर अत्यधिक बोझ न डालें और न ही अंक लाने के लिए विचार करें. उन्होंने बच्चों को टिप्स देते हुए बताया कि परीक्षा हॉल में जब भी छात्र बैठे तो खुद को एकाग्रचित्त करें. सबसे पहले उन सवालों का जवाब दें जिसे वे बेहतर ढंग से जानते हैं. अगर वैसे सवाल जिनका उत्तर नहीं जानते हैं तो इसे लेकर परेशान न हो बल्की शिक्षक से इस बारे में राय ले लें. यह भी मानना है कि एक समय के लिए अंक और प्रतिशत महत्वपूर्ण रखता है, लेकिन जब हम जनरल कंपटीशन में आते हैं तो हमारा पुराना पढ़ाई ही काम आता है. इसलिए छात्रों को कभी भी अंक के पीछे नहीं दौड़ना चाहिए.