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हजारीबाग: ऑक्सीजन के अभाव में बच्ची की मौत, प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

हजारीबाग के बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन के अभाव में एक बच्ची की मौत का मामला सामने आया है. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य केंद्र के दो आक्सीजन सिलेंडरों में एक में भी ऑक्सीजन नहीं रहने पर उसकी मौत हो गई.

girl child died due to lack of oxygen
बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
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Published : Oct 29, 2020, 12:42 PM IST

हजारीबाग: बड़कागांव प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लचर व्यवस्था ने आज फिर से एक मासूम की जान ले ली. प्रखंड के बिश्रामपुर निवासी नागेंद्र महतो की 2 वर्षीय बेटी परिधि कुमारी की शाम को अचानक तबीयत खराब हो गयी. परिवारवालों ने तकरीबन 10 बजे उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया. मौके पर डॉक्टरों और कंपाउंडरों ने आधे घंटे से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने का खेल चलाते रहे. हालांकि, स्वास्थ्य केंद्र के दो आक्सीजन सिलेंडरों में एक में भी ऑक्सीजन नहीं रहने और 30 से 40 मिनट तक ऑक्सीजन बच्ची को नहीं देने पर मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

girl child died due to lack of oxygen
अस्पताल में मरीज

ये भी पढ़ें-बोकारो में CM हेमंत सोरेन ने बोला BJP पर हमला, उपचुनाव के बाद बोरिया बिस्तर समेटकर भेजेंगे गुजरात

परिजनों ने बताया कि ड्यूटी कर रहे डॉक्टर कार्तिक उरांव, पारस कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन खत्म हो गई है. परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्चे को सही समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गई. वहीं, परिजनों ने बताया कि आते के साथ ही डॉक्टर के बिना देखे रेफर करने की बात कहीं जाने लगी. सही समय पर ऑक्सीजन नहीं लगने पर हमारी बच्ची की मौत हो गई.

girl child died due to lack of oxygen
अस्पताल में मरीज

अन्य मरीजों को भी सुविधा उपलब्ध नहीं

इसके अलावा अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों के परिजनों ने बताया कि बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की इतनी खराब व्यवस्था है कि सभी डिलीवरी पेशेंट के लिए ना मच्छरदानी की व्यवस्था की गई थी, ना ही उन्हें बेडशीट दिया गया था. सारे पेशेंट बैठकर ही पूरी रात गुजार रहे थे. इसके अलावा पेशेंट के संबंधियों ने बताया कि उनको अस्पताल से बोल दिया जाता है कि आपके घर से ही बेडशीट, चादर, कंबल और मच्छरदानी लेकर आए.

वहीं, इन सभी के लिए झारखंड सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और व्यवस्था के नाम पर बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जीरो है. ऐसे में सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आम जनता कैसे अपना इलाज कर पाएगी यह बड़ा सवाल खड़ा होता है. लगातार सरकार की ओर से इन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में करोड़ों रुपए का अनुदान दिया जाता है. बावजूद इसके धरातल पर कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है, आखिर इतने पैसे जाते कहां है यह एक बड़ा सवाल है.

हजारीबाग: बड़कागांव प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लचर व्यवस्था ने आज फिर से एक मासूम की जान ले ली. प्रखंड के बिश्रामपुर निवासी नागेंद्र महतो की 2 वर्षीय बेटी परिधि कुमारी की शाम को अचानक तबीयत खराब हो गयी. परिवारवालों ने तकरीबन 10 बजे उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया. मौके पर डॉक्टरों और कंपाउंडरों ने आधे घंटे से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने का खेल चलाते रहे. हालांकि, स्वास्थ्य केंद्र के दो आक्सीजन सिलेंडरों में एक में भी ऑक्सीजन नहीं रहने और 30 से 40 मिनट तक ऑक्सीजन बच्ची को नहीं देने पर मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

girl child died due to lack of oxygen
अस्पताल में मरीज

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परिजनों ने बताया कि ड्यूटी कर रहे डॉक्टर कार्तिक उरांव, पारस कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन खत्म हो गई है. परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्चे को सही समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गई. वहीं, परिजनों ने बताया कि आते के साथ ही डॉक्टर के बिना देखे रेफर करने की बात कहीं जाने लगी. सही समय पर ऑक्सीजन नहीं लगने पर हमारी बच्ची की मौत हो गई.

girl child died due to lack of oxygen
अस्पताल में मरीज

अन्य मरीजों को भी सुविधा उपलब्ध नहीं

इसके अलावा अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों के परिजनों ने बताया कि बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की इतनी खराब व्यवस्था है कि सभी डिलीवरी पेशेंट के लिए ना मच्छरदानी की व्यवस्था की गई थी, ना ही उन्हें बेडशीट दिया गया था. सारे पेशेंट बैठकर ही पूरी रात गुजार रहे थे. इसके अलावा पेशेंट के संबंधियों ने बताया कि उनको अस्पताल से बोल दिया जाता है कि आपके घर से ही बेडशीट, चादर, कंबल और मच्छरदानी लेकर आए.

वहीं, इन सभी के लिए झारखंड सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और व्यवस्था के नाम पर बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जीरो है. ऐसे में सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आम जनता कैसे अपना इलाज कर पाएगी यह बड़ा सवाल खड़ा होता है. लगातार सरकार की ओर से इन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में करोड़ों रुपए का अनुदान दिया जाता है. बावजूद इसके धरातल पर कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है, आखिर इतने पैसे जाते कहां है यह एक बड़ा सवाल है.

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