हजारीबाग: सरकार का स्पष्ट आदेश है कि कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार नियम के साथ किया जाए, लेकिन हजारीबाग में जिला प्रशासन और मुर्दा कल्याण समिति के बीच तालमेल स्थापित नहीं होने के कारण अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. दरअसल, हजारीबाग में बीते दिनों आइसोलेशन वार्ड में एक मरीज की मौत हो गई थी. गुरुवार को रिम्स से उसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया. ऐसे में उसका अंतिम संस्कार कोविड-19 के नियमानुसार करना है.
अस्पताल और मुर्दा कल्याण समिति के सदस्यों ने पीपीई किट पहनकर शव खिरगांव स्थित मुक्तिधाम ले गए, लेकिन वहां अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. दरअसल भूतनाथ मंडली का कहना था कि शव का अंतिम संस्कार दूर इलाके में किया जाए और वहां सारी सुविधा दी जाएगी, लेकिन शाम 6 बजे शव लेकर अस्पतालकर्मी जब मुक्तिधाम पहुंचे तो वहां से कोनार पुल स्थित मुक्तिधाम स्थल जाने को कहा गया.
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वहां, लकड़ी की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों और मुर्दा कल्याण समिति ने शव को वापस अस्पताल भेज दिया और शुक्रवार को अंतिम संस्कार करने की बात कही है. वहीं मुक्तिधाम में मृतक के परिजन भी पहुंचे थे, लेकिन वह भी अपने सगे संबंधी का चेहरा नहीं देख पाए.
जिस तरह से कोरोना संक्रमित के शव का अंतिम संस्कार लापरवाही के कारण नहीं हो सका और शव शहर में घूमता रहा. जरूरत है जिला प्रशासन को तालमेल स्थापित करने की ताकि इस तरह की लापरवाही दोबारा ना हो.