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शर्मनाकः हजारीबाग में कोरोना संक्रमित का नहीं हो सका अंतिम संस्कार, शव को लेकर भटकते रहे परिजन

हजारीबाग में बुधवार को कोरोना संक्रमित की मौत मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में हो गई थी. गुरुवार को उसका अंतिम संस्कार करना था, लेकिन जिला प्रशासन और मुर्दा कल्याण समिति के बीच तालमेल स्थापित नहीं होने से अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. शव हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल से खिरगांव स्थिति मुक्तिधाम लाया गया और फिर शव को अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा दिया गया.

body of corona infected kept roaming in Hazaribag
हजारीबाग में कोरोना मरीज की मौत
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Published : Jun 18, 2020, 8:28 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 1:26 AM IST

हजारीबाग: सरकार का स्पष्ट आदेश है कि कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार नियम के साथ किया जाए, लेकिन हजारीबाग में जिला प्रशासन और मुर्दा कल्याण समिति के बीच तालमेल स्थापित नहीं होने के कारण अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. दरअसल, हजारीबाग में बीते दिनों आइसोलेशन वार्ड में एक मरीज की मौत हो गई थी. गुरुवार को रिम्स से उसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया. ऐसे में उसका अंतिम संस्कार कोविड-19 के नियमानुसार करना है.

देखें पूरी खबर

अस्पताल और मुर्दा कल्याण समिति के सदस्यों ने पीपीई किट पहनकर शव खिरगांव स्थित मुक्तिधाम ले गए, लेकिन वहां अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. दरअसल भूतनाथ मंडली का कहना था कि शव का अंतिम संस्कार दूर इलाके में किया जाए और वहां सारी सुविधा दी जाएगी, लेकिन शाम 6 बजे शव लेकर अस्पतालकर्मी जब मुक्तिधाम पहुंचे तो वहां से कोनार पुल स्थित मुक्तिधाम स्थल जाने को कहा गया.

ये भी पढ़ें- बंजर भूमि पर उगाया हैदराबादी केला, अब लाखों कमा रहे हैं देवघर के किसान भोला सिंह

वहां, लकड़ी की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों और मुर्दा कल्याण समिति ने शव को वापस अस्पताल भेज दिया और शुक्रवार को अंतिम संस्कार करने की बात कही है. वहीं मुक्तिधाम में मृतक के परिजन भी पहुंचे थे, लेकिन वह भी अपने सगे संबंधी का चेहरा नहीं देख पाए.

जिस तरह से कोरोना संक्रमित के शव का अंतिम संस्कार लापरवाही के कारण नहीं हो सका और शव शहर में घूमता रहा. जरूरत है जिला प्रशासन को तालमेल स्थापित करने की ताकि इस तरह की लापरवाही दोबारा ना हो.

हजारीबाग: सरकार का स्पष्ट आदेश है कि कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार नियम के साथ किया जाए, लेकिन हजारीबाग में जिला प्रशासन और मुर्दा कल्याण समिति के बीच तालमेल स्थापित नहीं होने के कारण अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. दरअसल, हजारीबाग में बीते दिनों आइसोलेशन वार्ड में एक मरीज की मौत हो गई थी. गुरुवार को रिम्स से उसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया. ऐसे में उसका अंतिम संस्कार कोविड-19 के नियमानुसार करना है.

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अस्पताल और मुर्दा कल्याण समिति के सदस्यों ने पीपीई किट पहनकर शव खिरगांव स्थित मुक्तिधाम ले गए, लेकिन वहां अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. दरअसल भूतनाथ मंडली का कहना था कि शव का अंतिम संस्कार दूर इलाके में किया जाए और वहां सारी सुविधा दी जाएगी, लेकिन शाम 6 बजे शव लेकर अस्पतालकर्मी जब मुक्तिधाम पहुंचे तो वहां से कोनार पुल स्थित मुक्तिधाम स्थल जाने को कहा गया.

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वहां, लकड़ी की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों और मुर्दा कल्याण समिति ने शव को वापस अस्पताल भेज दिया और शुक्रवार को अंतिम संस्कार करने की बात कही है. वहीं मुक्तिधाम में मृतक के परिजन भी पहुंचे थे, लेकिन वह भी अपने सगे संबंधी का चेहरा नहीं देख पाए.

जिस तरह से कोरोना संक्रमित के शव का अंतिम संस्कार लापरवाही के कारण नहीं हो सका और शव शहर में घूमता रहा. जरूरत है जिला प्रशासन को तालमेल स्थापित करने की ताकि इस तरह की लापरवाही दोबारा ना हो.

Last Updated : Jun 19, 2020, 1:26 AM IST
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