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जंगल से निकलकर गांव पहुंचे हिरण की मौत, इलाज में देरी के कारण निकली जान

जंगल से निकलकर झुंड से बिछड़ा हिरण बरकट्ठा प्रखंड के एक गांव पहुंच गया. जहां ग्रामीणों ने उसे पानी पिलाया और इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी, लेकिन वन विभाग के अधिकारी जब तक पहुंचे हिरण की मौत हो गई.

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मृत हिरण
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Published : Jul 2, 2020, 3:43 PM IST

बरकट्ठा, हजारीबाग: बरकट्ठा प्रखंड में जंगल से गांव के एक घर पर पहुंचे हिरण ने दम तोड़ दिया है. हिरण अपने झुंड से बिछड़कर पचाफेडी गांव के एक घर में पहुंच गया. जहां ग्रामीणों ने उसे पानी पिलाया और इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई, लेकिन वन विभाग के अधिकारी जब तक पहुंचे हिरण की मौत हो गई.

देखें पूरी खबर
झुंड से निकलकर पहुंचा था गांववन विभाग के फॉरेस्ट गार्ड राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि हिरण जंगल से झुंड से निकलकर यहां तक पहुंचा था. उसे इलाज के लिए भेजने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई. फिलहाल पोस्टमार्टम के लिए बरही भेज दिया गया है.

ये भी पढ़ें- गुमलाः तेज रफ्तार ट्रक ने 2 को रौंदा, 2 घायल


समय पर नहीं हुआ इलाज
बता दें कि वेटनरी डॉक्टर बरही में रहने के कारण समय पर नहीं पहुंच सके. फॉरेस्ट गार्ड के भरोसे छोड़ दिया गया था. अगर समय पर इलाज हो जाता तो हिरण की जान बच सकती थी.

बरकट्ठा, हजारीबाग: बरकट्ठा प्रखंड में जंगल से गांव के एक घर पर पहुंचे हिरण ने दम तोड़ दिया है. हिरण अपने झुंड से बिछड़कर पचाफेडी गांव के एक घर में पहुंच गया. जहां ग्रामीणों ने उसे पानी पिलाया और इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई, लेकिन वन विभाग के अधिकारी जब तक पहुंचे हिरण की मौत हो गई.

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झुंड से निकलकर पहुंचा था गांववन विभाग के फॉरेस्ट गार्ड राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि हिरण जंगल से झुंड से निकलकर यहां तक पहुंचा था. उसे इलाज के लिए भेजने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई. फिलहाल पोस्टमार्टम के लिए बरही भेज दिया गया है.

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समय पर नहीं हुआ इलाज
बता दें कि वेटनरी डॉक्टर बरही में रहने के कारण समय पर नहीं पहुंच सके. फॉरेस्ट गार्ड के भरोसे छोड़ दिया गया था. अगर समय पर इलाज हो जाता तो हिरण की जान बच सकती थी.

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