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आत्मनिर्भर हजारीबाग योजना की शुरुआत, किसान और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना उद्देश्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा लेकर आत्मनिर्भर हजारीबाग योजना की शुरुआत हुई. ग्रांट थॉर्नटन भारत और बिल एंड मेल्डिंग गेट्स फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई है. किसानों और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना इसका उद्देश्य है.

campaign started to make farmers self reliant in hazaribag
आत्मनिर्भर हजारीबाग
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Published : Dec 4, 2020, 1:25 PM IST

हजारीबाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में कई संस्थाओं ने अलग-अलग कार्यक्रम किए हैं. सरकार से लेकर कई अन्य संस्थाओं को मार्गदर्शन में सहयोग करने वाली ग्रांट थॉर्नटन ने आत्मनिर्भर हजारीबाग कार्यक्रम की शुरुआत की है. कार्यक्रम का उद्घाटन दिल्ली से जयंत सिन्हा ने ऑनलाइन किया है. इस अवसर पर जयंत सिन्हा ने कहा कि व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनने से गांव और जिला आत्मनिर्भर होगा और फिर राज्य और अंततः देश निर्भर होगा.

देखें पूरी खबर

जयंत सिन्हा का मानना है इस दिशा में ग्रेट थॉर्नटन महत्वपूर्ण काम करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि ना केवल लोगों को आत्मनिर्भर बनाना होगा बल्कि ऐसी व्यवस्था भी करनी होगी, जिससे कोरोना वायरस जैसे विपदा में भी लोगों का काम चलता रहे.

उप विकास आयुक्त अभय कुमार सिन्हा ने कहा कि हजारीबाग में करीब 84 प्रतिशत लोग कृषि और इससे जुड़े कार्य पर निर्भर हैं. प्रोजेक्ट मैनेजर रिशु रवि ने बताया कि 4 साल का यह प्रोजेक्ट है. जिसके माध्यम से 7 हजार किसानों के समूह और 1 हजार अन्य उद्योग से जुड़े लोगों का समूह बनाकर उनके रोजगार और आमदनी को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही उनके उत्पाद की मार्केटिंग भी की जाएगी. इसके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने में हजारीबाग का अहम योगदान रहेगा.

ये भी पढ़े- रिश्ता शर्मसारः बेटे ने 80 वर्षीय बुजुर्ग मां को अस्पताल में मरने के लिए छोड़ा

होली क्रॉस कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर आरके सिंह ने कहा कि यह सरकार की महत्वकांक्षी योजना है. असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे किसानों को एपीओ के माध्यम से संगठित करके उन लोगों के आय को बढ़ाना सरकार का सपना है. यह कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा. वहीं, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. नूतन तिर्की ने भी कहा कि आत्मनिर्भर हजारीबाग किसानों के बगैर पूरा नहीं हो सकता है. जहां किसान अनाज पैदा करते हैं और पशुपालन भी करते हैं. पशुपालन भी आय का बड़ा श्रोत है.

हजारीबाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में कई संस्थाओं ने अलग-अलग कार्यक्रम किए हैं. सरकार से लेकर कई अन्य संस्थाओं को मार्गदर्शन में सहयोग करने वाली ग्रांट थॉर्नटन ने आत्मनिर्भर हजारीबाग कार्यक्रम की शुरुआत की है. कार्यक्रम का उद्घाटन दिल्ली से जयंत सिन्हा ने ऑनलाइन किया है. इस अवसर पर जयंत सिन्हा ने कहा कि व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनने से गांव और जिला आत्मनिर्भर होगा और फिर राज्य और अंततः देश निर्भर होगा.

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जयंत सिन्हा का मानना है इस दिशा में ग्रेट थॉर्नटन महत्वपूर्ण काम करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि ना केवल लोगों को आत्मनिर्भर बनाना होगा बल्कि ऐसी व्यवस्था भी करनी होगी, जिससे कोरोना वायरस जैसे विपदा में भी लोगों का काम चलता रहे.

उप विकास आयुक्त अभय कुमार सिन्हा ने कहा कि हजारीबाग में करीब 84 प्रतिशत लोग कृषि और इससे जुड़े कार्य पर निर्भर हैं. प्रोजेक्ट मैनेजर रिशु रवि ने बताया कि 4 साल का यह प्रोजेक्ट है. जिसके माध्यम से 7 हजार किसानों के समूह और 1 हजार अन्य उद्योग से जुड़े लोगों का समूह बनाकर उनके रोजगार और आमदनी को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही उनके उत्पाद की मार्केटिंग भी की जाएगी. इसके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने में हजारीबाग का अहम योगदान रहेगा.

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होली क्रॉस कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर आरके सिंह ने कहा कि यह सरकार की महत्वकांक्षी योजना है. असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे किसानों को एपीओ के माध्यम से संगठित करके उन लोगों के आय को बढ़ाना सरकार का सपना है. यह कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा. वहीं, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. नूतन तिर्की ने भी कहा कि आत्मनिर्भर हजारीबाग किसानों के बगैर पूरा नहीं हो सकता है. जहां किसान अनाज पैदा करते हैं और पशुपालन भी करते हैं. पशुपालन भी आय का बड़ा श्रोत है.

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