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स्टीम लेने के लिए BSF जवानों ने लगाया देसी जुगाड़, एक बार में 8 से 10 लोग ले सकते है भाप - हजारीबाग में बीएसएफ के जवान

कोरोना काल में भाप लेना सेहत के लिए बेहतर बताया जा रहा है. कई डॉक्टर भी भाप लेना कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण बता रहे हैं. ऐसे में हजारीबाग मेरू स्थित बीएसएफ कैंप में जवान संक्रमण से बचने के लिए भाप ले रहे हैं. हालांकि भाप लेने का तरीका थोड़ा अलग है.

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BSF जवान कूकर ले रहे स्टीम
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Published : Apr 28, 2021, 9:24 PM IST

Updated : Apr 28, 2021, 9:44 PM IST

हजारीबाग: आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है. जैसे जैसे व्यक्ति को आवश्यकता पड़ती है, वैसे ही अपनी आवश्यकता के अनुसार काम भी करता है. इन दिनों कोविड-19 में भाप लेना एक कारगर इलाज बताया जा रहा है. ऐसे में हजारीबाग बीएसएफ के जवान जुगाड़ तकनीक के जरिए कई जवान भाप ले रहे हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- ऑक्सीजन एक्सप्रेस तीन टैंकर लेकर बोकारो से लखनऊ के लिए रवाना, 23 अप्रैल से लगातार जारी है सिलसिला

कोरोना काल में भाप लेना सेहत के लिए बेहतर बताया जा रहा है. कई डॉक्टर भी भाप लेना खुद को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण बता रहे हैं. ऐसे में हजारीबाग मेरू स्थित बीएसएफ कैंप में जवान संक्रमण से बचने के लिए भाप ले रहे हैं. हालांकि भाप लेने का तरीका थोड़ा अलग है, जो कूकर और जीआई पाइप के माध्यम से एक चैनल बनाकर भाप ले रहे हैं. जवान कूकर से भाप बना रहे हैं और एक चैनल के माध्यम से देसी जुगाड़ कर भाप ले रहे हैं. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है. एक बार में 8 से 10 जवान भाप ले सकते हैं.

सबसे अहम बात यह है कि फौजियों को इसमें बहुत कम खर्च भी लग रहा है. इस जुगाड़ के जरिए फौजी भाप भी ले रहे हैं और उन्हें विश्वास भी है कि खुद को तंदुरुस्त रख सकेंगे. बीएसएफ के जवनों का कहना है कि यह बेहद सस्ता और कारगर यंत्र है वाष्प लेने का. इसको कहीं भी लगाकर एक साथ तमाम लोगों को भाप दिया जा सकता है. सीमा सुरक्षा बलों के जवानों ने भी इसे खूब पसंद किया है. इसे बीएसएफ के अन्य शिविर और टुकड़ियों में भी प्रयोग में लाया जा सकता है.

हजारीबाग: आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है. जैसे जैसे व्यक्ति को आवश्यकता पड़ती है, वैसे ही अपनी आवश्यकता के अनुसार काम भी करता है. इन दिनों कोविड-19 में भाप लेना एक कारगर इलाज बताया जा रहा है. ऐसे में हजारीबाग बीएसएफ के जवान जुगाड़ तकनीक के जरिए कई जवान भाप ले रहे हैं.

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कोरोना काल में भाप लेना सेहत के लिए बेहतर बताया जा रहा है. कई डॉक्टर भी भाप लेना खुद को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण बता रहे हैं. ऐसे में हजारीबाग मेरू स्थित बीएसएफ कैंप में जवान संक्रमण से बचने के लिए भाप ले रहे हैं. हालांकि भाप लेने का तरीका थोड़ा अलग है, जो कूकर और जीआई पाइप के माध्यम से एक चैनल बनाकर भाप ले रहे हैं. जवान कूकर से भाप बना रहे हैं और एक चैनल के माध्यम से देसी जुगाड़ कर भाप ले रहे हैं. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है. एक बार में 8 से 10 जवान भाप ले सकते हैं.

सबसे अहम बात यह है कि फौजियों को इसमें बहुत कम खर्च भी लग रहा है. इस जुगाड़ के जरिए फौजी भाप भी ले रहे हैं और उन्हें विश्वास भी है कि खुद को तंदुरुस्त रख सकेंगे. बीएसएफ के जवनों का कहना है कि यह बेहद सस्ता और कारगर यंत्र है वाष्प लेने का. इसको कहीं भी लगाकर एक साथ तमाम लोगों को भाप दिया जा सकता है. सीमा सुरक्षा बलों के जवानों ने भी इसे खूब पसंद किया है. इसे बीएसएफ के अन्य शिविर और टुकड़ियों में भी प्रयोग में लाया जा सकता है.

Last Updated : Apr 28, 2021, 9:44 PM IST
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