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गुजरात से मजदूर का शव लेकर पहुंचे लोगों को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, मुआवजा की मांग

गिरिडीह के बगोदर में बिना मुआवजा प्रवासी मजदूर का शव भेजे जाने से आक्रोशित बगोदर प्रखंड के दोंदलो के ग्रामीणों ने एंबुलेंस चालक को बंधक बना लिया. ग्रामीणों ने कहा कि आश्रित परिवार को कंपनी से जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा तक छोड़ा नहीं जाएगा.

Villagers of giridih hostage the people who came from Gujarat , Giridih worker died in Gujarat, News of migrant workers of Jharkhand, गुजरात से प्रवासी मजदूर का शव लेकर पहुंचे लोगों को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, गुजरात में गिरिडीह के मजदूर की मौत, झारखंड के प्रवासी मजदूरों की खबरें
ग्रामीणों का आक्रोश
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Published : Sep 6, 2020, 9:12 PM IST

बगोदर, गिरिडीह: बिना मुआवजा प्रवासी मजदूर का शव भेजे जाने से आक्रोशित बगोदर प्रखंड के दोंदलो के ग्रामीणों ने रविवार को एंबुलेंस और उसके चालक को बंधक बना लिया. ग्रामीणों ने कहा कि आश्रित परिवार को कंपनी से जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता तक तक चालक और एंबुलेंस को छोड़ा नहीं जाएगा.

मुआवजे की मांग

बताया गया कि शुक्रवार को गुजरात में ट्रांसमिशन कंपनी में कार्यरत मजदूर दोंदलो निवासी नारायण महतो के 32वर्षीय बेटे की मौत गुजरात में इलाज के दौरान हो गई थी. कंपनी ने बिना मुआवजा दिए मजदूर का शव दोंदलो भेज दिया. जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने शव लाए एंबुलेंस और उसके चालक को मुआवजे की मांग को लेकर गांव मे बंधक बना लिया.

ये भी पढ़ें- 1150 किमी स्कूटी चलाकर ग्वालियर पहुंचे दंपती को अडानी ग्रुप ने दिया फ्लाइट का टिकट, अब उड़कर जाएंगे घर

आश्वासन पर नहीं माने लोग

सूचना पर इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) के राष्ट्रीय सचिव संदीप जायसवाल, जिप सदस्य सरिता महतो, पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि हरेंद्र सिंह, पूरन कुमार महतो, कोलेश्वर महतो, खूबलाल माहतो, लखन महतो, पोखन ठाकुर समेत कई लोग पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाया. मौके पर कंपनी के प्रतिनिधि से फोन पर इनौस के राष्ट्रीय सचिव संदीप जायसवाल ने बात कर स्पष्ट कहा कि बगैर मुआवजा भेजे गाड़ी और उनके कर्मियों को नहीं छोड़ा जाएगा. हालांकि, कंपनी के प्रतिनिधि ने मुआवजा देने का आश्वासन दिया, पर वे नहीं माने और कहा कि जब मुआवजा की राशि मिलेगी तब ही इन्हें छोड़ा जाएगा.

बगोदर, गिरिडीह: बिना मुआवजा प्रवासी मजदूर का शव भेजे जाने से आक्रोशित बगोदर प्रखंड के दोंदलो के ग्रामीणों ने रविवार को एंबुलेंस और उसके चालक को बंधक बना लिया. ग्रामीणों ने कहा कि आश्रित परिवार को कंपनी से जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता तक तक चालक और एंबुलेंस को छोड़ा नहीं जाएगा.

मुआवजे की मांग

बताया गया कि शुक्रवार को गुजरात में ट्रांसमिशन कंपनी में कार्यरत मजदूर दोंदलो निवासी नारायण महतो के 32वर्षीय बेटे की मौत गुजरात में इलाज के दौरान हो गई थी. कंपनी ने बिना मुआवजा दिए मजदूर का शव दोंदलो भेज दिया. जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने शव लाए एंबुलेंस और उसके चालक को मुआवजे की मांग को लेकर गांव मे बंधक बना लिया.

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आश्वासन पर नहीं माने लोग

सूचना पर इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) के राष्ट्रीय सचिव संदीप जायसवाल, जिप सदस्य सरिता महतो, पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि हरेंद्र सिंह, पूरन कुमार महतो, कोलेश्वर महतो, खूबलाल माहतो, लखन महतो, पोखन ठाकुर समेत कई लोग पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाया. मौके पर कंपनी के प्रतिनिधि से फोन पर इनौस के राष्ट्रीय सचिव संदीप जायसवाल ने बात कर स्पष्ट कहा कि बगैर मुआवजा भेजे गाड़ी और उनके कर्मियों को नहीं छोड़ा जाएगा. हालांकि, कंपनी के प्रतिनिधि ने मुआवजा देने का आश्वासन दिया, पर वे नहीं माने और कहा कि जब मुआवजा की राशि मिलेगी तब ही इन्हें छोड़ा जाएगा.

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