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कोल ब्लॉक की नीलामी के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल, गिरिडीह में दिखा असर

कोल ब्लॉक की नीलामी के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल गिरिडीह में असरदार रहा है. सुबह से हड़ताल समर्थक कोलियरी के माइंस कार्यालय में जमे हुए और नारेबाजी के बाद धरना पर बैठ गए. इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उनका कहना है कि सरकार को यहा फैसला वापस लेना होगा.

Opposition to FDI in coal sector in giridh
हड़ताल समर्थक
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Published : Jul 2, 2020, 1:00 PM IST

गिरिडीहः कोयला उद्योग का निजीकरण, कमर्शियल माइनिंग के विरोध में विभिन्न मजदूर यूनियन द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल गिरिडीह में असरदार रहा है. सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के माइंस और कार्यालय में सुबह से ही हड़ताल के समर्थक जुटे और प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी भी की और धरना पर बैठ गए. इससे पहले माइंस पहुंचे कुछ कर्मियों को वापस भी भेजा गया. ऐसे में कोलियरी में पहली और सामान्य पाली में एक भी कर्मियों की हाजिरी नहीं लगी.

देखें पूरी खबर
हड़ताल को सफल बनाने पहुंचे यूनियन लीडरों ने इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार कोयला उद्योग और कोल इंडिया में निजीकरण करने पर उतारू है. इस प्रक्रिया में कमर्शियल माइनिंग की भी इजाजत दी जा रही है. इससे पूंजीपतियों को सीधा फायदा होगा, लेकिन श्रमिकों का शोषण भी होगा. कहा जाए तो सुनियोजित साजिश के तहत 44 श्रम कानूनों को खत्म करने की योजना है. श्रमिकों के हक पर वार कर रही मोदी सरकार को एफडीआई का फैसला वापस लेना होगा. कहा कि यह हड़ताल तीन दिनों की है, जो तीनों दिन सफल रहेगा. इधर हड़ताल को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है. जवानों के साथ पुलिस पदाधिकारियों की भी तैनाती की गयी है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में नहीं होगा श्रावणी मेला का आयोजन, सीएम ने लिया फैसला


ये थे मौजूद
इस दौरान संयुक्त मोर्चा के एनपी सिंह बुल्लू, तेजलाल मंडल, राजेश यादव, राजेश सिन्हा, प्रमोद सिंह, हरगौरी साहू छक्कू, शिवाजी सिंह, बलराम यादव, देवशंकर मिश्र, दिलीप रजक, अमित यादव, अर्जुन मंडल, शोभा यादव, सीताराम हांसदा, चुड़का हांसदा, जानकी पांडेय, लखन रवानी, जीवलाल बेलदार, मो नूर, प्रदीप दराद, कन्हैया सिंह आदि मौजूद थे.

गिरिडीहः कोयला उद्योग का निजीकरण, कमर्शियल माइनिंग के विरोध में विभिन्न मजदूर यूनियन द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल गिरिडीह में असरदार रहा है. सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के माइंस और कार्यालय में सुबह से ही हड़ताल के समर्थक जुटे और प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी भी की और धरना पर बैठ गए. इससे पहले माइंस पहुंचे कुछ कर्मियों को वापस भी भेजा गया. ऐसे में कोलियरी में पहली और सामान्य पाली में एक भी कर्मियों की हाजिरी नहीं लगी.

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हड़ताल को सफल बनाने पहुंचे यूनियन लीडरों ने इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार कोयला उद्योग और कोल इंडिया में निजीकरण करने पर उतारू है. इस प्रक्रिया में कमर्शियल माइनिंग की भी इजाजत दी जा रही है. इससे पूंजीपतियों को सीधा फायदा होगा, लेकिन श्रमिकों का शोषण भी होगा. कहा जाए तो सुनियोजित साजिश के तहत 44 श्रम कानूनों को खत्म करने की योजना है. श्रमिकों के हक पर वार कर रही मोदी सरकार को एफडीआई का फैसला वापस लेना होगा. कहा कि यह हड़ताल तीन दिनों की है, जो तीनों दिन सफल रहेगा. इधर हड़ताल को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है. जवानों के साथ पुलिस पदाधिकारियों की भी तैनाती की गयी है.

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ये थे मौजूद
इस दौरान संयुक्त मोर्चा के एनपी सिंह बुल्लू, तेजलाल मंडल, राजेश यादव, राजेश सिन्हा, प्रमोद सिंह, हरगौरी साहू छक्कू, शिवाजी सिंह, बलराम यादव, देवशंकर मिश्र, दिलीप रजक, अमित यादव, अर्जुन मंडल, शोभा यादव, सीताराम हांसदा, चुड़का हांसदा, जानकी पांडेय, लखन रवानी, जीवलाल बेलदार, मो नूर, प्रदीप दराद, कन्हैया सिंह आदि मौजूद थे.

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