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लॉकडाउन में नहीं होगी बच्चों की पढ़ाई बाधित, जमीनी स्तर पर तैयार किया गया डिजिटल शिक्षा का स्वरूप - गिरीडीह में लॉकडाउन

लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो इसे लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री और गिरिडीह विधायक ने पहल शुरू की है. डिजिटल शिक्षा के लिए पूरी प्लानिंग की गयी है.

Designed digital education format during lockdown in giridih
डिजिटल शिक्षा के तैयारी के लिए बैठक
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Published : May 2, 2020, 4:49 PM IST

गिरीडीह: लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसे देखते हुए विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा देने की कवायद तेज हो गई है. राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने इस दिशा पहल शुरू करते हुए गिरिडीह जिला में शिक्षा का कमान संभाल रहे अधिकारियों के साथ बैठ कर कई जरूरी दिशा निर्देश दिए. बैठक में गिरीडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के अलावा डीईओ, डीएसई और जिला के 6 प्रखंड के बीईईओ शामिल थे.

देखें पूरी खबर

डिजिटल के माध्यम से जारी रहेगी बच्चों की शिक्षा

शिक्षा मंत्री महतो ने कहा कि बीते 28 अप्रैल को भारत सरकार के शिक्षा मंत्री के साथ राज्य के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में मैं भी शामिल हुआ था. उन्होंने बैठक में डिजिटल शिक्षा शुरू करने के प्रति काफी रुचि दिखाई थी. कोरोना महामारी से देश को लोगों को बचाने को लेकर देश मे किये गए लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों की शिक्षा बाधित हो रही थी. विद्यार्थियों को शिक्षा निरंतर जारी रहे, इसे लेकर जिला के शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक कर शिक्षा को बढ़ावा देने के दिशा में कई निर्देश दिया गया.

ये भी देखें- रामगढ़ः मजदूरों को लेकर जा रहा पुलिस वाहन दुर्घटनाग्रस्त, चालक की मौत

उन्होंने कहा डिजिटल शिक्षा, टीवी चैनल, मोबाइल एप के माध्यम से दी जानी है इसे किस तरह से बेहतर करना है इसे लेकर पदाधिकारी को निर्देशित किया गया. शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे. शिक्षा को आगे बढ़ने को लेकर जो भी काम करना होगा उसे किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बच्चो की पढ़ाई बाधित हुई है उसे पूरा करने को लेकर स्कूल में 5 घंटे की जगह 7 घंटे पढ़ाई कराई जाएगी और शनिवार को हाफ टाइम की जगह फूल टाइम पढ़ाई करने के निर्देश दिया है ताकि विद्यार्थियों का कोर्स पूरा किया जा सके.

विषयवार शिक्षकों पर सरकार भी गंभीर

शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल में विषयवार शिक्षक दिया जाएगा ये सरकार की जिम्मेवारी है जिसे निभाया जाएगा. उन्होंने कहा जिस राज्य में शिक्षा को बढ़ावा देंने पर फोकस नहीं होगा उस राज्य का विकास नहीं हो सकता है. मंत्री महतो ने कहा कि पिछले सरकार ने बंद किये गए स्कूल की रिपोर्ट मंगायी गयी है, जो खुलने वाले होंगे उसे खोला जाएगा.

डिजिटल शिक्षा में मॉडल बनेगा

विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार की शिक्षा मंत्री के साथ राज्य में डिजिटल शिक्षा देने को लेकर बैठक हुई है. कहा कि जिला के पीरटांड़, डुमरी सहित सुदूरवर्ती इलाको में नेट की बेहतर व्यवस्था नहीं है और लोगों का जीवन स्तर उतना अच्छा नहीं है कि वे 550 रुपये खर्च कर पढ़ाई करा सके. इन सभी बातों को ध्यान में रखा कर विचार किया गया है कि शहरी क्षेत्र में जहां केबल की सर्विस चल रही है वह केबल के संचालको के साथ बैठक कर स्टूडियो का निर्माण किया जाएगा. इसे लेकर डीओ से आग्रह किया गया है कि वे बेहतर शिक्षक उपलब्ध कराए स्टूडियो का निर्माण जल्द ही कराया जाएगा ताकि विद्यार्थियों तक दो से तीन दिनों के अंदर डिजिटल शिक्षा के माध्यम से शिक्षा दी जा सके.

ये भी देखें- तीन जोन में बांटे गए देश के जिले, जानें किस जोन में है आपका क्षेत्र

डीईओ ने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि कक्षा एक से सात वर्ग के बच्चो को प्रमोट करना है. जून के प्रथम सप्ताह में कक्षा आठ, नौ, दस और ग्यारह के बच्चो को रिजल्ट बेहतर कर प्रमोट करना है. सरकार ने निर्देश दिया है कि घर-घर जा कर बच्चो को चावल और पुस्तक देना का भी निर्णय लिया गया है.

गिरीडीह: लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसे देखते हुए विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा देने की कवायद तेज हो गई है. राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने इस दिशा पहल शुरू करते हुए गिरिडीह जिला में शिक्षा का कमान संभाल रहे अधिकारियों के साथ बैठ कर कई जरूरी दिशा निर्देश दिए. बैठक में गिरीडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के अलावा डीईओ, डीएसई और जिला के 6 प्रखंड के बीईईओ शामिल थे.

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डिजिटल के माध्यम से जारी रहेगी बच्चों की शिक्षा

शिक्षा मंत्री महतो ने कहा कि बीते 28 अप्रैल को भारत सरकार के शिक्षा मंत्री के साथ राज्य के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में मैं भी शामिल हुआ था. उन्होंने बैठक में डिजिटल शिक्षा शुरू करने के प्रति काफी रुचि दिखाई थी. कोरोना महामारी से देश को लोगों को बचाने को लेकर देश मे किये गए लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों की शिक्षा बाधित हो रही थी. विद्यार्थियों को शिक्षा निरंतर जारी रहे, इसे लेकर जिला के शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक कर शिक्षा को बढ़ावा देने के दिशा में कई निर्देश दिया गया.

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उन्होंने कहा डिजिटल शिक्षा, टीवी चैनल, मोबाइल एप के माध्यम से दी जानी है इसे किस तरह से बेहतर करना है इसे लेकर पदाधिकारी को निर्देशित किया गया. शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे. शिक्षा को आगे बढ़ने को लेकर जो भी काम करना होगा उसे किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बच्चो की पढ़ाई बाधित हुई है उसे पूरा करने को लेकर स्कूल में 5 घंटे की जगह 7 घंटे पढ़ाई कराई जाएगी और शनिवार को हाफ टाइम की जगह फूल टाइम पढ़ाई करने के निर्देश दिया है ताकि विद्यार्थियों का कोर्स पूरा किया जा सके.

विषयवार शिक्षकों पर सरकार भी गंभीर

शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल में विषयवार शिक्षक दिया जाएगा ये सरकार की जिम्मेवारी है जिसे निभाया जाएगा. उन्होंने कहा जिस राज्य में शिक्षा को बढ़ावा देंने पर फोकस नहीं होगा उस राज्य का विकास नहीं हो सकता है. मंत्री महतो ने कहा कि पिछले सरकार ने बंद किये गए स्कूल की रिपोर्ट मंगायी गयी है, जो खुलने वाले होंगे उसे खोला जाएगा.

डिजिटल शिक्षा में मॉडल बनेगा

विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार की शिक्षा मंत्री के साथ राज्य में डिजिटल शिक्षा देने को लेकर बैठक हुई है. कहा कि जिला के पीरटांड़, डुमरी सहित सुदूरवर्ती इलाको में नेट की बेहतर व्यवस्था नहीं है और लोगों का जीवन स्तर उतना अच्छा नहीं है कि वे 550 रुपये खर्च कर पढ़ाई करा सके. इन सभी बातों को ध्यान में रखा कर विचार किया गया है कि शहरी क्षेत्र में जहां केबल की सर्विस चल रही है वह केबल के संचालको के साथ बैठक कर स्टूडियो का निर्माण किया जाएगा. इसे लेकर डीओ से आग्रह किया गया है कि वे बेहतर शिक्षक उपलब्ध कराए स्टूडियो का निर्माण जल्द ही कराया जाएगा ताकि विद्यार्थियों तक दो से तीन दिनों के अंदर डिजिटल शिक्षा के माध्यम से शिक्षा दी जा सके.

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डीईओ ने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि कक्षा एक से सात वर्ग के बच्चो को प्रमोट करना है. जून के प्रथम सप्ताह में कक्षा आठ, नौ, दस और ग्यारह के बच्चो को रिजल्ट बेहतर कर प्रमोट करना है. सरकार ने निर्देश दिया है कि घर-घर जा कर बच्चो को चावल और पुस्तक देना का भी निर्णय लिया गया है.

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