गिरिडीहः गरीबों के हित के लिए राज्य और केंद्र की सरकार कई योजना चलाती है. इन योजनाओं में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को मिलने वाले अनाज की योजना भी शामिल है. कोरोना की लहर जब चली तो केंद्र सरकार पीएम गरीब कल्याण योजना भी लेकर आई. इस योजना के तहत गरीबों को प्रति यूनिट 5 किलो अनाज मिलने लगा. इससे एक माह में गरीबों को दो बार अनाज मिलने लगा. लोग राहत महसूस करने लगे. इस बीच सितंबर 2021 में केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा अनाज लोगों को नहीं मिल सका. इससे लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है. लोगों की नाराजगी डीलरों को भी झेलनी पड़ रही है. बेंगाबाद के भंडारीडीह पंचायत के ग्रामीणों ने तो इसकी शिकायत लिखित तौर पर भी की है. लोगों ने सितंबर का अनाज देने की मांग की है. वहीं पीरटांड़ प्रखंड के लोगों ने भी लिखित शिकायत की है.
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इस विषय पर पीडीएस डीलरों से संपर्क साधा गया तो ज्यादातर डीलर कुछ भी बोलने से बचते रहे. ऑफ कैमरा कई डीलरों ने कहा कि विभाग ने पूर्व में बचे हुए अनाज को काटा है, यही कारण है कि ज्यादातर डीलर अनाज नहीं बांट सकें.
डीलरों से बात करने पर यह भी पता चला कि प्रत्येक तीन माह पर डीलरों के पास बचे अनाज का आंकलन किया जाता है और इसके बाद अनाज को काटा जाता है. इस बार आपूर्ति विभाग के अधिकारी और बाबुओं ने घोर लापरवाही की और तीन-तीन माह पर बचे हुए अनाज को काटा ही नहीं. अचानक सितंबर माह के अनाज में कटौती कर दी गई. परिणामस्वरूप डीलर को अनाज मिला नहीं और इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा. भाजपा नेता श्याम प्रसाद का कहना है कि उनलोगों ने इस मामले की लिखित शिकायत पीरटांड़ के वीडियो के पास की है. इस मामले की जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हैं उसपर कार्रवाई भी.
बोलना नहीं चाहते अधिकारी
दूसरी तरफ जिला आपूर्ति पदाधिकारी गौतम भगत से भी संपर्क साधा गया, लेकिन वे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए. यह कहा कि सरकार के आदेश पर कार्य हुआ है. यह भी कहा कि नियम के अनुसार ही काम किया जा रहा है.
मांगा गया है पूरा ब्यौरा: विधायक
इधर सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि सितंबर माह का अनाज वितरण नहीं होने को लेकर उन्हें भी शिकायत मिली है. संबंधित विभाग को पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया गया है.
सरकार को बदनाम करने वालों पर कार्रवाई कब
बहरहाल एक माह का अनाज लोगों को नहीं मिलना, निश्चित तौर पर घोर लापरवाही का परिणाम है. इससे सरकार की काफी बदनामी भी हो रही है. ऐसे में जिन बाबुओं और अधिकारियों की लापरवाही से गरीबों को अनाज नहीं मिल सका है, उन पर क्या कार्रवाई होगी. यह देखने वाली बात है.