गिरिडीह: बिरनी थाना इलाके के खेदवारा पंचायत के धर्मपुर से चिताखारो के बीच टनडोया नदी पर बन रहे उच्चस्तरीय पुल की साइट पर नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने हमला किया, जिसके बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है. जिस इलाके में यह पुल बन रहा है वह इलाका नक्सलियों के प्रभाव वाला जरूर है लेकिन इस क्षेत्र में पोस्टरबाजी के अलावा नक्सलियों ने कभी भी उत्पात नहीं मचाया था.
शुक्रवार की शाम को पुल निर्माण में जुटी कंपनी की मशीनों और शेड में आग लगाने की घटना के बाद यहां कार्यरत कर्मियों के साथ पास के गांव के लोग भी डरे हुए हैं. घटना के बाद शनिवार को ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची और कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी से पूरी जानकारी ली.
हथियार और डंडे से लैस थे नक्सली
धनबाद के गोमो निवासी रोहित कुमार ने बताया कि शुक्रवार की शाम 6 बजे ही नक्सलियों का दस्ता निर्माणस्थल पर पहुंचा था. एक नक्सली वर्दी में था, बाकी सामान्य कपड़ों में थे. नक्सलियों के पास हथियार और डंडे भी थे. जिस वक्त नक्सली यहां पहुंचे उस समय पुल सेंट्रिंग का काम करने वाले 15 कर्मी के अलावा कंस्ट्रक्शन कंपनी के तीन कर्मी और दो गार्ड मौजूद थे. पहुंचते ही नक्सलियों ने मजदूरों को पीटना शुरू कर दिया. उससे पूछा गया कि मुंशी कौन है भय से उसने खुद को ऑपरेटर बता दिया. इसके बाद उससे डीजल की मांग की गई.
पिटाई के बाद गोली मारने की धमकी
मुंशी रोहित ने बताया कि इस बीच दो तीन मजदूरों को किनारे ले जाकर पिटाई की गई. पिटाई से डरे मजदूरों ने बताया कि वह ही मुंशी है. इतना सुनने के बाद नक्सली उसकी भी पिटाई करने लगे. उसे गोली मारने की धमकी दी गई. इसी दौरान एक जेसीबी, एक मिक्सर मशीन, एक जेनेरेटर, बाइक, पानी की तीन मोटर के अलावा शेड को भी आग के हवाले कर दिया. शेड में आग लगाए जाने से उसमें रखा बर्तन, गैस सिलेंडर, 8 हजार नगद समेत अन्य सामान जल गया. बताया कि नक्सली आधा घंटे से अधिक समय तक यहां पर डटे रहे. बाद ने नारेबाजी करते हुए चले गए.
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एक साल पहले हुआ था शिलान्यास
रोहित ने बताया मुख्यमंत्री ग्राम सेतू योजना के तहत लगभग 3 करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण कार्य हो रहा है. 17 सितंबर 2019 को इस पुल का शिलान्यास उस वक्त के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया था. यह काम ग्रामीण विकास विभाग ( ग्रामीण कार्य मामले) की देखरेख में हो रहा है. कार्य का टेंडर धनबाद के हरणा के संवेदक समृद्धि कंस्ट्रक्शन कर रही है.