गिरिडीह: झारखंड में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching In JharKhand) का कानून पास कर दिया गया है. इसका मकसद ये है कि भीड़ आक्रोश में ऐसा कदम ना उठाए जिससे किसी की जान जाए. ताजा मामले में गिरिडीह जिले के बनियाडीह में दो लोग मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) का शिकार होने से बच गए. इस पिटाई में एक को काफी बेरहमी से पीटा गया. हालांकि कुछ स्थानीय बुद्धिजीवियों, महिलाओं की सूझबूझ और मौके पर पुलिस के पहुंच जाने से दोनों की जान बच गई. इस घटना के बाद इलाके में पुलिस बल की तैनाती की गई है. जबकि पांच-छह संदिग्ध को पकड़ा गया है. यह घटना एक मवेशी को ले जाने के क्रम में घटी है. घायल में बुढ़ियाखाद का हासिम व उसका एक साथी शामिल है.
ऐसे हुई घटना
जानकारी के अनुसार, हासिम और उसके साथ वारिस नाम का एक युवक दुधारू पशु लेकर अगदोनी से अपने घर जा रहे थे. रास्ते में बनियाडीह नेपाली धौड़ा के पास कुछ युवकों ने रोक लिया और मवेशी तस्करी का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे. इस बीच कुछ युवकों ने दोनों से बदसलूकी शुरू कर दी. इसकी सूचना पर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि, बुद्धिजीवी के साथ आसपास की महिलाएं जुट गईं. इनलोगों ने इस बदसलूकी का विरोध किया लेकिन कुछ युवक इनकी बात सुनने को तैयार नहीं हुए और मवेशी लेकर जा रहे दोनों लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी. स्थानीय बुद्धिजीवियों ने मामले से मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनय राम को अवगत कराया. सूचना मिलने के तुरंत बाद ही थानेदार दलबल के साथ पहुंचे और किसी तरह घायल को अस्पताल पहुंचाया. दूसरी तरफ दोनों युवकों को बचाने में दो तीन स्थानीय लोग भी मामूली तौर पर चोटिल हुए हैं.
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डीसी-एसपी ने लिया घटना का जायजा
इधर, जानकारी के बाद डीसी राहुल कुमार सिन्हा, एसपी अमित रेणू, एसडीएम विशालदीप खलखो, एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, डीएसपी संजय राणा, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी मौके पर पहुंचे. डीसी एसपी ने इस घटना में शामिल लोगों को चिन्हित करते हुए तुरंत ही गिरफ्तार करने को कहा. इसके बाद पुलिस ने आधा दर्जन संदिग्ध को पकड़ा जिनसे पूछताछ की जा रही है. डीसी एसपी ने कहा की माहौल को खराब करने का प्रयास करनेवालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.
झारखंड विधानसभा में 21 दिसंबर को झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने एक बिल पास किया. जिसका नाम है ‘भीड़ हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग विधेयक, 2021’. विधेयक के अनुसार मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) के दोषी को सश्रम आजीवन कारावास के अलावा 25 लाख रुपए जुर्माना देना होगा.