बगोदर/गिरिडीहः सूबे के सीएम रघुवर दास ने बुधवार को 40 साल पुरानी कोनार परियोजना के तहत नहर का बड़े ही ताम झाम के साथ उद्घाटन किया. हालांकि उद्घाटन के महज 16 घंटे के अंदर ही कोनार नहर का तटबंध बह गया. नहर का पानी स्थानीय किसानो के घरों और खेतों में घुस गया, जिससे किसानों को करीब 1 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा.
बताया जा रहा है कि बगोदर प्रखंड के कुसमरजा के पास कच्ची नहर का तटबंध बुधवार देर रात टूट गया. इससे नहर का पानी खेतों में चले जाने से मकई की तैयार फसलें सहित धान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. नहर का तटबंध जहां टूटा है, वो जगह कोनार नहर डुमरी डिवीजन में पड़ती है. कार्यपालक अभियंता विधानंद सिंह का कहना है कि काफी पुरानी और कच्ची नहर होने की वजह से नहर का तटबंध टूटा है. उन्होंने बताया कि रिपेयरिंग कर नहर को दुरूस्त कर लिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों के नुकसान की भरपाई को लेकर वो वरीय अधिकारियों से बात करेंगे.
सीएम ने कल किया था नहर का उद्घाटन
उतरी छोटानागपुर की बहुप्रतीक्षित कोनार नहर सिंचाई परियोजना का सीएम रघुवर दास ने बुधवार 28 अगस्त को उद्घाटन किया. विष्णुगढ़ प्रखंड के बनासो से सटे बिलंडी के पास उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया. गौरतलब है कि इलाके की बहुप्रतीक्षित इस योजना का उद्घाटन 40 साल बाद किया गया. इस योजना के उद्घाटन से किसानों में खुशी की लहर थी. हालांकि, कुसमरजा पंचायत के घोसको, खटैया, बरवाडीह जैसे गांव के सैकड़ों किसानों के लिए यह खुशी कुछ हीं घंटे बाद निराशा में बदल गई. प्रभावित किसानों ने सरकार से मुआवजा की मांग की है. किसानों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर सरकार मुआवजा नहीं देती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
विधायक ने की कार्रवाई की मांग
नहर बहने पर स्थानीय विधायक नागेंद्र महतो ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यह विभागीय लापरवाही का नतीजा है. उन्होंने मामले में कार्रवाई करते हुए क्षतिग्रस्त नहर के तटबंध को जल्द मरम्मती करने की मांग की है. उन्होंने कोनार नहर के चीफ इंजीनियर को भी मामले से अवगत कराते हुए टूटे तटबंध को दुरूस्त करने को कहा है.