गिरिडीह: मधुबन (Madhuban) स्थित तेरहपंथी कोठी (Terahpanthi Kothi) में आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज (Acharya Vishuddha Sagar Ji Maharaj) के सानिध्य में दीक्षा महोत्सव का आयोजन हुआ. यहां एक साथ पांच दीक्षार्थी ने दिगम्बरत्व की दीक्षा (Digambartva initiation) ग्रहण की. इस दीक्षा कार्यक्रम के दौरान एक हादसा हुआ जिसमें कार्यक्रम का स्टेज टूट कर गिर गया. इस हादसे में कुछ लोगों को मामूली चोटें लगी.
इन लोगों ने ली दीक्षा
सम्मेद शिखरजी पारसनाथ (Sammed Shikharji Parasnath) में जिन लोगों ने दीक्षा ग्रहण की है उनमें दिल्ली के 29 वर्षीय अविरल जैन (Aviral jain), मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के बह्मचारी स्वागत भैया (Swagat Bhaiya), पन्ना जिले के बृजेश भैया (brijesh bhaiya), भोपाल के संजय भैया (Sanjai Bhaiya), भिंड से अंकुश भैया (Ankush Bhiya) शामिल हैं. ये सभी कई वर्षों से ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे हैं. इस कार्यक्रम को लेकर मधुबन में काफी उत्साह देखने को मिला.
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30 लाख का पैकेज छोड़ चुके हैं आइआइटीयन अविरल
जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में 14 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम में दीक्षा लेने वाले कम्प्यूटर इंजीनियर अविरल जैन 30 लाख का पैकेज को छोड़कर जैन मुनि बनेंगे. बताया गया कि अविरल ने अपनी दिल्ली के दयानंद विहार स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल से पूरी की. यहां के बाद इन्होंने वाराणसी स्थित आइआइटी बीएचयू से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उन्होंने वॉल मार्ट नामक कंपनी में 30 लाख पर नौकरी की थी.
फरवरी 2019 में उन्होंने नौकरी छोड़ी और विशुद्ध सागरजी महाराज के सानिध्य में आ गये. जैन मुनि बनने प्रक्रिया कठिन होती है. ढाई साल की साधना और तपस्या के बाद विशुद्ध सागरजी महाराज ने उन्हें दीक्षा देने की स्वीकृति दी. मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के ब्रजेश परिवार के पुश्तैनी हीरा कारोबार से जुड़े थे. जिंदगी सुख-सुविधाओं के बीच गुजर रही थी. उन्होंने भी एक दिन विशुद्ध सागरजी महाराज के सानिध्य में आकर संन्यास का फैसला लिया.
इसी तरह भिंड निवासी अंकुश ने स्नातक पास की तो परिवार वालों ने उम्मीद लगा रखी थी कि वो करियर की कोई चमकती हुई राह ढूंढ़ेंगे. उन्होंने भी एक दिन अचानक घरवालों को संन्यास का निर्णय सुनाया तो सब हैरान रह गये. परिवार के लोगों ने मनाने की कोशिश की लेकिन अंतत: अंकुश के निर्णय पर सभी को सहमत होना पड़ा. बाकी दो की कहानियां भी ऐसी ही रहीं. इन सभी के संन्यास और दीक्षा को लेकर मधुबन में अभूतपूर्व भक्ति का माहौल है.